(संस्कारधानी जबलपुर के हमारी वरिष्ठतम पीढ़ी के साहित्यकार गुरुवर डॉ. राजकुमार “सुमित्र” जी को सादर चरण स्पर्श । वे सदैव हमारी उंगलियां थामकर अपने अनुभव की विरासत हमसे समय-समय पर साझा करते रहते थे। इस पीढ़ी ने अपना सारा जीवन साहित्य सेवा में अर्पित कर दिया। वे निश्चित ही हमारे आदर्श हैं और प्रेरणास्रोत हैं। आज प्रस्तुत हैं आपका भावप्रवण कविता – कथा क्रम (स्वगत)…।)
साप्ताहिक स्तम्भ – लेखनी सुमित्र की # 226 – कथा क्रम (स्वगत)…
(प्रतिष्ठित कवि, रेखाचित्रकार, लेखक, सम्पादक श्रद्धेय श्री राघवेंद्र तिवारी जी हिन्दी, दूर शिक्षा, पत्रकारिता व जनसंचार, मानवाधिकार तथा बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं शोध जैसे विषयों में शिक्षित एवं दीक्षित। 1970 से सतत लेखन। आपके द्वारा सृजित ‘शिक्षा का नया विकल्प : दूर शिक्षा’ (1997), ‘भारत में जनसंचार और सम्प्रेषण के मूल सिद्धांत’ (2009), ‘स्थापित होता है शब्द हर बार’ (कविता संग्रह, 2011), ‘जहाँ दरक कर गिरा समय भी’ ( 2014) कृतियाँ प्रकाशित एवं चर्चित हो चुकी हैं। आपके द्वारा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए ‘कविता की अनुभूतिपरक जटिलता’ शीर्षक से एक श्रव्य कैसेट भी तैयार कराया जा चुका है। आज प्रस्तुत है आपका एक अभिनव गीत “नई नई है धरती–...”)
वरिष्ठ पत्रकार, लेखक श्री प्रतुल श्रीवास्तव, भाषा विज्ञान एवं बुन्देली लोक साहित्य के मूर्धन्य विद्वान, शिक्षाविद् स्व.डॉ.पूरनचंद श्रीवास्तव के यशस्वी पुत्र हैं। हिंदी साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रतुल श्रीवास्तव का नाम जाना पहचाना है। इन्होंने दैनिक हितवाद, ज्ञानयुग प्रभात, नवभारत, देशबंधु, स्वतंत्रमत, हरिभूमि एवं पीपुल्स समाचार पत्रों के संपादकीय विभाग में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया। साहित्यिक पत्रिका “अनुमेहा” के प्रधान संपादक के रूप में इन्होंने उसे हिंदी साहित्य जगत में विशिष्ट पहचान दी। आपके सैकड़ों लेख एवं व्यंग्य देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। आपके द्वारा रचित अनेक देवी स्तुतियाँ एवं प्रेम गीत भी चर्चित हैं। नागपुर, भोपाल एवं जबलपुर आकाशवाणी ने विभिन्न विषयों पर आपकी दर्जनों वार्ताओं का प्रसारण किया। प्रतुल जी ने भगवान रजनीश ‘ओशो’ एवं महर्षि महेश योगी सहित अनेक विभूतियों एवं समस्याओं पर डाक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्माण भी किया। आपकी सहज-सरल चुटीली शैली पाठकों को उनकी रचनाएं एक ही बैठक में पढ़ने के लिए बाध्य करती हैं।
प्रकाशित पुस्तकें –ο यादों का मायाजाल ο अलसेट (हास्य-व्यंग्य) ο आखिरी कोना (हास्य-व्यंग्य) ο तिरछी नज़र (हास्य-व्यंग्य) ο मौन
(ई-अभिव्यक्ति में प्रत्येक सोमवार प्रस्तुत है नया साप्ताहिक स्तम्भ कहाँ गए वे लोग के अंतर्गत इतिहास में गुम हो गई विशिष्ट विभूतियों के बारे में अविस्मरणीय एवं ऐतिहासिक जानकारियाँ । इस कड़ी में आज प्रस्तुत है एक बहुआयामी व्यक्तित्व “मधुर गीतकार- स्व. कृष्णकुमार श्रीवास्तव ‘श्याम’”के संदर्भ में अविस्मरणीय ऐतिहासिक जानकारियाँ।)
वर्षों पहले कवि सम्मेलनों, गोष्ठियों और आकाशवाणी के कार्यक्रमों में कृष्णकुमार श्रीवास्तव “श्याम” के गीतों की धूम मची थी । सहज – सरल हिन्दी में रचित, भावना की आंच में पके – पगे उनके गीत सीधे लोगों के ह्रदय में उतरते थे।
रोटी हूं
मैं हूं रोटी
मैं मजदूर की रोटी ।
गुंथी हुई पसीने से मजदूर की
रोटी ।
और प्रिय के प्रति –
आनंद अनंत हो गया ।
तुम मेरे वसन्त हो गये
मैं तेरा वसन्त हो गया ।
मेरा प्यार और रूप तुम्हारा
माहिर हैं दोनों प्रतिद्वंदी
आओ करें जुगलबंदी । आओ..
