समाजाकडे डोळसपणे पाहून मार्मिक भाष्य करणारे आणि विडंबन काव्याचा शिडकावा करुन मनाला तजेला देणारे नव्या पिढीतील दमदार विनोदी साहित्यिक श्री अमोल केळकर यांच्या माझी टवाळखोरी या ब्लॉगने सर्व मराठी ब्लाॅगज् मध्ये अल्पावधीतच छत्तीसावा क्रमांक प्राप्त केला आहे.
श्री अमोल केळकर हे मराठी ई-अभिव्यक्ति परिवारातील साहित्यिक आहेत याचा आम्हाला अभिमान वाटतो.
💐 श्री अमोल केळकर यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा ! 💐
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
☆ मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ “श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार” से सम्मानित – अभिनंदन ☆
भोपाल, 25 जुलाई 2023: मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी ने श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाश को उनकी पुस्तक “बच्चों! सुनो कहानी” के लिए “श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार” से सम्मानित किया है. यह पुरस्कार उन्हें बच्चों के साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है.
श्री प्रकाश एक जाने-माने साहित्यकार हैं. उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से कई बच्चों के साहित्य से संबंधित हैं. उनकी पुस्तकें बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं. वे बच्चों को ज्ञान, मनोरंजन और प्रेरणा प्रदान करती हैं.
श्री प्रकाश को यह पुरस्कार रविंद्र भवन भोपाल के अंजलि सभागार में आयोजित एक समारोह में दिया गया. इस समारोह में मशहूर अभिनेता और साहित्यकार आशुतोष राणा, नीमच जिला प्रभारी एवं संस्कृति मंत्री आदरणीय सुश्री उषा ठाकुर, साहित्य निदेशक मध्य प्रदेश आदरणीय डॉक्टर विकास दवेजी के कर कमलों से पुरस्कार प्राप्त हुआ. समारोह में देशभर के सुप्रसिद्ध और विख्यात साहित्यकार उपस्थित थे.
समारोह में सुश्री उषा ठाकुर ने श्री प्रकाश को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि वे एक प्रतिभाशाली साहित्यकार हैं और उन्होंने बच्चों के साहित्य को समृद्ध किया है. उन्होंने कहा कि श्री प्रकाश की पुस्तकें बच्चों को ज्ञान, मनोरंजन और प्रेरणा प्रदान करती हैं.
श्री प्रकाश ने पुरस्कार प्राप्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक सम्मान की बात है. उन्होंने कहा कि वे साहित्य अकादमी के इस सम्मान से प्रेरित होकर और भी बेहतर रचनाएं लिखेंगे.
यह पुरस्कार श्री प्रकाश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यह पुरस्कार उनके साहित्यिक योगदान को मान्यता देता है. यह पुरस्कार अन्य साहित्यकारों को भी प्रेरित करेगा कि वे भी बच्चों के साहित्य के क्षेत्र में अपना योगदान दें.
श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार के बारे में
श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार,मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक साहित्यिक पुरस्कार है. यह पुरस्कार बच्चों के साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है. इस पुरस्कार के लिए पात्रता मानदंड हैं:
उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना चाहिए.
उम्मीदवार को कम से कम एक पुस्तक लिखी होनी चाहिए, जो बच्चों के साहित्य से संबंधित हो.
उम्मीदवार की पुस्तक को कम से कम एक वर्ष पहले प्रकाशित होना चाहिए.
यह पुरस्कार 51,000 रुपये, प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र के रूप में दिया जाता है.
💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की और से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को इस विशिष्ट सम्मान के लिए हार्दिक बधाई 💐
– श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
ई-अभिव्यक्तीच्यालेखिका व कवयत्री सौ. जयश्री अनिल पाटील यांच्या शब्दवेल व बालजगत काव्यसंग्रहाचे प्रकाशन रविवार दि. 23 जुलै रोजी, मा. श्री दिनकर पाटील व मा. श्री अरविंद पाटील दोघांच्या हस्ते झालं. त्यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा! 💐
आजच्या अंकात वाचा त्यांची कविता, ‘गाथा तुकोबांची’.
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती मराठी.
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
आपल्या समुहातील ज्येष्ठ साहित्यिका सौ. राधिका भांडारकर यांना, त्यांच्या ‘पावसाच्या कविता’ या रचनेसाठी; शुभंकरोती साहित्य परिवाराकडून सन्मानित करण्यात आले आहे. त्यांचे ई-अभिव्यक्ती समुहाकडुन मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा.! 💐
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती मराठी.
