सूचनाएँ/Information ☆ “राजुरकर राज…” – विनम्र श्रद्धांजलि ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🙏🏻 राजुरकर राज – विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🏻

भोपाल। कल 15 फरवरी को मध्यप्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार और दुष्यंत कुमार संग्रहालय (भोपाल ) के निदेशक राजुरकर राज जी का दुखद निधन हो गया। राजुरकर राज जी ने 25 वर्ष पूर्व हिन्दी के अप्रतिम कवि और कथाकार दुष्यंत कुमार की स्मृतियों को सँजोये रखने का कार्य प्रारम्भ किया एवं आजीवन आजीवन मूर्त रूप देने में सतत लगे रहे। उनका दुखद निधन साहित्य जगत की अपूर्व क्षति है।

🙏🏻 ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🏻

☆  राजुरकर राज 

ना पकड़ा हाथ ना ही दामन छू सका कोई,

करीब से उठकर अचानक चला गया कोई।

 

जाना सभी को एक न एक दिन जहाँ से,

वक्‍त-ए-रुख़सत दिल में समा गया कोई।

जाने का ग़म रहेगा हमें  नफ़स दर नफ़स,

वो जो देखते-देखते नज़र फिरा गया कोई।

हँस-हँस के बतियाता था मोहक अन्दाज़ में,

मुसकाते-मुसकाते ही दिल लुभा गया कोई।

आरज़ू है उसकी यादों में ज़िंदगी बसर हो,

वो जो बातों-बातों में अब्र सजा गया कोई।

जब महफ़िल में ज़िक्र होगा उस हबीब का,

‘आतिश’ के सामने अश्क़ बहा गया कोई।

  – सुरेश पटवा “आतिश”

वरिष्ठ साहित्यकार, भोपाल मध्यप्रदेश 

🙏🏻 विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🏻

दुष्यन्तकुमार स्मृति संग्रहालय के संस्थापक संचालक, शब्दशिल्पियों के आसपास पत्रिका के संपादक, आकाशवाणी भोपाल के पूर्व उद्घोषक तथा “शब्द-साधक” कृति (1500साहित्यकारों की विवरणिका) के संपादक राजुरकर राज जी का असमय निधन साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।

अत्यन्त मिलनसार, हँसमुख,कर्तव्यदक्ष,अहंशून्य तथा समदर्शी व्यक्तित्व के धनी राज जी अपने पीछे हार्दिक स्मृतियां छोड़ गये हैं। सारा साहित्यिक समाज शोक विह्वल है।
कहते हैं बेहद ख्यातनाम शिखरस्थ और प्रचंड बुद्धिमान होने से भी अधिक श्रेयस्कर है मानवीय गुणों से परिपूर्ण होना। सुख दुःख में साथ निभाना। इस दृष्टि से राज जी विलक्षण थे। 

उन्हें नवोदित प्रवाह परिवार अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे। हरिॐ।

  – इंदिरा किसलयनागपुर 

राजुरकर राज निदेशक दुष्यंत संग्रहालय का जाना… मेरी व्यक्तिगत क्षति, गहन शोक ☆ 

वे सारे जीवन साहित्यकारों को परस्पर जोड़ने में निरत रहे।

१९९४ तार सप्तक अर्ध शती समारोह, भवभूति कक्ष साहित्य अकादमी, मेरी किताब आक्रोश का विमोचन था। तब उनसे पहली भेंट हुई थी, वे “हस्ताक्षर” परिचय पुस्तिका हेतु उपस्थित लोगों से पते, बायो एकत्रित कर रहे थे। मैं तब मंडला में था, फिर हम सतत संपर्कों में बने रहे। भोपाल शिफ्ट होने पर लगा कोई है यहां अपना पुराना।

विवेक रंजन श्रीवास्तव

वरिष्ठ समीक्षक तथा व्यंग्यकार

≈ सम्पादक श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

फिर चली बात , बात किताबों की – कमलेश भारतीय

ये दिन साहित्य के दिन हैं । साहित्य में रमने के दिन हैं । साहित्य के बहाने आपस में मिलने मिलाने ही नहीं बतियाने के दिन हैं यानी पुस्तक मेले के दिन हैं । बस । दिल्ली का पुस्तक मेला आने ही वाला है । प्रकाशक तैयारियों में जुटे हैं तो लेखक इंतज़ार में कि इस बार पुस्तक मेले में तो उसकी किताब आ ही जाये ! दिल्ली का पुस्तक मेला लेखकों के मिलन का भी बहाना है । दूर दराज से लेखक इसी आशा से आते हैं कि सबसे मिलना हो जायेगा । दो तीन वर्ष तो कोरोना ने यह मिलना मिलाना भी जैसे अभिशप्त कर दिया था । बड़ी मुश्किल से यह अभिशाप खत्म हुआ । पुस्तक मेले में दुनिया भर की पुस्तकें और हर तरह की पुस्तकें आती हैं । लेखक एक दूसरे की नयी पुस्तक का हाथों हाथ विमोचन कर देते हैं । यह ऐसी दुनिया जिसका इंतज़ार साल भर रहता है । आइए पुस्तक मेले में चलें । वैसे अब दिल्ली के अलावा भी अन्य बड़े शहरों में पुस्तक मेले लगने लगे हैं जो बहुत ही सुखद बात है । चंडीगढ़ के पुस्तक मेले में भी अब खूब मुलाकातें होती रही हैं लेखकों से ।

