सूचनाएँ/Information ☆ नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव में श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” को नेपाल- भारत सहित्य सेतु सम्मान – अभिनंदन ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव में श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” को नेपाल- भारत सहित्य सेतु सम्मान – अभिनंदन 🌹

विराट नगर। नेपाल की औद्योगिक नगरी विराट नगर में 17 मार्च से तीन दिवसीय नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव आयोजित किया गया हैं। इस आयोजन के प्रथम दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर रतनगढ़ के साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए नेपाल-भारत सहित्य सेतु सम्मान से सम्मानित किया गया। आप की अब तक 38 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इसी के साथ आप कई रचनाएं विभिन्न प्रदेशों के पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित की गई। एक पुस्तक प्रकाशन विभाग, सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भी प्रकाशित की गई हैं।

आपने प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र के अध्यक्षता करते हुए अपने उद्बोधन में कहा है कि- “इस तरह के कार्यक्रम से साहित्यिक एवं मैत्रिक संबंध मजबूत होते हैं। इससे हमें एक-दूसरे के साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं परंपरागत रीति-रिवाजों को जानने-समझने का मौका मिलता है। इससे हमारे आपसी संबंधों को मजबूती मिलती हैं।”

क्रांति धरा एवं विराट नगर महापालिका के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित नेपाल भारत साहित्यिक महोत्सव, रामजानकी मंदिर, विराट नगर (नेपाल) में आयोजित किया गया हैं। जिसमें प्रमुख अतिथि भूतपूर्व प्रदेश प्रमुख (गवर्नर) कोसी प्रदेश नेपाल के श्री गोविंद सुब्बाजी, विशिष्ट अतिथि विराटनगर के महानगर पालिका प्रमुख (मेयर) श्री नागेश कोइरालाजी, प्रज्ञा प्रतिष्ठान मधेश प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. राम भरोसे कापड़ी (पोखरा), पूर्व सांसद खेम नेपाली, विधायक किशोरचन्द्र दुलार, आयोजक डॉ. विजय पण्डित, देवी पंथी, गजलकार पूजा बहार, नेपाल भारत मैत्री संघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र मोहन झा एवं भारत-नेपाल से आमंत्रित 300 से अधिक साहित्यकारों ने सहभागिता की है।

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

☆ माधव कौशिक साहित्य अकादमी अध्यक्ष

यह हमारे लिये बड़े गौरव व खुशी की बात है कि माधव कौशिक देश की साहित्य अकादमी के अध्यक्ष बने । वे मूलतः हरियाणा की छोटी काशी कहे जाने वाले भिवानी से संबंध रखते हैं और काफी समय से चंडीगढ़ ही रहते हैं । एक सशक्त साहित्यकार और हरियाणा साहित्य अकादमी से अनेक बार पुरस्कृत । चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष भी हैं । पहले वे काफी वर्षों से साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे । अब वे विधिवत साहित्य अकादमी के अध्यक्ष बन गये । हमारी ओर से बधाई ।

कुरूक्षेत्र में ओमप्रकाश ग्रेवाल को याद किया : कुरूक्षेत्र के कैलाश नगर स्थित डॉ.ओम प्रकाश ग्रेवाल अध्ययन संस्थान द्वारा एक ऐतिहासिक महत्व का अविस्मरणीय व्याख्यान करवाया गया जिसका विषय था – ‘ देश विभाजन : तब और अब’ व्याख्यान देने के लिए विख्यात विद्वान, देश और दुनिया की अनेक सर्वोत्तम उच्च शिक्षा संस्थाओं में रहे वर्तमान में अमेरिका की ओहायो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एमेरिटस डॉ. अमृतजीत सिंह विशेष रुप से कुरुक्षेत्र आमंत्रित थे । अमृतजीत सिंह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और डॉ. ग्रेवाल के विद्यार्थी रहे हैं । उन्होंने डॉ ग्रेवाल के साथ अपनी बहुत सी स्मृतियों को साझा किया। व्याख्यान शुरू करते हुए उन्होंने बताया कि सन् 1947 में देश की आजादी के साथ विभाजन की त्रासदी भी घटित हुई। इस समय हुए दंगे-फसादों में दस लाख से ऊपर निरपराध लोग मारे गए और एक करोड़ से ऊपर विस्थापित हुए । उस समय के दर्दनाक वृत्तांत बहुत हैं जिनमें हिंसा और नफरत है लेकिन उतने ही किस्से मोहब्बत, इन्सानियत, एक-दूसरे की हिफाज़त करने के भी हैं ।

डॉ सिंह ने कहा कि विभाजन दिल और दिमाग में जब तक खत्म नहीं होता तब तक यह निरंतर चलता रहेगा । उन्होंने कहा विभाजन 1984 में भी हुआ था 1994 में भी हुआ था 2002 में भी हुआ था और दिलों में तो यह अब भी जारी है। भीष्म साहनी और पाकिस्तानी लेखक इंतजार हुसैन के साहित्य का उदाहरण देकर उन्होंने विभाजन को खत्म करने के लिए कुछ सूत्र दिए । हमें नए सिरे से बेहतर भविष्य बनाने के लिए काम करना पड़ेगा उन्होंने बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वह देश आर्थिक व्यवस्था में हमसे बेहतर काम कर रहा है क्योंकि उसने विभाजन की राजनीति को छोड़ दिया है ।

बहस में सुरेन्द्र पाल सिंह ने लखविंदर पाल सिंह ग्रेवाल, प्रिंसिपल सहेमराज शर्मा, ओम सिंह अशफ़ाक, डॉ.टी.आर.कुण्डू, डॉ.दिनेश दधीचि, डॉ. रामेश्वर दास,दीपक वोहरा, विकास शर्मा,शशि प्रकाश,सुशील, डॉ. रविन्द्र गासो,मुरथल यूनिवर्सिटी से जसमिन्द्र,राहुल मलिक आदि ने गंभीर प्रश्न खड़े किए ।