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
साकव्य विकास मंच तर्फे आयोजित करण्यात आलेल्या सौरऊर्जा या विषयावरील काव्य स्पर्धेत,आपल्या समुहातील ज्येष्ठ साहित्यिका अरुणा मुल्हेरकर यांना तृतीय पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले आहे.
💐 ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे त्यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा! 💐
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती (मराठी)
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
☆ साहित्य यांत्रिकी की काव्य गोष्ठी संपन्न ☆ प्रस्तुति – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ☆
भोपाल के साहित्य क्षितिज पर अनेक अभियंता निरंतर हिन्दी साहित्य की श्रीवृद्धि में बड़ा योगदान कर रहे हैं। रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के संस्थापक श्री संतोष चौबे भी इंजीनियर ही हैं। कविता के हस्ताक्षर श्री नरेश सक्सेना पहचाने हुये नाम है। व्यंग्य में भोपाल के श्रीविवेक रंजन श्रीवास्तव का नाम राष्ट्रीय स्तर पर लिया जाता है।
विगत दिवस साहित्य यांत्रिकी की मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। सृजन साधना में निरंतरता का महत्व सर्व विदित होता है।
वरिष्ठ कवि प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव जी की अध्यक्षता में गोष्ठी संपन्न हुई।
इंज प्रमोद तिवारी ने सामयिक रचना पढ़ी…
चाहता था जीना
पर वो जी नहीं पाया।
कभी बारिश कभी सूखा।
कभी हरियाली भी आई।
मगर डर हर ऋतु साथ लाई।
गायक एवम् कवि इंज अशेष श्रीवास्तव ने अपनी बात इन शब्दों में रखी…
एक बारिश क्या हुई
सड़कों की कलइ खुल गयी। ।
बुरा वक्त क्या आया
रिश्तों की कलइ खुल गयी।।
इंजी विवेक रंजन श्रीवास्तव ने गजल पढ़ी
रोशनी पे अंधेरे की बात भारी है
शह पे प्यादे से मात भारी है
उसूलों के बल पे कैसे हों चुनाव
सारे सही गलत पे जात भारी है
रवींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय वैशाली के कुलाधिपति श्री व्ही के वर्मा ने अपनी रचना इंद्रधनुष पढ़ी।
नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर श्री अजेय श्रीवास्तव ने लोक जीवन से छठ के गीत परआधारित रचना सुनाई…
काँच ही बांस की बहँगिया
बहँगी लचकत जाए—
गा रही है अम्मा
धीरे धीरे, पोपले मुँह से
नदी का झक सफ़ेद आँचल
फैल गया है
अम्मा के बालों में।
अरघ के डूबते सूरज ने
लील लिया है
अम्मा के माथे की बड़ी चमकती बिंदी को
गा रही हैं अम्मा—
केलवा के पात पे उगे का सूरजवा
इंज मुकेश मिश्रा ने अपनी रचना इन शब्दों में रखी…
दुनिया एक बाजार में तब्दील हो गई,
आदमी ग्राहक बनकर रह गया,
डर, नफा या जरूरत दिखाकर,
इंसान इंसान को ठग रहा।
अध्यक्षीय व्यक्तव्य में प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव विदग्ध ने अभियंता रचनाकारों पर केंद्रित इस साहित्यिक आयोजन की भूरि भूरि सराहना की। उन्होंने काव्य पाठ करते हुए कहा…
दुनियां यही धनी निर्धन की लेकिन बंटी बंटी
आपस के व्यवहारों में पर कभी न बात पटी
गोष्ठी के उपरांत सभी ने श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव की ओपन लाइब्रेरी का निरीक्षण किया, अशेष श्रीवास्तव ने अपनी पुस्तकें डब्बा पुस्तकालय में रखीं।
श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ने गोष्ठी का मनहर संचालन एवं कृतज्ञता ज्ञापन किया।
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
☆ हिमालय साहित्य मंथ की चली साहित्य की रेल — कमलेश भारतीय ☆