पुस्तक पखवाड़ा : भोपाल के लघुकथा के परिंदे ग्रुप की ओर से ऑनलाइन पुस्तक पखवाड़ा आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न प्रदेशों के लेखकों को इसमें आमंत्रित कर पुस्तकों पर चर्चा की गयी । यह भी एक अच्छा प्रयोग रहा । बधाई ।

हिसार का फिल्म महोत्सव : इस सप्ताह हिसार के गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय के रणबीर सभागार व सेमिनार हाल में दो दिवसीय हरियाणवी फिल्म महोत्सव संपन्न हुआ । हरियाणा भर से रंगकर्मी जुटे और हरियाणवी फिल्मों के लिए विचार विमर्श हुआ । पचास से ऊपर शाॅर्ट फिल्में दिखाई गयीं विभिन्न विश्वविद्यालयों के जनसंचार विभाग के छात्र छात्राएं जुटे । स्टेज एप की खूब वाहवाही हुई । इस सबके बावजूद इस फिल्म महोत्सव में कलाकारों ने हिसार दूरदर्शन के चंडीगढ़ शिफ्ट किये जाने पर कोई चर्चा नहीं की और न ही इसे वापिस लाये जाने का कोई प्रस्ताव पारित किया गया । आखिर कलाकार ही दूरदर्शन की मांग नहीं उठायेंगे तो कौन उठायेगा ?

वीरेंद्र वीर को सम्मान : हिमाचल की ऊना की संस्था हिमोत्कर्ष की ओर से वीरेंद्र शर्मा वीर को सम्मानित किये जाने की घोषणा की गयी है । हिमाचली संस्कृति के लिये वीर के प्रयासों को देखते हुए यह सम्मान दिया जा रहा है । बधाई । 

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

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लालजी राम मीना ने  सहरिया जाति पर दिया व्याख्यान 

भोपाल के जनजाति एवं अनुसंधान विशेषज्ञ लालजीराम मीणा ने शिवपुरी जिले के पिछोर में सहरिया जाति की उत्पत्ति,निवास क्षेत्र,देवी देवताओं एवं देवलोक  से संबंधित धार्मिक मान्यताओं पर विशद व्याख्यान  दिया। विश्व  बैंक परियोजना एवं आइएएस के संयुक्त  तत्वावधान  में आयोजित  इस कार्यक्रम  में जीवाजी विश्व विद्यालय  के कुलपति श्री अविनाश  तिवारी सहित कई विद्वान  उपस्थित रहे।

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हिन्दी भवन में राष्ट्रीय  दिव्यांग साहित्य  समागम

हिन्दी भवन में आठ फरवरी को  राष्ट्रीय  दिव्यांग साहित्य  समागम हुआ जिसमें देश भर के दिव्या आदित्यनाथ और कवि शामिल हुए।यह समागम समारोह एलएलबी कालेज के सहायक अध्यापक डॉ राधेश्याम  पानवरिया की ओर से किया गया।इसकी अध्यक्षता कथाकार उर्मिला शिरीष  ने की और मुख्य अतिथि गीतकार ऋषि शृंगारी तथा विशिष्ट  अतिथि गीतकार और आलोचक  डा.सुधीर शर्मा थे।

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साहित्य और भाषा पर अंतर महाविद्यालयीन प्रतियोगिताएं आयोजित

संत हिरदाराम कन्या महाविद्यालय की लिटरेचर कमेटी ने साप्ताहिक फेस्ट लिटरेरियों का आयोजन किया इसका मुख्य उद्देश्य  छात्राओं में साहित्य  और भाषा के प्रति रूचि जागृत करना था।इस आयोजन  में अंतर महाविद्यालयीन स्तर पर तात्कालिक  भाषण  प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता,,काव्यपाठ,वाद विवाद,सोलो एक्ट,स्टेटस अप कामेडी, एवं निबन्ध  प्रतियोगिता की गई। इस आयोजन  में योगीराज योगेश वरिष्ठ  पत्रकार, डा.राना लोधी, प्राचार्य  नारायण ई टेक्नो स्कूल,अमिता दुबे परमार समाचार वाचिका दूरदर्शन, संस्था के निदेशक  हीरो ज्ञान चंदानी, प्राचार्य  डालिमा पारवानी सहित अनेक शिक्षाविद  उपस्थित  रहे।

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प्रो.के जी श्रीवास्तव को मिला काशी सम्मान 

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय विश्व विद्यालय के प्राचार्य  प्रो. के जी श्रीवास्तव  को काशी -वाराणसी साहित्य महोत्सव  में ‘काशी सम्मान’ से विभूषित  किया गया।गौरतलब है कि प्रो. त्रिवेदी द्वारा विश्वविद्यालय  में शिक्षा के क्षेत्र में अनूठे प्रयोग थ्योरी के साथ प्रेक्टीकल  पर अधिक  ध्यान देकर किये।

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भोजपाल साहित्यिक संस्थान की साहित्य गोष्ठी सम्पन्न