इंडिया नेटबुक्स सम्मान : नोएडा में इंडिया नेटबुक्स के संचालक डाॅ संजीव कुमार ने पिछले रविवार लेखकों को सम्मानित प्रदान किये । सर्वोच्च सम्मान वरिष्ठ लेखिका चित्रा मुद्गलप्रताप सहगल को प्रदान किया गया । इनके अतिरिक्त देश भर से पचपन लेखकों /संपादकों को सम्मानित किया गया जिसमें जनसत्ता के संपादक मुकेश भारद्वाज उल्लेखनीय हैं । किसी भी प्रकाशन संस्थान द्वारा लेखकों को सम्मानित करना एक अच्छी परंपरा है जिसे संजीव कुमार निभा रहे हैं । इनके साथ डाॅ प्रेम जनमेजय भी एक सलाहकार की तरह जुटे हैं । पंजाब , चंडीगढ़ से लेकर छत्तीसगढ़, राजस्थान तक से लेखक इसमें भाग लेने आये । भव्य समारोह के लिए डाॅ संजीव कुमार को बधाई । पर सम्मान के लिए इतनी लम्बी सूची थोड़ी कम की जानी चाहिए जिससे इनकी गरिमा बनी रह सके ।

हिसार मे रंग आंगन नाट्योत्सव : हिसार में पिछले नौ वर्ष से रंगकर्मी मनीष जोशी अभिनय रंगमंच की ओर से रंग आंगन नाट्योत्सव का आयोजन करते हैं । इस फिर भी दस से सत्रह मार्च तक यह नाट्योत्सव आयोजित किया गया । इसमें मुम्बई से प्रसिद्ध एक्टर राजेंद्र गुप्ता और हिमानी शिवपुरी अपने नाटक -जीना इसी का नाम है के साथ हिसार आये । तुलसी सभागार में इसका प्रभावशाली मंचन हुआ । दोनों कलाकार बाद में बाल भवन में लोगों से खूब सहजता से मिले और नाटक भी देखा । इस नाट्योत्सव में असम , दिल्ली , पंजाब व हरियाणा से अनेक नाट्य दल अपनी नयी प्रस्तुतियां मंचित करने आये । इसमें एक दिन बच्चों के लिये कठपुतली शो भी रखा जाता है और प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना राखी जोशी भी अपनी छात्राओं को साथ एक शो देती हैं । इस नाट्योत्सव का अब हर साल हिसारवासियों को बेसब्री से इंतजार रहता है ।

दिल्ली में नट सम्राट : दिल्ली की नाट्य संस्था नट सम्राट के संस्थापक व रंगकर्मी श्याम कुमार ने नट सम्राट नाट्योत्सव का आयोजन किया । इसमें एक दर्जन साहित्यकारों व रंगकर्मियों को नट सम्राट सम्मान प्रदान किये गये जिनमें क्रिटिक अवाॅर्ड मुझे भी मिला । ये नाट्य संस्थायें नाटक की मशाल को जलाये हुए हैं
इसके लिये इनके जज्बे को सलाम ।

चित्रा मुद्गल और शशि पुरवार को सम्मान : मुम्बई निवासी सशक्त रचनाकार शशि पुरवार को महाराष्ट्र साहित्य अकादमी की ओर से नभदेव सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई है । इसी अकादमी ने चित्रा मुद्गल को सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा भी की है ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ शिक्षा और सुरक्षा में है महिला सशक्तिकरण का मूलाधार – वानप्रस्थ (वरिष्ठ नागरिकों की संस्था) का आयोजन ☆ श्री अजीत सिंह

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

(श्री अजीत सिंह, पूर्व समाचार निदेशक, दूरदर्शन)

☆ शिक्षा और सुरक्षा में है महिला सशक्तिकरण का मूलाधार – वानप्रस्थ (वरिष्ठ नागरिकों की संस्था) का आयोजन

महिलाओं का विकास रुकते ही दुनिया का विकास ठहर जाता है; वानप्रस्थ में गोष्ठी

हिसार। मार्च ११। महिला दिवस के उपलक्ष्य में वानप्रस्थ संस्था द्वारा सीनियर सिटीजन क्लब में आयोजित चर्चा में महिला सदस्यों ने उन सभी मुद्दों पर दिल खोलकर बात की जो कहीं गहरे में उन्हें चुभन देते हैं। जिन मुद्दों की पहचान कर उनके समाधान की बात की गई उनमें माता पिता और समाज द्वारा बेटा बेटी में फर्क, दहेज़ का मसला, संपत्ति में हक, झूठे सम्मान के लिए युवाओं की हत्या, समान वेतन, बाल विवाह, सास बहू के झगड़े, राजनीति में हिस्सेदारी व महिलाओं के लिए स्कूल कॉलेजों व दफ्तरों में शौचालय जैसी सुविधाओं के अभाव के मुद्दे शामिल थे। इस बात पर सब एकमत थे कि महिला सशक्तिकरण का मूलाधार शिक्षा और सुरक्षा में है।

चर्चा की शुरुआत करते हुए प्रो सुनीता श्योकंद ने विश्व स्तर तथा राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के साथ भेदभाव के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि  महिलाओं के लिए सुरक्षा और पोषण के मुद्दे महिला सशक्तिकरण के मार्ग में आज भी बाधा बने हुए हैं हालांकि कानून के हिसाब से उन्हें पुरुषों के बराबर अधिकार प्राप्त हैं। इसके लिए समाज की सोच बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने ने कहा कि जहां महिलाओं का विकास रुक जाता है, वहीं दुनिया का विकास भी रुक जाता है।

प्रो पुष्पा खरब का कहना था कि लड़कियों और महिलाओं के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए, इस बारे में परिवार द्वारा लड़कों को संस्कार दिए जाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि समाज में बेटे की चाहत इतनी प्रबल हो गई है कि बेटियों के पिता को बेऔलादा समझा जाता है।

प्रो पुष्पा सतीजा का कहना था कि गर्भ में लिंग का पता लगाने की तकनीक के आने से कन्या भ्रूण हत्या का चलन बढ़ गया है । इससे लड़के लड़कियों का अनुपात बिगड़ रहा है, बहुत से लड़कों के रिश्ते नहीं हो रहे हैं और समाज में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं।