साहित्य को आम जन तक पहुंचाने के लिये अनेक तरीके अपनाये जा रहे हैं जिनमें हिमालय साहित्य मंच का राष्ट्रीय आयोजन पांचवें वर्ष में प्रवेश कर गया है। कालका-शिमला धरोहर चलती रेल में पांचवीं भलकू स्मृति साहित्यिक यात्रा का आयोजन इस सप्ताह किया गया जिसमे देश के 35 लेखकों ने देश के विभिन्न कोनों से भाग लिया। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर (कर्नल) धनीराम शाण्डिल यात्रा को हरी झंडी दी।
विश्व धरोहर के रूप में विख्यात शिमला-कालका चलती रेल में हिमालय साहित्य, संस्कृति एवं पर्यावरण मंच द्वारा बाबा भलखू स्मृति साहित्यिक रेल यात्रा का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन किया गया। जिसमें हिमाचल सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ.(कर्नल) धनीराम शांडिल मुख्य अतिथि के रूप में शिमला रेलवे स्टेशन से यात्रा को फ्लैग ऑफ किया। इस यात्रा में देश और प्रदेश के विभिन्न भागों से स्थानीय लेखकों सहित 35 लेखक, पत्रकार, रंगकर्मी और लोक गायक शामिल हुए।
यह जानकारी आज मीडिया को हिमालय मंच के अध्यक्ष और प्रख्यात लेखक एस.आर.हरनोट ने दी। मंच संचालन रंगकर्मी देवकन्यः ठाकुर ने किया।
अजय सिंह राणा का मक्कड़जाल: चंडीगढ़ के कथाकार अजय सिंह राणा के नवप्रकाशित कथा संग्रह मक्कड़जाल पर सेंट्रल सत्रह स्थित स्टेट लाइब्रेरी में परिचर्चा व विमोचन किया गया। इस अवसर, पर प्रसिद्ध रचनाकार, प्रो एम एम जुनेजाअध्यक्ष, कैलाश आहलूवालियामुख्य अतिथि और कमलेश भारतीय विशिष्ट अतिथि थे। रोजलीन, ब्रहम दत्त शर्मा, सुरेश ; अश्विनी शांडिल्य, विनीत कपूर आदि ने समीक्षा प्रस्तुत की जबकि गुरदीप, चंचल, आशीष और अन्य ने काव्य पाठ किया। यह बहुत ही शानदार कार्यक्रम रहा और इसके लिये अजय सिह राणा और हरियाणा लेखक मंच के सदस्यों ने पूरा पूरा पूरा सहयोग दिया। कार्यक्रम में बहुत ही प्रतिभाशाली रचनाकार मौजूद रहे।
राजकमल चौधरी स्मृति कथा सम्मान शंकर को: वरिष्ठ कथाकार व चर्चित पत्रिका परिकथा के संपादक शंकर का चयन हुआ राजकमल स्मृति कथा सम्मान के लिये हुआ है। कवि-संपादक विष्णु चंद्र शर्मा द्वारा मित्रनिधि के माध्यम से प्रारम्भ किया गया यह सम्मान दो वर्ष के अंतराल में प्रदान किया जाता है। सम्मान के संयोजकों के अनुसार समारोह सितंबर माह में राजधानी में आयोजित होगा। यह सम्मान अब तक इब्बार रब्बी, पंकज बिष्ट और विजेन्द्र को प्रदान किया जा चुका है। इसी प्रकार हिसार में एक समाचारपत्र समूह द्वारा आयोजित भव्य समारोह में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष व चर्चित कथाकार कमलेश भारतीय व हास्य व्यंग्य लेखिका डाॅ शम्मी शर्मा को गुजवि के कुलपति प्रो नरसी बिश्नोई व एडीजीपी श्रीकांत माधव ने सम्मानित किया।
सुधा ओम ढींगड़ा की पुस्तक पंजाबी में: प्रसिद्ध रचनाकर व विदेश में बसीं सुधा ओम ढींगड़ा की पुस्तक ‘धूप से रूठी चांदनी’ का पंजाबी अनुवाद ‘धुप्प नाल रूसी चांदनी’ का विमोचन और काव्य गोष्टी हुई। ख़ुशी की बात यह है यह सुधा की पंजाबी में यानी उनकी माँ बोली में आई है। अनुवादक डॉ. अमरजीत कोंके ने यह जानकारी दी।
लोक साहित्य संगम, राजपुरा द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में अमरीका में रहती हिंदी लेखिका सुधा ओम ढींगरा की काव्य पुस्तक ‘धुप्पा नाल रूसी चांदनी’ का विमोचन किया गया। संचालन बलदेव खुराना ने किया।
चंडीगढ़ में सत्यपाल सहगल की दूसरी किताब:पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग से वर्षों संबद्ध रहे डाॅ सत्यपाल सहगल के काव्यसंग्रह दूसरी किताब का विमोचन सेक्टर बीस में साहित्य चिंतन संस्था द्वारा आयोजित किया गया। सत्यपाल सहगल इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण व चर्चित कवि है। अध्यक्षता पंजाब विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डाॅ अक्षय ने किया। सत्यपाल सहगल ने कहा कि कविता अपना काम करती है। बहुत बहुत बधाई।
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