भोजपाल साहित्यिक संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रियदर्शन खैरा, कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुदर्शन सोनी और श्री संजय सरस के मुख्य आतिथ्य में एक अत्यंत गरिमामय वातावरण में वर्ष 2023 की प्रथम साहित्यिक गोष्ठी आयोजित सम्पन्न हुई। जिसका सफल सरस संचालन संस्था के सचिव श्री चंद्रभान राही ने किया।

इस गोष्ठी की विशेषता यह रही कि उपस्थित रचनाकारों ने गद्य और पद्य की अनूठी रचनाओं का पाठ उत्साहपूर्वक रचना पाठ किया। गोष्ठी का शुभारंभ श्री अशोक व्यास और चरणजीत सिंह कुकरेजा के व्यंग्य पाठ से हुआ। जिसे श्री अनिल कोचर ने पिताजी पर केंद्रित उत्तम रचना का पाठ किया। फिर तो सरसता का निर्मल झरना बह चला। बीच में गरम भजियों की परस आ गई। स्वादिष्ट पकौड़ों की ख़ुश्बू और स्वाद में रचनाकार विचलित होने लगे तो कार्यकारी अध्यक्ष महोदय को टी-टी-ब्रेक की घोषणा करनी पड़ी। भजियों की छोटी प्लेट की जगह एक बड़ी तश्तरी में भजिये रचनाकार भाइयों में घूमने लगे। उनके लबों को चूमने लगे। गरम भजियों के साथ गाढ़े लिकर की लज़्ज़तदार चाय के क्या कहने। उसके बाद गोष्ठी का दूसरा दौर खुला तो तरन्नुम में ग़ज़ल और सुमधुर गीतों ने भावविभोर कर दिया।

भोपाल में साहित्यकार बिरादरी में निर्मल भाव से भरे श्री अशोक निर्मल द्वारा “अपने घर न बुलाया करो बात खुल जायेगी लोग इतराया करेंगे।”

गजलकार फरमान जियाई द्वारा “कैसे दिन गुजरता है कैसे रात कटती है किसने तोडा़ है दिल क्यों बतायें तुम्हे” बेहतरीन तरन्नुम में डूब कर इस तरह सुनाई कि श्रोताओं ने कुछ शेरों का साँस रोककर आनंद लिया।

श्रीसंजय कुमार द्वारा “तुम्हे कभी पाया नही था परंतु तुम्हारे खोने का मुझे डर था।”

श्री अनिल कोचर द्वारा “कांकरीट के जंगल में पीपल तलाशते पापा जी।”

श्री बिहारी लाल सोनी ‘अनुज’ जी ने भोपाली लहजे में “एक बेवड़े की कुत्ते से मुलाक़ात” सुनाकर समा बांध दिया।

तो श्री चन्द्रभान राही द्वारा मेरी तस्वीर को आंखों में बसाकर देखो का पाठ किया गया। सुदर्शन सोनी द्वारा सटीक व सामयिक व्यंग्य “सारे पते अस्पताल होकर जाते हैं ” व “सबका एक कमाऊ मस्टर रोल है” का पाठन किया। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे श्री प्रियदर्शी खैरा द्वारा “तेजाबी बादलों की छा गयी घटायें  धुआँ धुआँ हो गयी यहां की हवाए” का पाठन किया।

श्री रमेश नंद, सुश्री प्रतिभा द्विवेदीमंजूषा सीमा हरि शर्मा के मधुर गीतों ने भावविभोर किया। हरि वल्लभ शर्मा, सत्य प्रकाश चिराग द्वारा भी सशक्त रचनाओं का पाठ किया गया।

भोजपाल साहित्य के एक फाऊंडर मेम्बर श्री जगदीष किंज्लक, अनिल कोचर के पिता जी और अशोक व्यग्र जी की माता जी के देहावसान पर दो मिनट का मौन रखा गया।

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हास्य  कवि शम्भू शिखर ने पेश की हास्य  व्यंग्य  रचनाएं

तुम तोड़ो और वादा हम निभाते रहेगे,

नाराजगी हम ऐसे भी जताते रहेंगे

राजभाषा विभाग निर्माण कारखाना के द्वारा आयोजित सम्मान  समारोह और एकल काव्य पाठ में हास्य कवि शम्भू ने अनेक हास्य  व्यंग्य  रचनाएं पेश की।

इस कार्यक्रम  का संचालन  श्री घनश्याम मैथिल जी ने किया।उन्होंने कवि शंभू को अपना लघुकथा संग्रह  ‘एक लोहार की‘ भी भेंट किया। इस अवसर पर अखिलेश  लोधी, नीतिराज चौरे, गिरिजाशंकर नीर और डा.आशीश ने भी काव्यात्मक  अभिव्यक्ति की।

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सोज एक सुखन के आयोजन  में काव्य पाठ संपन्न  

द आर्ट  हाउस  में सोज ए सुखन की ओर से  कविता गोष्ठी में धर्मेन्द्र सिंह सोलंकी, प्रमोद पवैया, वर्षा श्रीवास्तव, महेन्द्र  सिंह पवार, प्रतीक सिंह चौहान, सुभाष  जाटव, शिवाजी राव, ऋषि विश्वकर्मा और शिवेन्द्र  आकाश  ने भाग लिया।