प्रो सुनीता जैन का कहना था कि कामकाजी महिलाओं के पतियों को घर के काम काज में उनका हाथ बटाना चाहिए जैसा कि पश्चिमी देशों के समाज में होता है।
मांओं को बेटियों की तरह बेटों को भी घर का काम सिखाना चाहिए ताकि वे बड़े होकर ये काम करते हुए शर्म या झिझक महसूस न करें।

वीना अग्रवाल का कहना था कि यह बड़ी विडंबना है कि ढाबे या होटल का रसोइया घर आकर अपना खाना नहीं बनाता, बीवी से ही बनवाता है।

पूर्व बैंक मैनेजर संतोष डांग ने कहा कि नौकरी करने वाली महिलाएं भी अपने वेतन को स्वयं खर्च नहीं करती, पति ही करते हैं। उनका सुझाव था कि हर पति को अपनी जायदाद, बैंक खातों व बीमा आदि की पूरी जानकारी पत्नी को देनी चाहिए ताकि पति की मृत्यु की स्थिति में वह इसका लाभ उठा सके। उन्होंने बताया कि बैंकों में हजारों करोड़ रूपये पड़े हैं जिनका कोई दावेदार ही नहीं है।

प्रो स्वराज कुमारी का कहना था कि पुरुषों द्वारा महिलाओं को नीचा दिखाने के चुटकले व किस्से बंद होने चाहिएं।सभ्य समाज में ऐसा करना अनुचित है।

प्रो राज गर्ग ने अपनी बात एक कविता के माध्यम से रखते हुए कहा कि वे पुरुषों की ज्यादतियां सहने वाली नारियों को अपना आदर्श न मानते हुए केवल अपने जैसी ही बनेंगी और अपनी आज़ादी और अपने अधिकारों पर आंच नहीं आने देंगी।

“मैं गाँधारी नहीं बनूंगी

नेत्रहीन पति की आँखे बनूंगी

अपनी आँखे मूंद लूं

अंधेरों को चूम लूं

ऐसा अर्थहीन त्याग

मै नहीं करूंगी

मेरी आँखो से वो देखे

ऐसे प्रयत्न करती रहूँगी

मैं गाँधारी नहीं बनूँगी।

मैं, मैं हूँ ।

मैं ही रहूँगी……..”

महिला वक्ताओं के इलावा वानप्रस्थ के पुरुष सदस्यों ने भी महिला अधिकारों पर अपने विचार रखे। दूरदर्शन के पूर्व समाचार निदेशक अजीत सिंह का कहना था कि आजकल बच्चों को संस्कार या दुराचार सिखाने का काम टेलीविजन और स्मार्ट फोन से हो रहा है क्योंकि परिवारों में माता पिता और बच्चों के बीच संवाद का सिलसिला बहुत ही कमज़ोर हो चुका है और यह गंभीर चिंता का विषय है।

लगभग अढ़ाई घंटे चली गोष्ठी में प्रो एम पी गुप्ता, प्रो बी के सिंह, प्रो नरेश बंसल, डॉ मनवीर, प्रो सुरजीत जैन, प्रो जे के डांग, प्रो एस के अग्रवाल, एस एस लाठर, उम्मेद सिंह व अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

वानप्रस्थ की गोष्ठी का दृश्य।

©  श्री अजीत सिंह

पूर्व समाचार निदेशक, दूरदर्शन

संपर्क: 9466647037

ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ इंडिया नेटबुक्स, बीपीए फ़ाउंडेशन, और अनुस्वार द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार सम्मानित – अभिनंदन☆ साभार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

इंडिया नेटबुक्स, बीपीए फ़ाउंडेशन, और अनुस्वार द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार सम्मानित – अभिनंदन

इंडिया नेटबुक्स, बीपीए फ़ाउंडेशन, और अनुस्वार के संयुक्त तत्वावधान में प्रत्येक वर्ष पंडित भगवती प्रसाद अवस्थी की जयंती पर चयनित रचनाकारों को सम्मानित किया गया। वर्ष २०२२ के लिये चयन समिति (श्रीमती ममता कालिया, सर्वश्री हरिसुमन विष्ट, प्रेम जनमेजय, राजेश कुमार, लालित्य ललित, प्रभात शुक्ला, डा. मनोरमा) ने इन पुरस्कारों की घोषणा की थी।

इस वर्ष का शिखर सम्मान-वेद व्यास सम्मान-श्रीमती चित्रा मुद्गल को और वागीश्वरी सम्मान के लिए श्री प्रताप सहगल को दिया गया. 

लघुकथा रत्न पुरस्कार के लिए श्री कमलेश भारतीय

साहित्य विभूषण सम्मानों के लिए  सर्वश्री फारुक अफ़रीदी, गिरीश पंकज, राहुल देव, मुकेश भारद्वाज और प्रबोध कुमार गोविल को दिया गया ।

(ई-अभिव्यक्ति के हिंदी संपादन सहयोगी श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव को साहित्य के क्षेत्र में व्यंग्य भूषण अलंकरण से सम्मानित किया गया – अभिनंदन 💐)

संपादक – (ई-अभिव्यक्ति) 

साहित्य भूषण पुरस्कार के लिये विवेक रंजन श्रीवास्तव,अरूण अर्णव खरे, धर्मपाल महेंद्र जैन (कनाडा), उर्मिला शिरींष, श्याम सखा श्याम, हरिप्रकाश राठी, अनिता कपूर (यूएसए) संध्या सिंह (सिंगापुर), वीना सिन्हा (नेपाल), मंजू लोढ़ा, राजेंद्र मोहन शर्मा (जयपुर) को दिया गया।

साहित्य रत्न पुरस्कार अंजू खरबंदा, स्वाति चौधरी, सीमा चडढा, अपर्णा, चार्वी अग्रवाल, प्रदीप कुमार (मनोरमा ईयर बुक), आलोक शुक्ला, सुषमा मुनीन्द्र, यशोधरा भटनागर, अनिता रश्मि, मनोज अबोध, जयराम जय, धरमपाल साहिल,रोहित कुमार हैप्पी (न्यूजीलैंड), गंगााराम राज़ी, बलराम अग्रवाल, कमलेश भारतीय, देवेंद्र जोशी , राम अवतार बैरवा, शैलेंद्र शर्मा, सुभाष नीरव एवं पारूल तोमर को दिये गये है ॥