ई-अभिव्यक्तीक्या लेखिका आणि सुपरिचित समुपदेशक सौ. अर्चना मुळे यांच्या ‘वयात येताना’ या पुस्तकाचे प्रकाशन काल, सोमवार दि. 3 जुलै रोजी झाले. त्याबद्दल त्यांचे मन:पूर्वक अभिनंदन. त्यांच्या पुढच्या लेखनासाठी आणि समुपदेशन कार्यासाठी शुभेच्छा.💐
आजच्या अंकात वाचा ‘वयात येताना’ या पुस्तकाचा सौ.अलका ओमप्रकाश माळी यांनी करून दिलेला परिचय
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
☆ लेखकों का सम्मान व शिमला पुस्तक मेला — कमलेश भारतीय ☆
इस बार मित्रों को सम्मान मिलने के समाचारों ने प्रसन्न कर दिया।
इस बार का साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार सूर्यनाथ सिंह को उनके उपन्यास कौतुक ऐप के लिए घोषित किया गया है। यह उपन्यास विज्ञान कथा है, जिसमें बच्चे एक एप के जरिए कुछ खेल करते हैं। किसी आदमी को किसी ऐतिहासिक चरित्र में बदल देते हैं, जैसे किसी को हिटलर के रूप में तो किसी को लॉर्ड माउंट बेटन के रूप में परिवर्तित कर देते हैं। इस तरह नाटक चलता रहता है। मगर उस एप में कुछ गड़बड़ी आ जाती है और फिर पूरे देश की संचार व्यवस्था ठप्प पड़ जाती है। चारों ओर अफरातफरी का माहौल पैदा हो जाता है। उससे निपटने के उपाय तलाशे जाते हैं। इस तरह इस उपन्यास में मनोरंजन के साथ साथ बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और उनकी कल्पना शक्ति को विकसित करने की भरपूर सामग्री है।
उत्तर प्रदेश के सवाना गांव में जन्मे सूर्यनाथ सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम ए और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम फिल और पी एच डी की है। उन्हें अकादमी सम्मान देने की घोषणा पर बधाई।
विनोद शाही को आधार सम्मान : इसी प्रकार पंजाब से पुराने मित्र डाॅ विनोद शाही को आधार सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई है। यह समाचार भी बहुत खुशी दे गया। डाॅ विनोद शाही एक समय अपनी कहानियों के लिये चर्चित रहे तो आजकल आलोचना के क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय हैं। वे कहते हैं कि आलोचना रचनात्मक है मेरी ! परम्परागत आलोचना का तेवर नहीं अपनाया। वैसे कहानी लेखन भी जारी है और दो नयी व ताजा कहानियां हंस में आई हैं। प्राध्यापन पंजाब में करने के बाद आजकल गुरुग्राम में परिवार के साथ ठिकाना है। दोनों को बहुत बहुत बधाई।
देवेंद्र गुप्ता को सम्मान : शिमला के हिमालय साहित्य व संस्कृति मंच के संचालक व प्रसिद्ध कथाकार एस आर हरनोट भी शिमला में लगातार सक्रियता बनाये हुए हैं। इन दिनों शिमला में चल रहे पुस्तक मेले में भी उनका ही योगदान है। इसी प्रकार माॅल रोड पर एक साहित्यिक समारोह आयोजित कर सेतु पत्रिका के संपादक देवेंद्र गुप्ता को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सांसद प्रतिभा सिंह और वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल विशिष्ठ अतिथि रहे। खचाखच भरे रोटरी सभागार ने शिमला में साहित्य के महत्त्व को रेखांकित किया। बधाई देवेंद्र गुप्ता !
मेरठ की लेखिका पूनम मनु सम्मानित : मेरठ की लेखिका पूनम मनु के उपन्यास द ब्लैंक पेपर को जयपुर साहित्य सम्मान मिला। मानसरोवर जयपुर साहित्य सम्मान एवं साहित्योत्सव का प्रायोजन दीवान कृष्ण गोपाल माथुर बहरोड़ स्मृति परिवार मंडल द्वारा किया गया। इस समारोह में देश भर से विभिन्न विधाओं के कुल 45 लेखकों को उनकी रचनाओं के लिए सम्मानित किया गया।सम्मान में एक शील्ड, सम्मान पत्र एवं नेग स्वरूप एक छोटी राशि भी दी जाती है। जयपुर साहित्य संगीति के संयोजक श्री अरविंद कुमारसंभव और सम्मानित रचनाकारों ने अपनी पुरस्कृत कृतियों पर विस्तार से चर्चा की। हमारी ओर से बधाई पूनम मनु व सभी पैंतालीस रचनाकारों को !