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साहित्यकार चन्द्रभान राही को कबीर कोहिनूर सम्मान 

साहित्यकार चन्द्रभान राही को लेखन के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि एवं समाज और राष्ट्र  हितकारी लोकमंगल सेवाओं को दृष्टिगत  रखते हुए कबीर कोहिनूर सम्मान  से अलंकृत किया गया।

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हिंदी भवन में  अ भा कला मंदिर भोपाल की आम सभा संपन्न 

श्री राजेंद्र शर्मा ‘अक्षर’

अ भा कला मंदिर भोपाल की आम सभा हिंदी भवन के नरेश मेहता कक्ष में आमसभा हुई तथा उसके पश्चात विषय मुक्त गोष्ठी का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय कला मंदिर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ गौरी शंकर शर्मा गौरीश, मुख्य अतिथि श्री राजेंद्र शर्मा ‘अक्षर’ तथा विशिष्ट अतिथि श्रीमती साधना बलबटे थी।आम सभा में 2023 24 का बजट व कार्यक्रम की रूपरेखा पर विचार किया गया। काव्यपाठ में भारी संख्या में कवि/कवयित्रियों ने भाग लिया।

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साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ डॉ जवाहर कर्नावट को भारत सरकार का विश्व हिंदी सम्मान – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹डॉ जवाहर कर्नावट को भारत सरकार का विश्व हिंदी सम्मान – अभिनंदन🌹

भोपाल । नगर के प्रसिद्ध लेखक एवं वक्ता डॉ जवाहर कर्नावट को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा विश्व हिंदी सम्मान के लिए चयनित किया गया है।

वैश्विक स्तर पर भारत एवं विश्व के प्रमुख देशों के चुनिंदा हिंदी विद्वानों को प्रदान किया जाने वाला यह सम्मान उन्हें फिजी में 15 से 17 फरवरी 2023 तक आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलन, फिजी में प्रदान किया जाएगा। डॉ जवाहर कर्नावट को यह सम्मान वैश्विक स्तर पर अपनी गतिविधियों से हिंदी को समृद्ध करने के साथ ही 25 देशों की 120 वर्षों की हिंदी पत्रकारिता पर गहन शोध कार्य करने के लिए दिया जा रहा है। डॉक्टर कर्नावट के पास 25 देशों से हिंदी में प्रकाशित हुई 150 से अधिक दुर्लभ पत्र-पत्रिकाओं का अनूठा संकलन है जिसे नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा पुस्तक स्वरूप में प्रकाशित किया जा रहा है । बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व महाप्रबंधक डॉक्टर कर्नावट वर्तमान में रबींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय के प्रवासी भारतीय शोध एवं संस्कृति केंद्र में सलाहकार और हिंदी भवन ,भोपाल की प्रसिद्ध पत्रिका अक्षरा के प्रबंध संपादक भी हैं।

प्रस्तुति – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव, भोपा 

🌹ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ जवाहर कर्नावट जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 🌹

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ डॉ संगीता भारद्वाज ‘मैत्री’ की कृतियों ‘यादों के पलाश’ और ‘यात्राओं की तलाश’ का विमोचन – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹डॉ संगीता भारद्वाज ‘मैत्री’  की कृतियों ‘यादों के पलाश’ और ‘यात्राओं की तलाश’ का विमोचन – अभिनंदन🌹

जबलपुर। आज 11फरवरी (शनिवार) को शाम 5 बजे कला वीथिका, रानी दुर्गावती संग्रहालय, जबलपुर में प्रसिद्ध साहित्यकार जवाहर लाल चौरसिया ‘तरुण’ को समर्पित “तरुण त्रिवेणी संगम” आयोजन में उनकी पुत्री डाॅ संगीता भारद्वाज ‘मैत्री’  की दो कृतियों ‘यादों के पलाश’ और ‘यात्राओं की तलाश’ का विमोचन महाकवि आचार्य भगवत दुबे जी की अध्यक्षता और डाॅ चन्द्रा चतुर्वेदी जी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित है।

कला साहित्य और संस्कृति को समर्पित पाथेय संस्था के बैनर तले श्रीमती नवनीता चौरसिया जी की कृति ‘मन नवनीत’ एवं सुश्री अस्मिता शैली जी की कृति का भी विमोचन होगा।

इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व सहायक महाप्रबंधक और प्रसिद्ध कला साधक श्री जयंत भारद्वाज एवम उनकी बेटी सुश्री अन्विता मौली द्वारा बनाए गए कविता पोस्टर की प्रदर्शनी का भी उदघाटन अतिथियों द्वारा किया जाएगा। इस गरिमामय आयोजन में वरिष्ठ कला मनीषी श्री सुरेश श्रीवास्तव के अलावा सारस्वत अतिथि आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’, डाॅ तनूजा चौधरी मंगल आशीष देंगे। पाथेय संस्था के श्री राजेश पाठक प्रवीण’ जी ने सभी साहित्यकारों एवं कला प्रेमियों से उपस्थिति हेतु आग्रह किया है।

प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर  

🌹ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ संगीता भारद्वाज, श्री जयंत भारद्वाज, सुश्री अन्विता मौली, श्रीमती नवनीता चौरसिया एवं सुश्री अस्मिता शैली जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 🌹