 समाज सेवा में संलग्न सेवियों को समाज रत्न पुरस्कार दिए गए- आलोक शुक्ला, संजय मिश्रा, रिंकी त्रिवेदी, सुधीर आचार्य, वरुण महेश्वरी और प्रेम विज

समाज रत्न पुरस्कार के लिए चयनित राजूरकर राज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिया गया।

सभी सम्मान व पुरस्कारों का अलंकरण समारोह 12 मार्च 2023 को होटल क्राउन प्लाज़ा, मयूर विहार फेज़-1 एक्सटेंशन, दिल्ली में संपन्न हुआ।

साभार – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव

🌹 सभी सम्मानित साहित्यकारों को ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🌹

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार – जयपुर से ☆ प्रस्तुति – डॉ निशा अग्रवाल ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार – जयपुर से  – डॉ निशा अग्रवाल🌹

🌹 भारत नेपाल साहित्य महोत्सव आयोजित 🌹

भारत के पड़ोसी देश नेपाल के विराटनगर शहर में भारत और नेपाल के चुनिंदा साहित्यकारों का कुंभ भारत नेपाल साहित्य महोत्सव 17 से 19 मार्च तक लगातार चौथे वर्ष आयोजित किया जा रहा है। 

इस कार्यक्रम  में जयपुर (राजस्थान) से राव शिवराज पाल सिंह और डॉ श्रीमती निशा अग्रवाल को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। ज्ञातत्व है कि राजस्थान से पहली बार दो साहित्यकारों को साहित्य के इस विशाल कुंभ में आमंत्रित किया गया है। राव शिवराज पाल सिंह बेहद बहुमुखी प्रतिभा के धनी है। ये जाने माने कवि, गद्यकार, कॉलम लेखक, राजपूताने इतिहास के अध्येता और विरासत सरंक्षण में विशेषज्ञ हैं। डॉ निशा अग्रवाल बाड़ी निवासी श्री जगदीश प्रसाद मंगल (पिपरैट वाले) की सुपुत्री हैं। ये शिक्षाविद होने के साथ साथ लेखिका, कवयित्री, स्क्रिप्ट राइटर और एंकर भी हैं। कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में ये देश में ही नहीं अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बना रही हैं। डॉ निशा शिक्षा विषय से पीएचडी हैं। वर्ष 2022 में अल्जीरिया से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित हैं। डॉ निशा की संस्कृति एवं साहित्य के प्रति समर्पण की भावना बेहद सराहनीय एवं प्रशंसनीय है।

किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था विशेष द्वारा भारत की इन दोनों बहुमुखी प्रतिभाओं का अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान गौरवपूर्ण कार्य है। आपको बता दें कि नेपाल -भारत साहित्य महोत्सव में देश के कुछ ही चुनिंदा साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया है। भारतीय हिंदी साहित्य के प्रतिनिधि के रूप में इनका सम्मान भी किया जायेगा। राव शिवराज और डॉ निशा ने बताया कि देश से बाहर हिंदी का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्हें बेहद गौरव की अनुभूति हो रही है और हमारा प्रयास रहेगा कि हिंदी को विश्व पटल पर सम्मानजनक स्थान मिले।

साभार –  डॉ निशा अग्रवाल

जयपुर ,राजस्थान  

 ☆ (ब्यूरो चीफ ऑफ जयपुर ‘सच की दस्तक’ मासिक पत्रिका)  ☆ एजुकेशनिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, लेखिका, गायिका, कवियत्री  ☆ 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ “तब जाकर मुझे छाँव मिली” कविता संग्रह का विमोचन ☆ डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🍁 “तब जाकर मुझे छाँव मिली” कविता संग्रह का विमोचन 🍁

मार्च 2023 को हिंदी विभाग, महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे की ओर से “तब जाकर मुझे छाँव मिली” का विमोचन समारोह का आयोजन किया गया था l
मेरा जीवन संघर्ष विषय पर आधारित साझा कविता संग्रह के लिए हिंदी विभाग की ओर से कविताएँ भेजने का आवाहन छह माह पूर्व किया गया था उसके परिणामस्वरुप हिंदी विभाग को भारतभर से बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला और लगभग 90 कविताएँ प्राप्त हुई l प्राध्यापक, हिंदी प्रेमी, वरिष्ठ कवि, निमंत्रित कवि आदि की जीवन संघर्ष विषय पर कविताएँ इस पुस्तक में संकलित की गई l विभिन्न प्रकार से जीवन के संघर्ष की अभिव्यक्ति करने वाली इन कविताओं का संकलन और संपादन का कार्य डॉ. प्रेरणा उबाळे ने किया l

शैलजा प्रकाशन, कानपुर के श्री आशुतोष तिवारी ने पुस्तक का प्रकाशन किया है l इस पुस्तक की भूमिका डॉ. सुनील देवधर ने लिखी है l

प्रस्तुत समारोह में सचिव प्रा. शामकांत देशमुख, मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव, उपप्राचार्य डॉ. विजय गायकवाड और हिंदी विभागप्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे के कर कमलों से पुस्तक का विमोचन किया गया l

डॉ. सुनील देवधर जी ने अपने व्याख्यान में कविता, कवि और शब्दों के महत्व पर प्रकाश डाला और सभी कवियों के लेखन की प्रशंसा की प्राचार्य डॉ राजेंद्र झुंजारराव ने छात्रों के लेखन को सराहा तथा जीवन को उन्नत बनाने के लिए संघर्ष को आवश्यक माना l संस्था के सचिव और प्रशासन विभाग के उपप्राचार्य प्रा. शामकांत देशमुख जी ने कविता-संग्रह के शीर्षक की सराहना की l साथ ही मराठी हिंदी के कवि और उनके जीवन से संबंधित कुछ किस्सों को ताजा किया l