अपने असरदार गीतों और मधुर आवाज के कारण श्याम महफिलों की जान बन जाते थे –
मैं कहीं भी चला जाऊं,
कहीं से चला आऊं,
तेरे ही पास आता हूं,
तुझी में खो जाता हूं ।
मीरा को गाऊं या मीर को,
तुलसी या कबीर को
किसी को गुनगुनाऊं,
किसी के गीत गाऊं,
तुझे ही मैं गाता हूं,
तुझी में खो जाता हूं ।
18 अप्रैल 1941 में जबलपुर में जन्में कृष्णकुमार श्रीवास्तव “श्याम” ने हिंदी साहित्य में एम. ए. किया । कल्याण (मुम्बई), कटनी तथा प्रतिनियुक्ति पर ईराक में रेलवे स्टेशन मास्टर तथा जबलपुर में रेलवे स्टेशन अधीक्षक के पद पर रहे । श्याम भाई ने अपने विद्यार्थी जीवन से ही काव्य लेखन प्रारंभ कर दिया था और अपने समय के चर्चित साहित्यकारों से प्रशंसित होने लगे थे ।
तुम सितार, अंगुलियाँ मैं हूं
खुशबू तुम, पंखुरियां मैं हूं
तुम में मुझमें क्या स्पर्धा
तुम लय-स्वर, बांसुरिया मैं हूं।
रूप है राधा कृष्ण भावना
प्यार भक्ति की चरम बुलंदी ।
1974 में उनकी प्रथम कृति “श्याम के गीत” प्रकाशित हुई । इस कृति ने और देश के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित होने वाले कवि सम्मेलनों व काव्य गोष्ठियों में उनके भाव भरे गीतों ने उनकी यश – कीर्ति में वृद्धि की और वे अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों के एक महत्वपूर्ण कवि के रूप में प्रतिष्ठित हो गए । विविध पत्र – पत्रिकाओं में उनके हिन्दी और बुंदेली गीत, ग़ज़ल, नज़्म, भजन निरंतर प्रकाशित हो रहे थे । वे आकाशवाणी के द्वारा गायन – प्रसारण के लिए अधिकृत कवि थे । मर्मस्पर्शी कंठ से आकाशवाणी तथा विविध मंचों पर उनके स्वरचित हिंदी एवं बुंदेली गीतों ने उन्हें प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचा दिया था ।
अपने समय के सुप्रसिद्ध कवि डॉ. रामेश्वर शुक्ल “अंचल” ने लिखा था कि “श्याम का निश्छल, सहज-प्रसन्न मन अपने कथ्य के प्रति आश्वस्त और निष्ठा पर अडिग रहता है ।”डॉ. शिवमंगल सिंह “सुमन” ने लिखा था – “श्याम के गीत बड़े विदग्ध और विलोलित हैं । कवि की पीड़ा विभिन्न आयामों से गुजरती हुई अनुभूति के विरल क्षणों को समेटने में समर्थ हुई है। ” सुप्रसिद्ध कहानीकार ज्ञानरंजन का कथन है – “खास बात कवि “श्याम” के गीतों की मुझे यह लगती है कि उन्होंने जड़ और पारंपरिक ढांचे को तोड़ा है तथा लोकजीवन के ताजे छंद उद्वेगों से उन्हें जोड़ा है। ” डॉ. राजकुमार तिवारी “सुमित्र” के अनुसार – “मेरा मत है कि “श्याम” के गीत प्रेम, पीड़ा और सौंदर्य का त्रिवेणी – संगम है।”
“तुम थे तो छोटे थे,
तुम बिन बड़े हो गए दिन”
28 नवंबर 2008 को मधुर गीतकार कृष्णकुमार श्रीवास्तव “श्याम” का देहावसान हो गया किंतु वे अपनी कृतियों “श्याम के गीत” और “यादों की नागफनी” तथा अपने सरस गीतों के लिए सदा याद किए जाएंगे।
(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता “संत रैदास…”।)