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ डॉ. हंसा दीप को पुरवाई कथा सम्मान 2022 – अभिनंदन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹डॉ. हंसा दीप को पुरवाई कथा सम्मान 2022 – अभिनंदन 🌹

7 फरवरी, 2022, पुरवाई कथा सम्मान की घोषणा करते हुए डॉ. नीलिमा शर्मा ने बताया कि 2022 के पुरवाई कथा सम्मान के लिए डॉ. हंसा दीप की कहानी “शून्य के भीतर” को चुना गया है। सुप्रसिद्ध कथाकार श्री तेजेंद्र शर्मा के संपादन में लंदन, यूके से प्रकाशित ऑनलाइन पत्रिका ‘पुरवाई’ में हर सप्ताह कहानियाँ प्रकाशित की जाती हैं एवं वर्ष भर की कहानियों में से श्रेष्ठ कहानियों की शॉर्टलिस्ट में से वर्ष की सर्वश्रेष्ठ कहानी को पुरवाई कथा सम्मान से अलंकृत किया जाता है।

उपन्यासकार एवं कथाकार डॉ. हंसा दीप, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो (कनाडा) में हिंदी की व्याख्याता हैं। उनके चार उपन्यास एवं पाँच कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी कहानियों एवं उपन्यासों के गुजराती, पंजाबी, मराठी, बांग्ला एवं अंग्रेजी में अनुवाद भी प्रकाशित हुए हैं।

ई-अभिव्यक्ति के पाठक डॉ. हंसा दीप जी की रचनाएँ हिंदी, मराठी एवं अंग्रेजी में पढ़ते रहे हैं।

ई-अभिव्यक्ति के प्रबुद्ध पाठकों के लिए आपकी पुरस्कृत कहानी “शून्य के भीतर” आज के अंक में प्रकाशित कर रहे हैं।

यह कहानी इस लिंक >>  https://www.thepurvai.com/story-by-dr-hansa-deep/ पर भी पढ़ी जा सकती है।

🌹ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ. हंसा दीप जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 🌹

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ राष्ट्रीय व्यंग्य संगोष्ठी में सम्मानित हुए संस्कारधानी के ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार – अभिनंदन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹राष्ट्रीय व्यंग्य संगोष्ठी में सम्मानित हुए संस्कारधानी के ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार – अभिनंदन 🌹

डॉ माया ठाकुर फाउंडेशन एवं माता कौशिल्या ज्योतिष साहित्य संस्कृति शोध पीठ रायपुर छतीसगढ़ द्वारा आयोजित व्यंग्यकारों के राष्ट्रीय अधिवेशन में संस्कारधानी जबलपुर के व्यंग्यकारों श्री रमेश सैनी को व्यंग्य भूषण, श्री जय प्रकाश पाण्डेय को व्यंग्य गौरव, श्री अभिमन्यु जैन को व्यंग्य गौरव, श्री प्रदीप शशांक को व्यंग्य गौरव, श्री ओ पी सैनी को व्यंग्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

इस क्रार्यक्रम में पूरे देश से ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार उपस्थित हुए ,जिसमें महत्वपूर्ण व्यंग्य विमर्श, व्यंग्य पाठ, कविता पाठ हुआ। देश के शीर्षस्थ व्यंग्यकार श्री सुभाष चंदर को राष्ट्रीय स्तर के बालेन्दु शेखर सम्मान से सम्मानित किया गया। संस्कारधानी के ख्यातिलब्ध व्यंग्यकारों की उक्त उपलब्धि पर श्री सुरेश मिश्र विचित्र, श्री प्रभात दुबे, श्री यू एस दुबे, डॉ उदय भानू तिवारी, श्री प्रतुल श्रीवास्तव,  श्री विजय जायसवाल, श्री रविन्द्र राघव, राजसागरी डॉ कौशल दुबे के साथ श्री जानकी रमण महाविद्यालय परिवार से श्री शरद चन्द्र पालन, डॉ अभिजात त्रिपाठी, डॉ आनंद सिंह राणा, डॉ गंगाधर त्रिपाठी, डॉ शक्ति सिंह मंडलोई, आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की।

🌹 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री रमेश सैनी, श्री जय प्रकाश पाण्डेय, श्री अभिमन्यु जैन एवं श्री प्रदीप शशांक जी को हार्दिक बधाई – अभिनंदन 🌹

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

साहित्य की दुनिया में नये से नये लिटरेरी फेस्टिवल हो रहे हैं । जयपुर लिटरेरी फेस्टिवल अभी पिछले सप्ताह संपन्न हुआ जिसमें इरशेद कामिल को सम्मान दिया गया । अब ये फेस्टिवल अनेक नगरों मे होने लगे हैं जो साहित्य के लिए शुभ संकेत हैं । एक बार विवेक आत्रेय ने चंडीगढ़ लिटरेचर फेस्टिवल भी करवाया था । इसी प्रकार कसौली में भी प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह के बेटे राहुल सिंह ने भी अपने पिता की स्मृति में लिटरेचर फेस्टिवल आयोजित किये । मेरठ और काठमांडू में भी लिटरेचर फेस्टिवल होने लगे हैं । हल्द्वानी में भी ऐसा आयोजन हुआ । इसी माह खुशवंत सिह का जन्मदिन भी है । उनको स्मरण कर रहा हू ।