इस कार्यक्रम में पुस्तक के लिए लेखन करने वाले उपस्थित कवियों को मान्यवर महानुभावों के हाथों “तब जाकर मुझे छाँव मिली” पुस्तक भेंट की इसके उपरांत उपस्थित कवियों ने अपने मंतव्य अभिव्यक्त किए l इनमें वाइ. के. सिंह, नंद कुमार मिश्रा, अमिताभ आर्य, दत्ता नागोसे आदि ने अपने मंतव्य प्रकट किए और इसमें सहभागी होने की खुशी जताई l

विमोचन समारोह में पुणे के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे l कार्यक्रम का संपूर्ण संयोजन हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे ने किया और मंच संचालन प्रा. असीर मुलाणी और प्रा. संतोष तांबे ने किया l

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५

संपर्क – 7028525378 / [email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

☆ डॉक्टर मनोज को रमन रिसर्च  फैलोशिप ☆

भोपाल के साइंटिस्ट डाॅ. मनोज कुमार गुप्ता को साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च काउंसिल की ओर से रमन रिसर्च फैलोशिप 2022-23के लिए सिलेक्ट किया गया ।यह फैलोशिप  इंजीनियरिंग साइंस के क्षेत्र  में दी गई  है ।

☆ भारतीय  कला और  एवं संस्कृति पर बुक लिखने में डाॅक्टर रंजन को लगे पाँच वर्ष ☆

2002 बैच के झारखंड कैडर के आइएएस डाॅ.रंजन ने तीन खंडों में कला संस्कृति के हर पक्ष को ध्यान  में रखकर पुस्तक  लिखी ।

“विज्ञान की गल्प  कथाएं लिखना चाहिए, ये  बच्चों का इमेजिनेशन बढ़ाती है  यह बात”टीनू का पुस्तकालय “पुस्तक  पर चर्चा करते हुए बाल कल्याण  एवं बाल साहित्य  शोध केन्द्र  में आदित्य अकादमी के निदेशक   विकास  दवे ने  कही ।मुख्य  अतिथि कुंकुम गुप्ता ने बच्चों को बाल कहानियाँ  पढ़ने पर जोर दिया ।सुमन ओबेराय  ने आज के मनोविज्ञान  के अनुसार  बाल साहित्य  लिखने के लिए  कहा ।इंदिरा त्रिवेदी ने कहा-बाल कहानियाँ सरल सहज और बच्चों की जिज्ञासा के अनुसार होनी चाहिए  ।

 लघुकथाकार  अपूर्व  सेन के नए लघुकथा संग्रह  ‘धुंध छँटते ही ‘ का लोकार्पण  वरिष्ठ  साहित्यकार  उर्मिला शिरीष  की अध्यक्षता में म.प्र.राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के बैनर तले हुआ ।

☆ मनीष  बादल  के गजल संग्रह  का लोकार्पण ☆

मनीष  बादल  के गजल संग्रह  ‘दो मिसरों में’ का लोकार्पण  जनजातीय  संग्रहालय में लोकार्पण  हुआ ।

☆ सरोकार साहित्य संवाद की व्यंग गोष्ठी सम्पन्न ☆

भोपाल | सरोकार साहित्य संवाद की व्यंग्य गोष्ठी वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ.हरि जोशी की अध्यक्षता एवम वरिष्ठ साहित्यकार श्री देवेंद्र जैन के मुख्य आतिथ्य एवम वरिष्ठ कवि प्रो0 चित्रभूषण श्रीवास्तव ‘ विदग्ध’ एवम वरिष्ठ कवि कथाकार श्री बलराम गुमाश्ता के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुई |

कार्यक्रम के प्रारम्भ में सरोकार साहित्य संवाद की और से संस्था के संस्थापक अध्यक्ष व्यंग्यकार श्री कुमार सुरेश ने स्वागत उदबोधन किया इस अवसर पर उन्होंने पुस्तकें भेंटकर मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया |

साहित्यकार घनश्याम मैथिल “अमृत” के संचालन में व्यंग्य गोष्ठी आरम्भ हुई जिसमें सर्वप्रथम व्यंग्यकार श्री कुमार सुरेश ने ‘सरकारी बैठक ‘ एवं ‘आम आदमी को वॉशरूम का सपना ‘ व्यंग्यों का प्रभावी वाचन किया, व्यंग्यकार श्री विवेकरंजन श्रीवास्तव ने ‘किंकर्तव्यविमूढ़ अर्जुन ‘ और ‘आदमी को मयस्सर नहीं इंसा होना ‘ सुनाकर उपस्थितजनों को भाव विभोर कर दिया |

अगले क्रम में व्यंग्यकार श्री अशोक व्यास ने समसामयिक व्यंग्य ‘होली के रंग बापू के संग ‘प्रस्तुत कर श्रोताओं को ताली बजाने पर विवश कर दिया ,इस व्यंग्य गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जवाहर कर्नावट के व्यंग्य ‘गरीब जो देखन चला ‘ को भी उपस्थितजनों का भरपूर आशीर्वाद मिला | इस गोष्ठी में वरिष्ठ कवियत्री कथाकार डॉ नीहारिका रश्मि के व्यंग्य ‘देशभक्ति ज़िंदाबाद ‘ को भी खूब पसंद किया गया |

श्री सुरेश पटवा ने उन्होंने ‘एक हिंदी सेवी की विदेश यात्रा ‘ व्यंग्य का पाठ किया | इसके पश्चात सुपरिचित व्यंग्यकार श्री विजी श्रीवास्तव ने ‘एक गधे को कुत्ते की मौत ‘ व्यंग्य का पाठ कर इस व्यंग्य गोष्ठी को यादगार बनाकर शिखर तक पहुंचा दिया |