किस्सा पत्रिका को अमलतास धरोहर सम्मान : भागलपुर के साहित्य संस्कृति मंच की ओर से प्रकाशित की जा रही चर्चित पत्रिका ‘किस्सा’ को लखनऊ की संस्था अमलतास की ओर से पिछले दिनों ‘अमलतास धरोहर सम्मान’ प्रदान किया गया। इसकी संपादिका व प्रतिष्ठित रचनाकार अनामिका शिव ने बताया कि यह पत्रिका उनके पिता विव कुमार शिव द्वारा शुरू की गयी थी जिसे उन्होंने उनकी स्मृति में लगातार प्रकाशित करने का प्रयास किया। अनामिका शिव और किस्सा को इस उपलब्धि के लिये हमारी ओर से बधाई।
अनूप श्रीवास्तव की कृति का विमोचन : लखनऊ में वरिष्ठ व्यंग्यकार एवं अट्टहास के संपादक अनूप श्रीवास्तव की व्यंग्य कृति ‘अंतरात्मा का जंतर मंतर’ का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध लेखक सुभाष चंदर ने कहा कि यह कृति सरोकारों के स्तर पर बेहद समृद्ध है और पाठकों से पढ़े जाने की मांग करती है। कृति पर सर्वश्री आलोक शुक्ल, राजेंद्र वर्मा, संजीव जायसवाल संजय, शबाहत हुसैन ,अलंकार रस्तोगी, सुश्री इंद्रजीत कौर, सुश्री वीना सिंह, डॉ.शिव प्रकाश, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव आदि ने भाग लिया।
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
ग्रंथालीने नुकतेच एक आगळे – वेगळे पुस्तक प्रकाशित केले. ‘गुंफियेला शेला’. याचं वेगळेपण यात आहे, की एकच चित्र बघून चौघींना सुचलेल्या चार लघुकथा यात आहेत. अशा बारा चित्रांच्या ४८ लघुकथांचा हा शेला. या शेल्याची संकल्पना संपदा जोगळेकर कुळकर्णी यांची, तर त्यांना साथ दिलीय, सोनाली लोहार, हर्षदा बोरकर, डॉ. निर्मोही फडके या त्यांच्या तीन सख्यांनी. वरील पुस्तक 3 एप्रील 2022 रोजी डॉ.स्नेहलता देशमुख (मुंबईच्या माजी कुलगुरू ) यांच्या हस्ते प्रकाशित झाले .
संपदा जोगळेकर कुळकर्णी म्हणतात, ‘चित्र हे सर्जनाचं कारण ठरवलं. मग चित्र, चित्रांचे रंग, रेषा, आकार, त्यातून निर्माण होणारे भास, आभास, या मातीत कल्पनेला कोंब फुटला आणि त्याची झाली कथा. डॉ. निर्मोही फडके आपल्या मनोगतात म्हणतात, की शब्दांमधुनी उमलले सारे, चित्राच्या पालीकडले’. तर अशा या चित्रप्रेरीत कथा. प्रत्येक कथा केवढी? फक्त वीस वाक्यांची. सोनाली, लिहितात,
‘शब्द मोजकेच होते, पण गोष्ट मोठी झाली.
तो ‘गुंफियेला शेला’ अन् मनं रिती झाली.’
आपला अनुभव व्यक्त करताना हर्षदा बोरकर लिहितात, ‘केवळ वीस वाक्यात कथा गुंफताना कल्पनेला विवेकाचा लगाम लावत, नेमक्या शब्दांना ओवत, चित्रातील व्यक्त-अव्यक्त साराला कथेचा परिपोष बनवण्याचा प्रयत्न केला. ’ चित्राधारीत, चार लेखिकांच्या, प्रत्येकी वीस वाक्यातील चार कथा, हा साहित्य क्षेत्रातला एक वेगळा प्रयोग आहे. वाचकांपर्यंत हा नवा प्रयोग पोचवण्यासाठी आम्ही एका चित्रावरील चार कथा इथे रोज क्रमश: एक,अशा देत आहोत. त्यापूर्वी आज वाचू या, ‘गुंफियेला शेला’ या पुस्तकाचा परिचय.
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