(ई-अभिव्यक्ति में संस्कारधानी जबलपुर से श्री राजेंद्र तिवारी जी का स्वागत। इंडियन एयरफोर्स में अपनी सेवाएं देने के पश्चात मध्य प्रदेश पुलिस में विभिन्न स्थानों पर थाना प्रभारी के पद पर रहते हुए समाज कल्याण तथा देशभक्ति जनसेवा के कार्य को चरितार्थ किया। कादम्बरी साहित्य सम्मान सहित कई विशेष सम्मान एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित, आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा वार्ताएं प्रसारित। हॉकी में स्पेन के विरुद्ध भारत का प्रतिनिधित्व तथा कई सम्मानित टूर्नामेंट में भाग लिया। सांस्कृतिक और साहित्यिक क्षेत्र में भी लगातार सक्रिय रहा। हम आपकी रचनाएँ समय समय पर अपने पाठकों के साथ साझा करते रहेंगे। आज प्रस्तुत है आपका एक भावप्रवण कविता ‘आसमां से गिरकर कहां जाएंगी…‘।)
☆ कविता – आसमां से गिरकर कहां जाएंगी… ☆ श्री राजेन्द्र तिवारी ☆
(वरिष्ठतम साहित्यकार आदरणीय डॉ कुन्दन सिंह परिहार जी का साहित्य विशेषकर व्यंग्य एवं लघुकथाएं ई-अभिव्यक्ति के माध्यम से काफी पढ़ी एवं सराही जाती रही हैं। हम प्रति रविवार उनके साप्ताहिक स्तम्भ – “परिहार जी का साहित्यिक संसार” शीर्षक के अंतर्गत उनकी चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाते रहते हैं। डॉ कुंदन सिंह परिहार जी की रचनाओं के पात्र हमें हमारे आसपास ही दिख जाते हैं। कुछ पात्र तो अक्सर हमारे आसपास या गली मोहल्ले में ही नज़र आ जाते हैं। उन पात्रों की वाक्पटुता और उनके हावभाव को डॉ परिहार जी उन्हीं की बोलचाल की भाषा का प्रयोग करते हुए अपना साहित्यिक संसार रच डालते हैं।आज प्रस्तुत है आपका एक अप्रतिम व्यंग्य – ‘बलिहारी गुरु आपने ‘। इस अतिसुन्दर रचना के लिए डॉ परिहार जी की लेखनी को सादर नमन।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – परिहार जी का साहित्यिक संसार # 277 ☆
☆ व्यंग्य – बलिहारी गुरु आपने ☆
कुंभ-स्नान के लिए नहीं जा पाया। दिल में बहुत मलाल है। गंगा मैया क्षमा करें। कारण यह है कि जाड़े में घर में ही स्नान मुल्तवी हो जाता है, भीड़-भाड़ और धक्का-मुक्की में प्रयागराज पहुंचकर इस कंचन काया को ठंडे पानी में कैसे डुबाया जाए? सयाने कह गये हैं कि ‘काया राखे धरम’ होता है। एक बाबाजी कुंभ-स्नान के लिए न पहुंचने वालों को ‘देशद्रोही’ की संज्ञा दे चुके हैं। डर लगता है कि कहीं शासन बाबाजी के कहने के हिसाब से कार्यवाही न करने लगे। आजकल बाबाओं की बड़ी कद्र है। देश के बेरोज़गार युवकों को भी बाबागिरी में अच्छा विकल्प दिख रहा है। इसमें किसी डिग्री की दरकार नहीं है और इज़्ज़त के साथ दक्षिणा भरपूर है।
धर्माचार्य कह रहे हैं कि कुंभ में नहाने से मोक्ष मिलेगा। मतलब यह कि मेरे जैसे स्नान-भीरु लोगों को बार-बार जन्म लेना पड़ेगा। मोक्ष नहीं मिलेगा। दूसरों की तो मैं नहीं जानता, लेकिन अपने मन की बात बताऊं कि अभी मोक्ष की इच्छा नहीं है। यह दुनिया कंबख़्त इतनी दिलकश है कि बार-बार जन्म लेने की इच्छा होती है। बस शर्त यह है कि जन्म मनुष्य के रूप में और ऊंची जाति में मिले। नीची जाति में जन्म लेकर फजीहत झेलने से तो मोक्ष अच्छा। मनुष्य की ऊंची जाति में जन्म के साथ यह भी ज़रूरी होगा कि पैसा-कौड़ी का अभाव न रहे। कोई मलाईदार पद मिलता रहे तो सोने में सुहागा होगा।