इस आयोजन में डॉ हरि जोशी के आत्मकथा सङ्ग्रह ‘ तूफानों से घिरी ज़िन्दगी ” का लोकार्पण किया गया | इस अवसर पर आयोजन के मुख्य अतिथि श्री देवेंद्रकुमार जैन ने अपने उद्बोधन में व्यंग्य की बढ़ती स्वीकार्यता पर प्रकाश डाला और कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ हरि जोशी ने समकालीन व्यंग्य के समक्ष उपस्थित चुनोतियों की चर्चा की कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि कवि कथाकार श्री बलराम गुमाश्ता ने व्यंगकार को पक्ष अथवा विपक्ष में नहीं बल्कि प्रतिपक्ष की भूमिका निर्वहन की बात की ,इस आयोजन में वरिष्ठ साहित्यकार प्रो0चित्रभूषण श्रीवास्तव विदग्ध ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए |

☆ शिखर साहित्य संगम भोपाल द्वारा होली विषय पर काव्य गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न ☆

शिखर साहित्य संगम भोपाल का आभासी पटल पर होली महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत होली विषय पर  काव्य गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.वंदना मिश्र जी साहित्यकार पूर्व प्रधानाचार्य  हमीदिया स्कूल भोपाल ने की।

मुख्य अतिथि  उषा सक्सेना जी भोपाल लेखिका साहित्यकार थी। विशेष अतिथि डॉ हरिदत्त गौतम ‘अमर’ जी,मोदी नगर गाजियाबाद (उ. प्र.)थे। सरस्वती वंदना का पाठ डॉ प्रो.मंजरी अरविंद गुरु,रायगढ़ (छ. ग.)किया । सभी साहित्यकारों का स्वागतम अभिनन्दन एवम संचालन शिखर पटल के अध्यक्ष कवि अशोक गौतम ने किया। अंत में  सभी का आभार व्यक्त  कवि चन्द्रभान सिंह चन्दर  जी ने किया।

आज की विशेष  होली काव्य गोष्ठी में जिन कवि कवयित्रियों ने काव्य के रंग बिखेरे उनमें मनोरमा पंत जी,भोपाल, रेखा कापसे,  कुमुद जी, बिहारी लाल सोनी अनुज कवयित्री अनीता शरद झा,आशा सिंह कपूर ,अंजली कुमार, पद्मा तिवारी, उषा सक्सेना जी,सुनीता मुकर्जी  जी, मधुलिका सक्सेना ,डॉ प्रो. मंजंरी,डॉ हरिदत्त गौतम ,रामलाल द्विवेदी ,चन्द्रभान सिंह चन्दर, डॉ वंदना मिश्र  डॉ औरिना अदा जी,रागिनी मित्तलडॉ प्रियंका भट्ट जी, पुष्पा गुप्ता ,तथाकविअशोक गौतम भोपाल नेकाव्य पाठ किया।

☆ अ. भा .कला मँदिर भोपाल द्वारा होली पर काव्य गोष्टी संपन्न ☆

अ. भा .कला मँदिर भोपाल द्वारा दिनाँक 11.  3. 2023 को ‘रंगोत्सव’ संस्था प्रमुख डाॅ. गौरी शंकर गौरीश  की अध्यक्षता में मनाया गया। समारोह  के मुख्य  अतिथि थे डाँ के जी सुरेश कुलपति माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता वि. वि,  विशिष्ट अतिथि श्री आलोक सँजर पूर्व साँसद म.प्र शासन ,और सारस्वत अतिथि थे डाँ सुरेन्द्र विहारी गोस्वामी पूर्व निर्देशक ग्रँथ अकादमी कार्यक्रम  का प्रारम्भ  अतुल शर्मा की सुदंर सगीतमयी सरस्वती वंदना से हुआ ।

सबसे पहले सँगीतमय फूलमार होली खेली गई। जिसे सरस्वती संगीत विद्यालय ने एक मनोहारी होली गीत  द्वारा जीवंत किया।फिर  बुँदेली होली, बृज की होली ,पारँपरिक होली एवं लोकगीतों  से पूरा सभागार  होली मय  हो गया ।कलाकार थेआशा श्रीवास्तव,सुधा दुबे,श्रीमती  रजनी वर्मा सुषमा   श्रीवास्तव ‘सजल’ राधारानी चौहान,और सभी के साथी ।राजेन्द्र  गट्टानी ,गोकुल सोनी,राकेश कुमार हैरत,    लोकगायक रामनरेश, तथावंदना खरे ने भी अपनी रचनाओं से सबको मंत्र मुग्ध  कर दिया ।

सभाध्यक्ष  गौरीशंकर  गौरीश  ने होली के महत्व को बताया ।मुख्य अतिथि श्रीके.जी .सुरेश ने अपने उद्बोधन  भाषण में कहा कि रंगोत्सव  जैसे कार्यक्रम  हमारी संस्कृति की पुष्टि करते हैं ।विशिष्ट  अतिथि आलोक संजर जी ने आज विद्वान  नहीं विद्यावान बनने की आवश्यकता है ।सारस्वत  अतिथि के रूप में गोस्वामी जी ने प्रमुख चार रंगों के माध्यम सप्रेम को परिभाषित  किया कि ईश्वर  के रंग में रंग जाना ही वास्तविक  प्रेम है ।

कार्यक्रम  का संचालन  हरिवल्लभ  जी शर्मा  एवं मधु शुक्ला ने किया तथा आभार प्रदर्शन मनोरमा पंत द्वारा किया गया ।

साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

☆ विनोद कुमार शुक्ल को अंतर्राष्ट्रीय सम्मान

प्रसिद्ध कवि, लेखक, उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल को अंतर्राष्ट्रीय सम्मान व्लादिमीर नाबाकोव से सम्मानित किया गया । यह अमेरिका के आस्कर अवाॅर्ड जैसा है और आजीवन लेखन सम्मान है जिसमें पचास हजार डालर यानी भारतीय करेंसी में 41 लाख रुपये दिये गये । यह गीतांजलि श्री को पिछले साल मिले बुकर सम्मान के बाद दूसरा ऐसा सम्मान है जो भारतीय मूल के किसी लेखक को मिला है । इनसे पहले अपने समय में अज्ञेयनिर्मल वर्मा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रहे । सम्मान पर बोलते हुए विनोद कुमार शुक्ल ने कहा कि मैंने सम्मान के लिये कभी नहीं लिखा । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह हिंदी की बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है । विनोद कुमार शुक्ल को हार्दिक बधाई । इन्हीं विनोद कुमार शुक्ल ने एक हिंदी प्रकाशक द्वारा अपनी राॅयल्टी न दिये जाने का वीडियो जारी किया था ।

