सुश्री दीपिका गहलोत “मुस्कान”
( सुश्री दीपिका गहलोत ” मुस्कान “ जी की नव वर्ष पर प्रस्तुत है एक कविता नव वर्ष ।
☆ नव वर्ष ☆
नव वर्ष की नयी उमंग ,
लायी है सूरज की पहली सुरमयी किरण ,
जो बीत गया उसे सँवारने ,
आयी है नयी सोच की लहर सलंग ,
हर पल जीना है उत्साह से ,
यही है इस नव वर्ष का प्रण ,
हर मददग़ार की मदद करना ,
यहीं पर हुआ है इस नयी सोच का उत्पन्न ,
साँझ जैसा ढल रहा है बीता साल ,
उगते सूरज सा है नए साल का आगमन ,
अपने- पराये सब भेदभाव छोड़ छाड़ के ,
करना है इस नयी लहर का स्वागतं ,
छोटो की भूल चूक करके माफ़ ,
बड़ो के आशीर्वाद से करना है साल का प्रारम्भ ,
“मुस्कान” की तो यही है आशा ,
नव वर्ष हो सबके लिए अन्न-जल-धन से संपन्न ,
नव वर्ष की नयी उमंग ,
लायी है सूरज की पहली सुरमयी किरण . . .
© सुश्री दीपिका गहलोत “मुस्कान ”
पुणे, महाराष्ट्र