कुंभ के दृश्य टीवी पर देखते देखते एक बाबा ने ध्यान खींचा। कद 3 फुट 8 इंच, नाम छोटू बाबा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि छोटू बाबा ने 32 साल से स्नान नहीं किया है। उनके दर्शन से मन में भक्ति उमड़ पड़ी। मोक्ष के अयोग्य होने की ग्लानि एकदम छंट गयी। मनोबल ठाठें मारने लगा। लगा कि ऐसे ही गुरू को मैं अरसे से तलाश रहा था। अब जाकर तलाश पूरी हुई।
छोटू बाबा ने बताया कि उन्होंने कोई व्रत लिया था और उसके पूरा होने पर वे उज्जैन में स्नान करेंगे। मेरे दिमाग में सवाल उठा कि जब उन्हें नहाना नहीं था तो वे कुंभ में किस लिए पधारे थे?
जो भी हो, अपने न नहाने के व्रत की बात उजागर करने के बाद भी लोग छोटू बाबा को पूज रहे थे, उन्हें दक्षिणा दे रहे थे, उनके फोटो खींच रहे थे, उनका आशीर्वाद ले रहे थे। देखकर मुझे लगा कि नहाने से परहेज़ करना कोई शर्म की बात नहीं है। बिना नहाये भी आदमी अपने मनोबल को ऊंचा रख सकता है और दुनिया से वैराग्य होने पर सन्त महन्त का दर्ज़ा पा सकता है। सोच लिया कि अब यदि न नहाने को लेकर घर में लानत- मलामत होगी तो छोटू बाबा को सामने रखकर पुख्ता जवाब दे सकूंगा।
टीवी पर छोटू बाबा के दर्शन होने के बाद मन में बड़ी बेचैनी है। बलवती इच्छा है कि कुंभ की गहमा-गहमी और सर्दी कुछ हल्की हो तो छोटू बाबा को ढूंढ़ कर उनके चरण पकड़ूं और मुझे अपना शिष्य बना लेने की प्रार्थना करूं। मेरे लिए उनसे बेहतर गुरू हो नहीं सकता। मैंने भी व्रत ले लिया है कि अपना अगला स्नान गुरू जी के साथ उज्जैन में ही करूंगा। महाजनो येन गत: स पंथा:।
(ई-अभिव्यक्ति में मॉरीशस के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामदेव धुरंधर जी का हार्दिक स्वागत। आपकी रचनाओं में गिरमिटया बन कर गए भारतीय श्रमिकों की बदलती पीढ़ी और उनकी पीड़ा का जीवंत चित्रण होता हैं। आपकी कुछ चर्चित रचनाएँ – उपन्यास – चेहरों का आदमी, छोटी मछली बड़ी मछली, पूछो इस माटी से, बनते बिगड़ते रिश्ते, पथरीला सोना। कहानी संग्रह – विष-मंथन, जन्म की एक भूल, व्यंग्य संग्रह – कलजुगी धरम, चेहरों के झमेले, पापी स्वर्ग, बंदे आगे भी देख, लघुकथा संग्रह – चेहरे मेरे तुम्हारे, यात्रा साथ-साथ, एक धरती एक आकाश, आते-जाते लोग। आपको हिंदी सेवा के लिए सातवें विश्व हिंदी सम्मेलन सूरीनाम (2003) में सम्मानित किया गया। इसके अलावा आपको विश्व भाषा हिंदी सम्मान (विश्व हिंदी सचिवालय, 2013), साहित्य शिरोमणि सम्मान (मॉरिशस भारत अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 2015), हिंदी विदेश प्रसार सम्मान (उ.प. हिंदी संस्थान लखनऊ, 2015), श्रीलाल शुक्ल इफको साहित्य सम्मान (जनवरी 2017) सहित कई सम्मान व पुरस्कार मिले हैं। हम श्री रामदेव जी के चुनिन्दा साहित्य को ई अभिव्यक्ति के प्रबुद्ध पाठकों से समय समय पर साझा करने का प्रयास करेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी स्त्री विमर्श पर आधारित एक विचारणीय गद्य क्षणिका “– थपेड़े –” ।)
~ मॉरिशस से ~
☆ गद्य क्षणिका ☆ — थपेड़े —☆ श्री रामदेव धुरंधर ☆