लघुकथा रत्न पर कथा पाठ : कथा व लघुकथा में पिछले पचास सालों से सक्रिय व हरियाणा लेखक मंच के अध्यक्ष कमलेश भारतीय को इंडियानेट बुक्स की ओर से लघुकथा रत्न सम्मान प्रदान करने व दिल्ली की संस्था नट सम्राट की ओर से क्रिटिक अवाॅर्ड देने की घोषणा हुई है । इसी संदर्भ में हिसार के सर्वोदय भवन में कमलेश भारतीय को लघुकथा पाठ के लिये आमंत्रित किया गया । इसमें कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता पी के संधीर ने कहा कि लघुकथा देखन में छोटी मगर प्रभाव में बहुत बड़ी है । कमलेश भारतीय की लघुकथाओं की सराहना न केवल संधीर बल्कि दूरदर्शन के पूर्व समाचार निदेशक अजीत सिंहआकाशवाणी के पूर्व निदेशक विनोद मेहता ने की । इस गोष्ठी में नगर के अनेक साहित्य प्रेमी मौजूद रहे ।

हरिगंधा का महिला विशेषांक : हरियाणा साहित्य अकादमी की पत्रिका हरिगंधा का मार्च अंक महिला विशेषांक के रूप में आया है जो काफी प्रभावशाली रचनायें लिये हुए है । इसमें हरियाणा की रचनाकारों को यथायोग्य स्थान दिया गया है । गुलजार की कविता और अरुण कमल की ओर से अनुवादित कवितायें कवर पर हैं । मैत्रेयी पुष्पावर्षा खनगवाल के साक्षात्कार भी शानदार हैं । संपादक डाॅ चंद्र त्रिखा और अतिथि संपादिका कमल कपूर बधाई के पात्र हैं । बस । एक ही शहर के एकसाथ अनेक रचनाकारों की रचनायें होना थोड़ा खटकता है ।

हिसार में रंग नाट्योत्सव : हिसार में पिछले नौ वर्षों से रंग आंगन नाट्योत्सव का आयोजन हो रहा है और इतने वर्षों में देश के काम से कम तीन हजार रंगकर्मी इसमें अपने नाटक मंचित करने आ चुके हैं । इस बार बारह मार्च को प्रसिद्ध अभिनेता राजेंद्र गुप्ताअभिनेत्री हिमानी शिवपुरी, जीना इसी का नाम है नाटक मंचित करेंगे । यह दो पात्रों का ही नाटक है और जीवन की सांध्य बेला की समस्याओं को इसमें बड़े ही अच्छे ढंग से उठाया गया है । इसके अतिरिक्त सोलह नाटक मंचित किये जायेंगे ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार – जयपुर से ☆ प्रस्तुति – डॉ निशा अग्रवाल ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार – जयपुर से  – डॉ निशा अग्रवाल🌹

🌹 अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली के अवसर पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी आयोजित 🌹

अखिल भारतीय काव्य मंच मुंबई संस्था के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली के पुनीत अवसर पर एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में अध्यक्ष की भूमिका में वरिष्ठ लेखिका मोटिवेशनल स्पीकर मुंबई निवासी डॉ मंजू मंगल प्रभात लोढ़ा जी शामिल हुई। मुख्य अतिथि की भूमिका में वरिष्ठ कवयित्री रेखा ड्रोलिया जी कोलकाता से, विशिष्ट अतिथि की भूमिका में जयपुर से डॉ निशा अग्रवाल जी, उत्तराखंड से पूनम डबराल जी, मुंबई से खुशी झा,बलिया से युवा कवयित्री शिवांगी सिंह कृष्णा बावरी, अलीगढ़ से डॉ संगीता राज जी शामिल हुई। कार्यक्रम का संचालन श्रेष्ठ एवं लोकप्रिय संचालिका गाजियाबाद की पूनम माहेश्वरी जी ने किया। कार्यक्रम का आगाज खुशी झा की मां सरस्वती की वंदना से हुआ।

तत्पश्चात पूनम डबराल ने एक शानदार होली गीत की प्रस्तुति दी जिसे सभी ने सराहा।खुशी झा ने लाजवाब मुक्तक सुनाया। शिवांगी कृष्णा वावरी ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी। डॉ निशा अग्रवाल ने लाजवाब प्रस्तुति दी।उनकी रचनाओं ने सभी को प्रभावित किया। पूनम माहेश्वरी ने शानदार प्रस्तुति से सभी को प्रभावित किया। रेखा ड्रोलिया ने लाजवाब प्रस्तुति से सभी को प्रभावित किया और महिला की महत्ता को बताते हुए अपनी बात रखी। डॉ संगीता राज ने अद्भुत होली गीत सुनाया और महिला दिवस पर अपने विचार साझा किया। अंत में डॉ मंजू मंगल प्रभात लोढ़ा ने नारी के सभी रिश्तों को एक कविता के द्वारा बताते हुए अपनी शानदार कविता सुनाई और अपना अध्यक्षीय उद्बोधन भी दिया। डॉ मंजू मंगल प्रभात लोढ़ा ने अखिल भारतीय काव्य मंच को साधुवाद भी दिया। पटल के संस्थापक प्रो अंजनी द्विवेदी अनमोल ने सभी आमंत्रित सम्मानित साहित्यकारों को इस कार्यक्रम में जुड़ने के लिए धन्यवाद दिया।कार्यक्रम के संयोजक विकास मिश्र सागर ने सभी आमंत्रित अतिथियों श्रोताओं दर्शकों और पटल के पदाधिकारियों मुकेश पाण्डेय, निर्भय झा निर्वाण, ममता बारोट सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में शुभ्रा पालीवाल जी,सोहन लाल शर्मा प्रेम पूरे कार्यक्रम में जुड़े रहे। एक हजार से अधिक कमेंट्स से श्रोताओं और दर्शकों ने इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता प्रदान की।

