स्व हरिशंकर परसाई जन्मशती पर ‘व्यंग्यम’ जबलपुर द्वारा एक समीक्षा गोष्ठी सम्पन्न साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆
व्यंग्य जगत के पितामह हरिशंकर परसाई जन्मशती पर ‘व्यंग्यम’ जबलपुर द्वारा एक समीक्षा गोष्ठी का आयोजन परसाई भवन में किया गया। जिसमें ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार, व्यंग्य धारा पत्रिका के सम्पादक डॉ प्रेम जनमेजय दिल्ली से पधारे।
व्यंग्यम के मंच पर श्री जयप्रकाश पांडेय के व्यंग्य संकलन ‘डांस इंडिया डांस’ और डॉ प्रेम जनमेजय के व्यंग्य संकलन ‘सींग वाले गधे’ पर विस्तृत चर्चा हुई। डॉ प्रेम जनमेजय जी के व्यंग्य संकलन पर डॉ कुंदन सिंह परिहार और श्री प्रतुल श्रीवास्तव जी ने विस्तृत आलेख पढ़े और श्री सुरेश कुमार मिश्र विचित्र ने उनके संग्रह की एक व्यंग्य रचना का पाठ किया। श्री जयप्रकाश पांडेय के व्यंग्य संकलन पर श्री अभिमन्यु जैन और श्री राकेश सोहम जी ने आलेख पढ़े और श्री यशोवर्धन पाठक जी ने रचना पाठ किया। कुशल संचालन श्री रमेश सैनी का रहा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ विजय तिवारी ‘किसलय’जी ने दिया। इस कार्यक्रम में शहर के 18 से अधिक व्यंग्यकारों ने अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर (मध्यप्रदेश)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
तितिक्षा इंटरनॅशनल या संस्थेतर्फे साहित्य क्षेत्रातील उल्लेखनीय कामगिरीबद्दलचे 2023 साठीचे राष्ट्रीय ग्रंथ पुरस्कार नुकतेच जाहीर झाले आहेत. या पुरस्कार विजेत्यांमध्ये ई-अभिव्यक्ती मराठीमध्ये लेखन करणा-या साहित्यिकांचा मोठ्या प्रमाणात समावेश आहे. आम्हाला याचा अभिमान वाटतो आणि कौतुकही वाटते. या सर्व पुरस्कार विजेत्यांचे ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा !💐
सर्वांचे माहितीसाठी पुरस्कार विजेते व त्यांच्या कलाकृती याप्रमाणे :–
1 डाॅ.सोनिया कस्तुरे – सर्वोत्कृष्ट काव्यसंग्रह : नाही उमगत ती अजूनही.
2 सुश्री वीणा रारावीकर – उत्कृष्ट काव्यसंग्रह : गुजगोष्टी शतशब्दांच्या.
3 श्री रवींद्र सोनवणे – गझलसंग्रह : प्रथम पुरस्कार : जाणीवांची आवर्तने.
4 श्री विश्वास विष्णु देशपांडे – विशेष प्रेरणादायी व्यक्तीकथा: अष्टदीप.
आपणा सर्वांच्या सहकार्यामुळेच आपण मराठी ब्लाॅगज् मध्ये वरचा क्रमांक प्राप्त करू शकलो आहोत. अधिक वरचा क्रमांक प्राप्त करणे आपणा सर्वांच्या हातात आहे. शक्यतो सर्वांचे साहित्य समाविष्ट केले जाईल याची काळजी संपादक मंडळ घेत असते. संपादन कार्यात सुसूत्रता यावी म्हणूनच वरीलप्रमाणे विभागणी केली आहे. तरीही काही वेळेला येणा-या अडचणीं लक्षात घेऊन काही सूचना करीत आहोत. त्याचा गांभीर्याने विचार करून पालन व्हावे अशी अपेक्षा आहे.
1) आपली कोणतीही साहित्य कृती वरीलपैकी एकाच संपादक मंडळ सदस्याकडे पाठवावी.एकच साहित्य एकापेक्षा जास्त ठिकाणी पाठवू नये.