देहरादून में शब्दोत्सव : देहरादून की कविकुंभ संस्था की संचालिका रंजीता सिह ने पिछले शनिवार व रविवार को दो दिवसीय शब्दोत्सव आयोजन किया । इसमें लीलाधर जगूड़ी, विभूति नारायण राय , दिविक रमेश , गंभीर सिह पालनी, रूचि बहुगुणा उनियाल , शोभा अक्षरा आदि ने भाग लिया और अनेक रचनाकारों को स्वयंसिद्धा सम्मान भी प्रदान किये गये । इस अवसर पर काव्य पाठ भी हुआ और साहित्य विमर्श भी । इससे पहले यही आयोजन पिछले वर्ष शिमला में किया गया था । रंजीता सिह को इस आयोजन की बधाई ।

शेखर जोशी को सम्मान : प्रसिद्ध कथाकार शेखर जोशी को एक समाचारपत्र ने शिखर सम्मान दिया । यह सम्मान उनके बेटे प्रतुल जोशी ने ग्रहण किया । वैसे यह सम्मान देने की घोषणा के समय शेखर जोशी को अनेक बधाइयां मिली लेकिन सम्मान पाने तक वे विदा हो चुके थे । इसके अतिरिक्त भी अनेक रचनाकारों को सम्मान प्रदान किये गये । इस भव्य आयोजन के मुख्यतिथि सरोद वादक अमजद अली थे जिन्होंने साहित्य और संगीत की जुगलबंदी की सराहना की । समाचारपत्र की यह साहित्य के प्रति भावना बहुत ही सराहनीय है ।

कलाकृति प्रदर्शनी : हिसार में एक ऐसा परिवार है जिसमें पिता, बेटी और बेटा तीनों ही पेंटर आर्टिस्ट हैं । पिता वेदप्रकाश आर्टिस्ट की देखरेख में बेटी चेतना और बेटे सिकंदर ने होटल मस्टर्ड में दो दिवसीय कलाकृति प्रदर्शनी लगाई जिसे अनेक कला प्रेमियों ने सराहा । समाजसेविका कविता अग्रवाल ने इसका उद्घाटन किया । यह प्रदर्शनी राकेश अग्रवाल के स्नेह सौजन्य से लगी । यह स्नेह राकेश सदैव बनाये रखें कलाकारों पर ।

इस सप्ताह इतना ही । फिर मिलेंगे अगले सप्ताह !

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

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हरिकृष्ण कामथ पर डाक विभाग  ने जारी किया एनवलप

सप्रे संग्रहालय की अनुशंसा पर  डाक विभाग  ने हाल में ही स्वतंत्रता सेनानी हरिविष्णु कामथ पर  स्पेशल एनवलप  जारी किया।

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जयशंकर प्रसाद :’महानता के आयाम’ पुस्तक का लोकार्पण

जयशंकर प्रसाद  पर प्रसिद्ध  साहित्यकार  एवं आलोचक डा.करूणाशंकर उपाध्याय द्वारा लिखित  पुस्तक का विमोचन  हिन्दी भवन में हुआ। कार्यक्रम  की अध्यक्षता पूर्व प्रशासनिक  अधिकारी एवं अक्षरा के संपादक मनोज श्रीवास्तव  ने की। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि-  “लेखक ने यह कृति लिखकर आलोचना को एक नई दृष्टि दी है।”  पुस्तक  पर साहित्यकार  प्रो. रामेश्वर  शुक्ल, प्रो.आनंद  प्रकाश त्रिपाठी, आनंद  कुमार सिंह, एवं सुधीर शर्मा ने अपने विचार  रखे।

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यंग थिंकर्स  फोरम  द्वारा 61वीं पुस्तक परिचर्चा का आयोजन  स्वामी विवेकानंद  लायब्रेरी में किया गया। इस अवसर पर निखिल समदरिया एवं सीताराम  गोयल की पुस्तक  ‘हिन्दु समाज संकटों के घेरे में ‘पर रागेश्वरी आँजना ने चर्चा की। हिंदुज्म फ्रिक्वेंसी आस्कड  कोश्चन ‘पर भी चर्चा हुई।

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भारत में उर्दू साहित्य  और भारतीयता विषय पर  लंदन में शोधपत्र प्रस्तुत करेगे डा.अंजुम

भोपाल के मशहूर शायर और साहित्यकार  डा.अंजुम बाराबंकवी लंदन  में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम  में ‘भारत में उर्दू  साहित्य  एवं भारतीयता’ विषय  पर अपना शोधपत्र भी प्रस्तुत करेगे। उनके द्वारा संपादित  पुस्तक  ‘सिग्नेचर’ का भी विमोचन किया जावेगा।

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अब एमपी कल्चर एप पर मिलेगी साहित्यिक  और सांस्कृतिक  कार्यक्रमों की जानकारी

राज्यपाल मंगवाई पटेल ने ‘एमपी ‘एप का बटन दबाकर उद्घाटन  किया। इस मौके पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर भी उपस्थित  थी। संचालक अदिति कुमार ने एप की विस्तृत  जानकारी दी।