आकाश प्रेम से देखता था, चाँद आत्मीयता से तकता था, पृथ्वी खुशी से स्पंदित होती थी। यह एक बालक के जन्म का उत्सव था। अच्छा करने में बालक की अद्भुत लगन थी। पर बालक बड़ा होने की प्रक्रिया में परिवर्तित दिखायी दिया। तब तो आकाश, चाँद और पृथ्वी का उत्सव शिथिल पड़ गया। बालक पूर्व जन्म से कुछ ले कर धरती पर आया था जिसे जमाने के थपेड़ों ने नष्ट करके उसे अपने धरातल पर खड़ा कर लिया था।
Anonymous Litterateur of social media # 224 (सोशल मीडिया के गुमनाम साहित्यकार # 224)
Captain Pravin Raghuvanshi NM—an ex Naval Officer, possesses a multifaceted personality. He served as a Senior Advisor in prestigious Supercomputer organisation C-DAC, Pune. An alumnus of IIM Ahmedabad was involved in various Artificial and High-Performance Computing projects of national and international repute. He has got a long experience in the field of ‘Natural Language Processing’, especially, in the domain of Machine Translation. He has taken the mantle of translating the timeless beauties of Indian literature upon himself so that it reaches across the globe. He has also undertaken translation work for Shri Narendra Modi, the Hon’ble Prime Minister of India, which was highly appreciated by him. He is also a member of ‘Bombay Film Writer Association’. He is also the English Editor for the web magazine www.e-abhivyakti.com.
Captain Raghuvanshi is also a littérateur par excellence. He is a prolific writer, poet and ‘Shayar’ himself and participates in literature fests and ‘Mushayaras’. He keeps participating in various language & literature fests, symposiums and workshops etc.
Recently, he played an active role in the ‘International Hindi Conference’ at New Delhi. He presided over the “Session Focused on Language and Translation” and also presented a research paper. The conference was organized by Delhi University in collaboration with New York University and Columbia University.
In his Naval career, he was qualified to command all types of warships. He is also an aviator and a Sea Diver; and recipient of various awards including ‘Nao Sena Medal’ by the President of India, Prime Minister Awards and C-in-C Commendation. He has won many national and international awards.
He is also an IIM Ahmedabad alumnus.
His latest quest involves writing various books and translation work including over 100 Bollywood songs for various international forums as a mission for the enjoyment of the global viewers. Published various books and over 3000 poems, stories, blogs and other literary work at national and international level. Felicitated by numerous literary bodies..!