2) साहित्य पाठवताना वरील विभागणी लक्षात घ्यावी.
3) एखाद्या दिवसाचे महत्त्व लक्षात घेऊन त्या संबंधी साहित्य पाठवले जाते. असे साहित्य एक दोन दिवस आधी आले तर पूर्व नियोजित आराखडा बदलून असे ऐनवेळेस आलेले साहित्य स्विकारणे तांत्रिक कारणांमुळे खूप कठीण असते. त्यामुळे असे साहित्य त्या दिवसाच्या किमान आठ दिवस आधी मिळेल अशा बेताने पाठवावे. त्यामुळे आपण पाठवलेले साहित्य योग्य दिवशी प्रकाशित करता येईल.
4) प्रासंगिक साहित्य (अनपेक्षित सामाजिक/नैसर्गिक घटना, यश इ. विषयी व्यक्त होणे) पाठवतानाही फार विलंब करू नये ही विनंती.
सर्वांनी या सूचनांचे काटेकोरपणे पालन केल्यास प्रत्येक साहित्य प्रकार योग्य वेळेत लावता येईल.
सर्वांच्या सहकार्याची खात्री आहेच.
धन्यवाद.
संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
भव्या फाउंडेशन, जयपुर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मैत्री सम्मलेन में बाड़ी की बेटी जगदीश मंगल पिपरेट वाले की पुत्री हाल निवास जयपुर डॉ निशा अग्रवाल को साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में देश ,विदेश और प्रदेश की 200 प्रतिभाओं को उनके साहित्य, पत्रकारिता, समाज सेवा, शिक्षा, कला, ज्योतिष, कृषि, फिल्म, फैशन, एवं उन शारीरिक रूप से अक्षम और कैंसर पीड़ितों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में अति विशिष्ट उपलब्धियां प्राप्त की हैं। इनमें से 15 विदेशी प्रतिभाएं भी सम्मानित हुईं।
ज्ञातव्य है कि ये कार्यक्रम कैंसर पीड़ित, शारीरिक रूप से अक्षम और आटिज्म योद्धा बच्चों की सहायतार्थ आयोजित किया गया था।
इस रविवार 30 जुलाई, को भव्या फाउंडेशन के तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय मैत्री सम्मलेन और ग्लोबल एक्सेलेंसी अवार्ड -2023 सम्मान समारोह रविवार सुबह 10.00 बजे से सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी- जगतपुरा – जयपुर के कालिंदी ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात समाजसेवी उद्यमी राज खान साहब और डॉ अर्चना शर्मा अध्यक्ष समाज कल्याण बोर्ड राजस्थान सरकार की उपस्थिति में आयोजित हुआ।
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
समाजाकडे डोळसपणे पाहून मार्मिक भाष्य करणारे आणि विडंबन काव्याचा शिडकावा करुन मनाला तजेला देणारे नव्या पिढीतील दमदार विनोदी साहित्यिक श्री अमोल केळकर यांच्या माझी टवाळखोरी या ब्लॉगने सर्व मराठी ब्लाॅगज् मध्ये अल्पावधीतच छत्तीसावा क्रमांक प्राप्त केला आहे.
श्री अमोल केळकर हे मराठी ई-अभिव्यक्ति परिवारातील साहित्यिक आहेत याचा आम्हाला अभिमान वाटतो.
💐 श्री अमोल केळकर यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा ! 💐
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
☆ मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ “श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार” से सम्मानित – अभिनंदन ☆
भोपाल, 25 जुलाई 2023: मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी ने श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाश को उनकी पुस्तक “बच्चों! सुनो कहानी” के लिए “श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार” से सम्मानित किया है. यह पुरस्कार उन्हें बच्चों के साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है.
श्री प्रकाश एक जाने-माने साहित्यकार हैं. उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से कई बच्चों के साहित्य से संबंधित हैं. उनकी पुस्तकें बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं. वे बच्चों को ज्ञान, मनोरंजन और प्रेरणा प्रदान करती हैं.