इस अवसर परसंस्कृति विभाग के प्रतिष्ठित  सम्मान भी दिये गये। राष्ट्रीय कबीर सम्मान  डा. शोध पत्र दुबे को, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान  डॉ. सदानंद  प्रसाद गुप्त को, इकबाल सम्मान  सैयद तकी को तथा राष्ट्रीय  श्रमजीवी सम्मान  डा.श्री राम परिहार को दिये गये।

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अखिल भारतीय  कलामंदिर की शरद /बंसत काव्य गोष्ठी सम्पन्न  हुई जिसके विशिष्ट  अतिथि कवि ऋषि श्रंगारी थे। अध्यक्षता रघुनन्दन  शर्मा ने की। गोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष  गोरी शंकर  गौरीश, सीमा हरि, हरिवल्लभ  जी, विश्व नाथ, अशोक कुमार,  अशोक धमेनियाँ, अशोक व्यास, शिवकुमार, कमलकिशोर दुबे, दिनेश जी,मनोरमा पंत एवं मधु शुक्ला  ने सरस  कविताएं पढी।

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लघुकथा शोध संस्थान  के पुस्तक  पखवाड़े के द्वितीय  चरण में  छः पुस्तकों की समीक्षा हो चुकी है-

तख्त की ताकत- लेखक हेमन्त  शिवनारायण  उपाध्याय  समीक्षक  कांता राय

पोटली – लेखिका  सीमा व्यास  समीक्षक  अन्तरा करवड़

अध्यक्ष  – अशोक भाटिया

मुख्य अतिथि – सुभाष  नीरव

कठघरे में हम सब – लेखक गोकुल सोनी

कथ्य तथ्य – डा.गिरिजेश सक्सेना

समीक्षक  द्वय – उपमा शर्मा, जया केतकी

अध्यक्ष  – हरि जोशी

मुख्य अतिथि – दयाराम  वर्मा

जिन्दगी के हिसाबों की एक किताब  लेखिका -नीहारिका रश्मि

नासमझ मन भज मन -लेखिका डा.मालती बंसत 

समीक्षक  -घनश्याम  मैथिल,  मनोरमा पंत

अध्यक्ष  -डा.मोहन तिवारी  मुख्य  अतिथि -गोकुल सोनी

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साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ ।। स्मृतिशेष डॉ. विजया के अमृत महोत्सवी वर्ष पर “शब्दसृष्टि” द्वारा “विजयिता” ग्रंथ का लोकार्पण एवम “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद व अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन संपन्न ।। ☆ डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🍁।। स्मृतिशेष डॉ. विजया के अमृत महोत्सवी वर्ष पर “शब्दसृष्टि” द्वारा “विजयिता” ग्रंथ का लोकार्पण

एवम

“डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद व अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन संपन्न ।।🍁

” शब्दसृष्टि” प्रतिष्ठान की सहसंस्थापक व पत्रिका की संस्थापक-संपादक तथा हिंदी की चर्चित लेखिका, कवयित्री, समीक्षक व अनुवादक के रूप में सुपरिचित स्मृतिशेष डॉ. विजया जी के पचहत्तरवें जन्मदिन (अमृत महोत्सवी वर्ष) के अवसर पर “शब्दसृष्टि” की परामर्शदाता तथा ज्येष्ठ लेखिका व विख्यात हिंदी कथाकार मा. डॉ. सूर्यबाला जी के करकमलों द्वारा ” विजयिता” (डॉ. विजया का चुनिंदा रचना-संसार) ग्रंथ का प्रकाशन हुआ तथा “शब्दसृष्टि” के परामर्शदाता तथा ज्येष्ठ पत्रकार व “नवनीत” (हिंदी मासिक पत्रिका) के संपादक मा. श्री विश्वनाथ सचदेव जी द्वारा “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन हुआ. समारोह का अध्यक्षस्थान “शब्दसृष्टि” के परामर्शदाता तथा ज्येष्ठ अनुवादक मा. प्राचार्य श्रीप्रकाश अधिकारी जी ने विभूषित किया. इस समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में “शब्दसृष्टि” के प्रमुख परामर्शदाता तथा हिंदी-मराठी के सांस्कृतिक सेतु अनुवाद तपस्वी मा. श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी उपस्थित थे.

“राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाषावैविध्य के यथार्थ ने अनुवाद-कार्य का महत्त्व पहले ही सिद्ध है. इन दोनों स्तरों पर उत्तरोत्तर वृद्धिंगत होते हुए परस्पर संपर्क ने अनुवाद की आवश्यकता को और भी विकसित किया है. यही कारण है कि वर्तमान काल को ‘अनुवाद युग’ कहा जाता है. ‘जो भी हवा चलती है, वह अनुवाद से गुजरती है’ कहकर अनुवाद-क्षेत्र की व्यापकता और सार्वत्रिकता को अधोरेखित किया जा सकता है.” यह वक्तव्य ज्येष्ठ व श्रेष्ठ अनुवादक तथा “शब्दसृष्टि” के परामर्शदाता मा. प्रो. डॉ. गजानन चव्हाण जी ने “शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान”” मनोहर मीडिया” की ओर से स्मृतिशेष डॉ. विजया जी के पचहत्तरवें जन्मदिन (28.01.2023) के शुभ अवसर (अमृत महोत्सवी वर्ष) पर आयोजित ग्रंथ-प्रकाशन व केंद्र-उद्घाटन समारोह को शुभकामनाओं के साथ दिया. उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र” की स्थापना कर “शब्दसृष्टि” परिवार ने इस क्षेत्र में कार्य हेतु अनुवादकर्ता तथा अनुवाद-अध्येताओं के लिए व्यापक अवसर के द्वार खोल दिए हैं. केंद्र द्वारा जो प्रमुख गतिविधियां संपन्न की जा सकती है, इस पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला.