English translation of Urdu poetry couplets of Anonymous litterateur of Social Media # 224
(आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ जी संस्कारधानी जबलपुर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। आपको आपकी बुआ श्री महीयसी महादेवी वर्मा जी से साहित्यिक विधा विरासत में प्राप्त हुई है । आपके द्वारा रचित साहित्य में प्रमुख हैं पुस्तकें- कलम के देव, लोकतंत्र का मकबरा, मीत मेरे, भूकंप के साथ जीना सीखें, समय्जयी साहित्यकार भगवत प्रसाद मिश्रा ‘नियाज़’, काल है संक्रांति का, सड़क पर आदि। संपादन -८ पुस्तकें ६ पत्रिकाएँ अनेक संकलन। आप प्रत्येक सप्ताह रविवार को “साप्ताहिक स्तम्भ – सलिल प्रवाह” के अंतर्गत आपकी रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी एक पूर्णिका – गौरैया मुंडेर पर!।)
विज्ञान की अन्य विधाओं में भारतीय ज्योतिष शास्त्र का अपना विशेष स्थान है। हम अक्सर शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त, शुभ विवाह के लिए सर्वोत्तम कुंडली मिलान आदि करते हैं। साथ ही हम इसकी स्वीकार्यता सुहृदय पाठकों के विवेक पर छोड़ते हैं। हमें प्रसन्नता है कि ज्योतिषाचार्य पं अनिल पाण्डेय जी ने ई-अभिव्यक्ति के प्रबुद्ध पाठकों के विशेष अनुरोध पर साप्ताहिक राशिफल प्रत्येक शनिवार को साझा करना स्वीकार किया है। इसके लिए हम सभी आपके हृदयतल से आभारी हैं। साथ ही हम अपने पाठकों से भी जानना चाहेंगे कि इस स्तम्भ के बारे में उनकी क्या राय है ?
☆ ज्योतिष साहित्य ☆ साप्ताहिक राशिफल (24 फरवरी से 2 मार्च 2025) ☆ ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय ☆
जय श्री राम। समय की सबसे छोटी इकाई जैसे क्षण सेकंड निमिष आदि भी आपको बदलने की योग्यता रखते हैं। एक सेकंड के अंतर से आप दुर्घटना से बच सकते हैं, ट्रेन पर चढ़ सकते हैं और कई अन्य कार्य संपन्न कर सकते हैं। परंतु यही एक सेकंड की देरी आपको दुर्घटनाग्रस्त कर सकती है, ट्रेन छूट सकती है और आपके कई कार्य लंबित हो सकते हैं। इस सप्ताह में आपका क्या-क्या बन सकता है या बिगाड़ सकता है यही बताने के लिए मैं पंडित अनिल पांडे आपके सामने 24 फरवरी से 2 मार्च 2025 के सप्ताह के साप्ताहिक राशिफल के साथ उपस्थित हूं।
इस सप्ताह 24 तारीख को की 8:57 PM से मंगल ग्रह मार्गी हो जाएगा, 27 तारीख को 10:53 AM से बुध मीन राशि में प्रवेश करेगा तथा 2 मार्च को शुक्र ग्रह 3:16 ए एम से वक्री हो जाएगा। इस सप्ताह सूर्य कुंभ राशि में, गुरु वृष राशि में, शुक्र मीन राशि में, शनि कुंभ राशि में और बक्री राहु मीन राशि में गोचर करेंगे।
आइये अब हम राशिवार राशिफल की चर्चा करते हैं।
मेष राशि
इस सप्ताह आपका, आपके जीवनसाथी का, आपके माताजी और पिताजी सभी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आपकी संतान को कुछ समस्याएं हो सकती हैं। आपको अपनी संतान का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। भाई बहनों के साथ संबंध अच्छे और बुरे रहेंगे। धन आने का योग है। इस सप्ताह आपके लिए 25 और 26 फरवरी कार्यों को करने हेतु अनुकूल है। एक और दो फरवरी को आपको सावधान होकर कार्यों को करना चाहिए। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। सप्ताह का शुभ दिन मंगलवार है।
वृष राशि
सामान्य तौर पर इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। परंतु पेट की समस्या हो सकती है। आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। धन आने का योग है। कार्यालय में आपको सावधान रहकर कार्यों को करना चाहिए। हो सकता है इस सप्ताह आपको कई प्रकार के कार्य करने के लिए मिलें। इस सप्ताह आपको अपने संतान से कम सहयोग प्राप्त होगा। इस सप्ताह आपके लिए 27 और 28 फरवरी कार्यों को करने के लिए लाभदायक है। 24 फरवरी को आपके द्वारा किए गए कार्य असफल हो सकते हैं। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन स्नान करने के उपरांत तांबे के में पात्र में जल अक्षत और लाल पुष्प डालकर भगवान सूर्य को जल अर्पण करें। सप्ताह का शुभ दिन शुक्रवार है।
