☆ सूचनाएँ/Information ☆
(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)
☆ Capt. Pravin Raghuvanshi, NM ☆
Poem of Capt. Pravin Raghuvanshi is to be recited in the BYRON 200 Poetry event at Nottingham, U K
☆ Bicentennary Celebration of Lord Byron – BYRON 200 Poetry Event by Kavyrang ☆
It is with great pride and pleasure, We would like to inform that poem लावण्यपूर्ण रात्रि अभिसारिका (Lavanya poorn Ratri Abhisarika) of Capt. Pravin Raghuvanshi has been chosen to be recited in the BYRON 200 Poetry Event, which is being organised by Kavya Rang with NAAC as a part of Multilingual Poetry Event to commemorate the Bicentennary Celebrations of Lord Byron in Nottingham, England. This poem is based on Lord Byron’s legendary poem She Walks in Beauty.
Byron 200 is a varied programme of exhibitions, events and activities that celebrate the sensational life and legacy of Lord Byron through the year, focussed at Newstead Abbey, his inspirational home.
Date: Saturday 27th July 2024, 1pm-4pm
Venue: Newstead Abbey, Nottingham, U K
इस सन्दर्भ में हम आपसे एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करना चाहेंगे। डॉ विजय कुमार मल्होत्रा जी (पूर्व निदेशक (राजभाषा), रेल मंत्रालय,भारत सरकार) को इसी जून 2023 में यूनाइटेड किंगडम के प्रसिद्ध शहर नॉटिंघम जाने का अवसर मिला। प्रवास के दौरान उन्हें हिन्दी कवयित्री और काव्यरंग की अध्यक्षा श्रीमति जय वर्मा जी ने अंग्रेज़ी के प्रसिद्ध कवि लॉर्ड बायरन की विरासत से भी परिचित कराया. रॉबिनहुड और लॉर्ड बायरन के नाम से प्रसिद्ध इस शहर में महात्मा गाँधी भी कुछ समय तक रुके थे. जहाँ बायरन ने Don Juan जैसी कविताएँ लिखीं, वहीं She Walks in Beauty जैसी प्रेम और प्रकृति की मिली-जुली कल्पनाओं पर आधारित कविताएँ भी लिखीं.
डॉ विजय कुमार मल्होत्रा जी के ही शब्दों में “कालजयी रचनाओँ को हिंदी-अंग्रेज़ी में अनूदित करने का बीड़ा उठाने वाले मेरे मित्र कैप्टन प्रवीण रघुवंशी ने “चलती-फिरती सौंदर्य प्रतिमा” शीर्षक से इसका हिंदी में अनुवाद भी कर दिया. मैंने पावर-पॉइंट (PPT) के माध्यम से दी गई अपनी प्रस्तुति में इस कविता को मूल अंग्रेज़ी के साथ-साथ हिंदी में भी प्रतिभागियों को सुनाया. सभी ने इसके हिंदी अनुवाद की भूरि-भूरि प्रशंसा की.”
यह अनुवाद इंग्लैंड में हिन्दी प्रोफेसरों को बहुत पसंद आया था। उन्होने कई देशों में इसका अपने भाषणों में उपयोग भी किया है जिसका सबसे सहृदय प्रतिसाद प्राप्त हुआ।
आइए…हम लोग भी इस कविता का मूल अंग्रेज़ी के साथ-साथ हिंदी में भी रसास्वादन करें और अपनी प्रतिक्रियाओं से इसके हिंदी अनुवादक कैप्टन प्रवीण रघुवंशी को परिचित कराएँ.
Original English Poem By Lord Byron
☆ She Walks in Beauty ☆
She walks in beauty, like the night
Of cloudless climes and starry skies;
And all that’s best of dark and bright
Meet in her aspect and her eyes;
Thus mellowed to that tender light
Which heaven to gaudy day denies.
One shade the more, one ray the less,
Had half impaired the nameless grace
Which waves in every raven tress,
Or softly lightens o’er her face;
Where thoughts serenely sweet express,
How pure, how dear their dwelling-place.
And on that cheek, and o’er that brow,
So soft, so calm, yet eloquent,
The smiles that win, the tints that glow,
But tell of days in goodness spent,
A mind at peace with all below,
A heart whose love is innocent!
– Lord Byron
लार्ड बायरन की मूल कविता का कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी द्वारा हिंदी अनुवाद
☆ लावण्यपूर्ण रात्रि-अभिसारिका ☆
अप्सरा की भाँति, वो सौन्दर्य-प्रतिमा,
बादलों से विहीन, तारों भरी रात्रि में
अतिशय प्रकाश की अप्रतिम छटा लिये
वो निरंतर चहलकदमी करती रही…
आकर्षक डील-डौल, मृगनयनी चक्षु
भीनी-भीनी चाँदनी में पिघलता यौवन
ऐसी लावण्यपूर्ण वो दिव्य अनामिका
वो रमनीय सौन्दर्य जो कदापि
ईश्वर प्रदत्त भी संभव नहीं,
एक स्वर्गिक रंगीन छटा लिए,
लहराती स्याह वेणियां से युक्त
अर्ध-प्रच्छादित मुखाकृति को
और भी निखारती हुई…
अभिलाषा की वो परम उत्कटेच्छा…
जहाँ विचार मात्र ही मधु-सुधा टपकाते…
कितना पवित्र, कितना प्यारा उसका संश्रय…!
दैवीय कपोलों, के मध्यास्थित,
उन वक्र भृकुटियों में वो इतनी निर्मल, शांत,
फिर भी नितांत चंचल एक विजयी मुस्कान लिए!
वो दैदीप्यमान आभा,
सौम्यता में व्यतीत क्षणों को
अभिव्यक्त करते हुए
एक शांतचित्त मन
एक निष्कपट प्रेम परितृप्त
वो कोमल हृदय धारिणी नवयौवना…!
– कैप्टन प्रवीण रघुवंशी, पुणे
The e-abhivyakti family congratulates Capt. Pravin Raghuvanshi ji for this great achievement.
≈ Editor – Shri Hemant Bawankar/Editor (English) – Captain Pravin Raghuvanshi, NM ≈