साभार –  डॉ निशा अग्रवाल

जयपुर ,राजस्थान  

 ☆ (ब्यूरो चीफ ऑफ जयपुर ‘सच की दस्तक’ मासिक पत्रिका)  ☆ एजुकेशनिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, लेखिका, गायिका, कवियत्री  ☆ 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

☆ पुस्तक मेले में लम्बी लम्बी कतारें – कमलेश भारतीय

दिल्ली के प्रगति मैदान में पुस्तक मेला जारी है और पांच मार्च को संपन्न होगा । तीस देशों के प्रकाशक इसमें अपनी पुस्तकें लेकर आये हैं । पिछले रविवार पुस्तक मेले में जाने का अवसर मिला । कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक विभाग के पूर्व निदेशक , रंगकर्मी व लेखक अनूप लाठर की नयी किताब –काल और ताल के विमोचन पर ! प्रो योगेश सिंह और प्रो अनु लाठर ने इसका विमोचन किया । इस बहाने सारी रौनक देखने को मिली । सबसे खुशी की बात कि मेले में प्रवेश के लिये लम्बी लम्बी कतारें लगी थीं। अंदर बाहर मेला ही मेला ! नागपुर से सृजन बिम्ब की संचालिका रीमा दीवान चड्ढा ने भी अपने प्रकाशन की पुस्तकों का विमोचन करवाया । लघुकथा के अनेक परिंदे कांता राॅय के आमंत्रण पर मौजूद रहे । हर स्टाॅल पर लेखक ही लेखक ! मिलन एक साल बाद ! नयी से नयी पुस्तकों का विमोचन और चर्चायें ! फिर एक साल बाद जुटेंगे ! व्यवस्था भी खूब तारीफ के लायक ! सबको बधाई जिनकी किताबें आईं और विमोचन हुए ।

यह मेला और इसकी रौनक बताते है कि अभी छपी हुई किताब का आकर्षण बाकी है । डिजीटल ने सब कुछ छीन नहीं लिया ।

चंडीगढ़ साहित्य अकादमी पुरस्कार : चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में लेखकों को सम्मानित किया गया । इसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार एवं राष्ट्रीय साहित्य अकादमी दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री प्रोफेसर विश्वनाथ तिवारी द्वारा की गई। जसपाल सिंह , कुमार शर्मा अनिल, गुल चौहान, सुषमा अलंकार एवं मोहम्मद शकील खान को अवाॅर्ड ऑफ रिकग्निशन प्रदान किया गया।

अंग्रेजी भाषा में लिखने के लिए कवि कुमार हर्ष, उपन्यासकार मंजू जैदका, कवयित्री लिली स्वर्ण, बाल साहित्य में सुलेखा शर्मा, हिंदी के लिए बाल साहित्य में किरण कालिया, कवि और उपन्यासकार अजय सिंह राणा, उपन्यासकार विजय सौदाई, अनुवादक प्रमिला गुप्ता और ऋतु भनोट, कहानीकार शैलजा कौशल कोचर, कवि अनिता सुरभि, पंजाबी के लिए बाल साहित्य में बहादुर सिंह गोसल, अनुवादक सुरेंद्र बंसल, कथा हरप्रीत सिंह चानू और कवि सतविंदर सिंह धनोआ वहीं उर्दू भाषा में कवि चमन शर्मा को सम्मानित किया गया ।

इलाहाबाद में रवींद्र कालिया को याद किया : प्रसिद्ध लेखक, पत्रकार, संपादक , अलमस्त और फक्कड़ रवींद्र कालिया को इलाहाबाद ने दो दिवसीय आयोजन कर याद किया । जाहिर है कि यह आयोजन उनकी पत्नी व लेखिका ममता कालिया व उनके बेटे अनिरुद्ध के बिना कैसे हो सकता था ! वे दोनों इसमें मौजूद रहे और यह कहा कि इलाहाबाद में सरस्वती बहती रहनी चाहिए । साथ ही रवींद्र कालिया के बारे ने संस्मरण भी सुनाये ! यश मालवीय ने संचालन किया । आनंद कक्कड़ ने जानकारी देते बताया कि यह दो दिवसीय आयोजन कहकशां फाउंडेशन की ओर से किया गया । कथा, संस्मरण के साथ शायरी की महफिल भी जमी! ऐसे रचनाकारों को कहीं न कहीं याद किये जाने से साहित्य और संस्कृति बची रहेगी । जालंधर वालों को भी रवींद्र कालिया को किसी बहाने याद करना चाहिए !

दिल्ली में डायलॉग गोष्ठी : दिल्ली की अर्पणा आर्ट एड लिटरेचर अकादमी में इसी रविवार पुस्तक मेले के बीच डायलॉग की गोष्ठी में जाने का अवसर भी मिला । इसे उपाध्यक्ष देव प्रकाश चौधरी संचालित करते हैं । इनकी धर्मपत्नी प्रीतिमा वत्स भी इनका साथ सक्रियता से देती हैं । पिछले छब्बीस साल से यह डायलॉग जारी है और प्रसिद्ध लेखिका अजीत कौरपेटर आर्टिस्ट अर्पणा के सान्निध्य में ! इस गोष्ठी में डाॅ दिविक रमेशविज्ञान व्रत ने अपनी चुनिंदा रचनाओं का पाठ कर इस विमोचन को खूबसूरत बना दिया । नये रचनाकारों ऋत्विक भारतीय , हिमानी दीवान , सुनीता चौधरी, राजेंद्र शर्मा ने भी प्रभावित किया । मुझे भी अपनी कहानी तीन दृश्य : एक चेहरा के पाठ का अवसर मिला । यों इसमें दीप्ति एंग्रीश, पुनीत सिंह, अनु चावला, रश्मि, नीलम और अन्य रचनाकार भी मौजूद रहे । यह डायलॉग चलता रहे । यही दुआ है ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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