मिथुन राशि
इस सप्ताह आपके कार्यालय में प्रतिष्ठा प्राप्त हो सकती है। कचहरी के कार्यों में सावधानी बरतें। आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। भाग्य से कोई विशेष मदद नहीं मिलेगी। इस सप्ताह आपके लिए 24 फरवरी और एक तथा 2 मार्च लाभदायक है। 25 और 26 फरवरी को आपको सावधान रहकर कार्यों को करना चाहिए। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है।
कर्क राशि
इस सप्ताह आपका, आपके जीवनसाथी का, माता जी का और पिताजी का स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। इस सप्ताह आपके पास धन की थोड़ी कमी हो सकती है। कचहरी के कार्य में सावधानी बरतें। इस सप्ताह भाग्य आपका पूर्ण रूपेण साथ देगा। इस सप्ताह आपको दुर्घटनाओं से सावधान रहना चाहिए। इस सप्ताह आपको अपने संतान से सहयोग प्राप्त होगा। छात्रों की पढ़ाई उत्तम चलेगी। इस सप्ताह आपके लिए 25 और 26 फरवरी अनुकूल है। 24, 27 और 28 फरवरी को आपको सावधान होकर कार्यों को करना चाहिए। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है।
सिंह राशि
यह सप्ताह सामान्य तौर पर आपके लिए ठीक-ठाक रहेगा। आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। कार्यालय में आपकी प्रतिष्ठा यथावत रहेगी। दुर्घटनाओं से आप बचेंगे धन आने के मार्ग में बाधा है। माता जी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। समाज में आपकी प्रतिष्ठा ठीक-ठाक रहेगी। आपको अपने संतान से सहयोग प्राप्त हो सकता है। इस सप्ताह आपके लिए 27 और 28 फरवरी किसी भी कार्य को करने के लिए अनुकूल है। सप्ताह के बाकी दिनों में आपको सावधान रहकर कार्य करना चाहिए। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। सप्ताह का शुभ दिन बृहस्पतिवार है।
कन्या राशि
अविवाहित जातकों के लिए यह सप्ताह ठीक रहेगा। विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। आपके जीवनसाथी के लिए सप्ताह उत्तम है। कार्यालय में आपकी प्रतिष्ठा में कमी हो सकती है। आपको कार्यालय के कार्यों में सावधान रहना चाहिए। आपके स्वास्थ्य में भी थोड़ी खराब भी हो सकती है। इस सप्ताह आपको अपने शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए। इस सप्ताह आपके लिए 24 फरवरी तथा एक और दो मार्च कार्यों को करने के लिए लाभदायक हैं। 27 और 28 फरवरी को आपको सचेत रहना चाहिए। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन लाल मसूर की दाल का दान करें और मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर कम से कम तीन बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। सप्ताह का शुभ दिन रविवार है।
तुला राशि
इस सप्ताह आपके सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है। माता जी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। आपका और आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी ठीक-ठाक रहेगा। यह समय कचहरी के कार्यों में रिस्क लेने का नहीं है। पेट की बीमारियों से बचने का प्रयास करें। अगर आप प्रयास करेंगे तो आप शत्रुओं को पराजित कर सकते हैं। छात्रों की पढ़ाई ठीक-तक चलेगी। आपको अपने संतान से सहयोग प्राप्त होगा। इस सप्ताह आपके लिए 25 और 26 फरवरी कार्यों को करने के लिए फलदायक है। एक और दो मार्च को आपको कोई भी कार्य बड़े सावधानी पूर्वक करना चाहिए। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है।