समारोह के प्रारंभ में, विगत काल में स्मृतिशेष हुए “शब्दसृष्टि” के परामर्शदाता तथा ज्येष्ठ साहित्यिक-समीक्षक-संशोधक आदरणीय डॉ. नागनाथ कोत्तापल्ले जी को “भावपूर्ण श्रद्धांजलि” अर्पित की गयी.

“शब्दसृष्टि” के संस्थापक-अध्यक्ष व “मनोहर मीडिया” के संचालक तथा “विजयिता” (डॉ. विजया का चुनिंदा संसार) ग्रंथ के मुख्य संपादक प्रा. डॉ. मनोहर जी ने अपने प्रास्ताविक में कहा कि— “डॉ. विजया अमृत महोत्सवी वर्ष” का यह प्रथम समारोह है. जिसमें “विजयिता” (डॉ. विजया का चुनिंदा रचना-संसार), “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन तथा “डॉ. विजया स्मृति जीवन गौरव सम्मान” प्रदान करना सम्मिलित है. इस वर्ष में उनका संपूर्ण साहित्य “दस खंडात्मक डॉ. विजया समग्र” रूप में प्रकाशित होगा तथा संगोष्ठियों का आयोजन, आदि संपन्न किया जाएगा. इसके पश्चात उन्होंने डॉ. विजया जी के जीवन व साहित्य यात्रा पर विस्तृत प्रकाश डाला. “विजयिता” ग्रंथ के संदर्भ में, सम्मान के संदर्भ में तथा “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र” के संदर्भ में अपनी बात रखी.

“विजयिता” ग्रंथ का प्रकाशन करते हुए मा. डॉ. सूर्यबाला जी ने डॉ. विजया जी के संदर्भ में अपने अनुभव कथन किए और उनकी समीक्षात्मक दृष्टि पर प्रकाश डाला . “अंतरराष्ट्रीय अनुवाद व अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन करते हुए मा. श्री विश्वनाथ सचदेव जी ने केंद्र की संभाव्य गतिविधियों के संदर्भ में सटीक मार्गदर्शन के साथ केंद्र की उर्जितावस्था व सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की.

“विजयिता” ग्रंथ पर मा. प्रो. डॉ. उषा मिश्र तथा मा. डॉ. श्यामसुंदर पांडेय जी ने अपने समीक्षात्मक वक्तव्य प्रस्तुत किया. केंद्र के निदेशक मा. डॉ. सतीश पावडे जी की केंद्र व पत्रिका के संदर्भ में उनकी भूमिका उनकी अनुपस्थिति में केंद्र के सहनिदेशक मा. प्रशांत देशपांडे जी ने प्रस्तुत की.

समारोह के अध्यक्ष मा. प्राचार्य श्रीप्रकाश अधिकारी जी ने समयोचित वक्तव्य देते हुए डॉ. विजया के कर्तृत्व पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर “शब्दसृष्टि” के प्रमुख परामर्शदाता श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी के करकमलों द्वारा मा. डॉ. प्रेरणा उबाळे जीमा. प्रशांत देशपांडे जी को “उपनिदेशक” पद के नियुक्ति पत्र” प्रदान किए गए.

अतिथियों का स्वागत मा. डॉ. हूबनाथ पांडेय जी ने व आभार-ज्ञापन मा. डॉ. प्रेरणा उबाळे जी ने किया तथा संपूर्ण समारोह का सूत्र-संचालन “शब्दसृष्टि” के न्यासी-कार्याध्यक्ष व “विजयिता” ग्रंथ के संपादक मा. प्राचार्य मुकुंद आंधळकर जी द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया तथा “शब्दसृष्टि” की न्यासी-मानद सचिव व “विजयिता” ग्रंथ की संपादक सुश्री आशा रानी जी ने “संपादकीय मनोगत” के साथ-साथ “सम्मानपत्र वाचन” भी किया.

इस समारोह का तकनीकी संयोजन समन्वयन “शब्दसृष्टि” प्रतिष्ठिन के उपाध्यक्ष व पत्रिका के डिजिटल संपादक डॉ. अनिल गायकवाड जी तथा मा. डॉ. शेखर चक्रबर्ती जी ने किया. इस समारोह में अनुवाद जगत की महनीय हस्तियां तथा शोधछात्र-छात्राएं तथा अभ्यासकों ने उपस्थित रहकर समारोह की शोभा बढ़ायी.

प्रस्तुति : सुमन सागर (मनोहर मीडिया)

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५

संपर्क – 7028525378 / [email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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