वृश्चिक राशि
इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आपके संतान की प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। भाई बहनों के साथ संबंध ठीक रहेगा। थोड़ा बहुत धन आ सकता है। माता जी को परेशानी हो सकती है। आप अपनी प्रतिष्ठा के प्रति सतर्क रहें अन्यथा प्रतिष्ठा में हानि संभव है। छात्रों की पढ़ाई ठीक-ठाक चलेगी। इस सप्ताह आपके लिए 27 और 28 फरवरी परिणाम दायक है। सप्ताह के बाकी दिन भी ठीक-ठाक है। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें। सप्ताह का शुभ दिन बृहस्पतिवार है।
धनु राशि
इस सप्ताह आपके प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। माता जी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। पिताजी के स्वास्थ्य में थोड़ी परेशानी आ सकती है। आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। भाई बहनों के साथ संबंध थोड़ा खराब हो सकते हैं। आपको पेट में तकलीफ हो सकती है। धन आने का योग है। इस सप्ताह आपके लिए 24 फरवरी तथा एक और दो मार्च कार्यों को करने के लिए उत्साहवर्धक हैं। सप्ताह के बाकी दिन भी ठीक-ठाक हैं। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। सप्ताह का शुभ दिन रविवार है।
मकर राशि
इस सप्ताह आपके परिवार में लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आपका, आपके जीवनसाथी का और आपके माता-पिता जी का तथा संतान का सभी का स्वास्थ्य ठीक रहने की उम्मीद है। भाई बहनों के साथ उत्तम संबंध बन सकते हैं। धन आने की उम्मीद है। आपके प्रयासों से आपके शत्रु पराजित हो सकते हैं। इस सप्ताह आपके लिए 25 और 26 फरवरी शुभ है। 24 फरवरी को आपको सावधानी पूर्वक कार्य करना चाहिए। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप घर की बनी पहली रोटी गौ माता को दें। सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है।
कुंभ राशि
इस सप्ताह आपके पास धन आने की उम्मीद है। भाई बहनों के साथ संबंध सामान्य रहेंगे। कचहरी के कार्यों में आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं परंतु इसके लिए आपको कठोर प्रयास करने पड़ेंगे। आपके स्वास्थ्य में बाधा पड़ सकती है। आपका मानसिक स्वास्थ्य थोड़ा खराब हो सकता है। इस सप्ताह आपके लिए 27 और 28 फरवरी अच्छे हैं। 25 और 26 फरवरी को आपको सतर्क रहकर कार्य करना चाहिए। इस सप्ताह आप को चाहिए कि आप शनिवार को शनि मंदिर में जाकर पूजा पाठ करें। सप्ताह का शुभ दिन शुक्रवार है।
मीन राशि
इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। अगर आप अविवाहित हैं तो विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। प्रेम संबंधों में आपको फायदा होगा। कचहरी के कार्यों में सावधान रहें। भाई बहनों के साथ संबंध सामान्य रहेंगे। माता जी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। सामाजिक प्रतिष्ठा के प्रति आपको सतर्क रहना चाहिए। इस सप्ताह आपके लिए 24 फरवरी तथा एक और दो मार्च कार्यों को करने के लिए उपयुक्त हैं। 27 और 28 फरवरी को आपको कोई भी कार्य बहुत सावधानी से करना चाहिए। इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप गरीब लोगों के बीच में कंबल का दान करें तथा बच्चों के बीच में पुस्तकों का दान करें। सप्ताह का शुभ दिन रविवार है।
ध्यान दें कि यह सामान्य भविष्यवाणी है। अगर आप व्यक्तिगत और सटीक भविष्वाणी जानना चाहते हैं तो आपको मुझसे दूरभाष पर या व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहिए। मां शारदा से प्रार्थना है या आप सदैव स्वस्थ सुखी और संपन्न रहें। जय मां शारदा।