श्री प्रकाश को यह पुरस्कार रविंद्र भवन भोपाल के अंजलि सभागार में आयोजित एक समारोह में दिया गया. इस समारोह में मशहूर अभिनेता और साहित्यकार आशुतोष राणा, नीमच जिला प्रभारी एवं संस्कृति मंत्री आदरणीय सुश्री उषा ठाकुर, साहित्य निदेशक मध्य प्रदेश आदरणीय डॉक्टर विकास दवेजी के कर कमलों से पुरस्कार प्राप्त हुआ. समारोह में देशभर के सुप्रसिद्ध और विख्यात साहित्यकार उपस्थित थे.
समारोह में सुश्री उषा ठाकुर ने श्री प्रकाश को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि वे एक प्रतिभाशाली साहित्यकार हैं और उन्होंने बच्चों के साहित्य को समृद्ध किया है. उन्होंने कहा कि श्री प्रकाश की पुस्तकें बच्चों को ज्ञान, मनोरंजन और प्रेरणा प्रदान करती हैं.
श्री प्रकाश ने पुरस्कार प्राप्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक सम्मान की बात है. उन्होंने कहा कि वे साहित्य अकादमी के इस सम्मान से प्रेरित होकर और भी बेहतर रचनाएं लिखेंगे.
यह पुरस्कार श्री प्रकाश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यह पुरस्कार उनके साहित्यिक योगदान को मान्यता देता है. यह पुरस्कार अन्य साहित्यकारों को भी प्रेरित करेगा कि वे भी बच्चों के साहित्य के क्षेत्र में अपना योगदान दें.
श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार के बारे में
श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार,मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक साहित्यिक पुरस्कार है. यह पुरस्कार बच्चों के साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है. इस पुरस्कार के लिए पात्रता मानदंड हैं:
उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना चाहिए.
उम्मीदवार को कम से कम एक पुस्तक लिखी होनी चाहिए, जो बच्चों के साहित्य से संबंधित हो.
उम्मीदवार की पुस्तक को कम से कम एक वर्ष पहले प्रकाशित होना चाहिए.
यह पुरस्कार 51,000 रुपये, प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र के रूप में दिया जाता है.
💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की और से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को इस विशिष्ट सम्मान के लिए हार्दिक बधाई 💐
– श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
ई-अभिव्यक्तीच्यालेखिका व कवयत्री सौ. जयश्री अनिल पाटील यांच्या शब्दवेल व बालजगत काव्यसंग्रहाचे प्रकाशन रविवार दि. 23 जुलै रोजी, मा. श्री दिनकर पाटील व मा. श्री अरविंद पाटील दोघांच्या हस्ते झालं. त्यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा! 💐
आजच्या अंकात वाचा त्यांची कविता, ‘गाथा तुकोबांची’.
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती मराठी.
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
आपल्या समुहातील ज्येष्ठ साहित्यिका सौ. राधिका भांडारकर यांना, त्यांच्या ‘पावसाच्या कविता’ या रचनेसाठी; शुभंकरोती साहित्य परिवाराकडून सन्मानित करण्यात आले आहे. त्यांचे ई-अभिव्यक्ती समुहाकडुन मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा.! 💐
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती मराठी.
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
साकव्य विकास मंच तर्फे आयोजित करण्यात आलेल्या सौरऊर्जा या विषयावरील काव्य स्पर्धेत,आपल्या समुहातील ज्येष्ठ साहित्यिका अरुणा मुल्हेरकर यांना तृतीय पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले आहे.
💐 ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे त्यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा! 💐
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती (मराठी)
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
☆ साहित्य यांत्रिकी की काव्य गोष्ठी संपन्न ☆ प्रस्तुति – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ☆
भोपाल के साहित्य क्षितिज पर अनेक अभियंता निरंतर हिन्दी साहित्य की श्रीवृद्धि में बड़ा योगदान कर रहे हैं। रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के संस्थापक श्री संतोष चौबे भी इंजीनियर ही हैं। कविता के हस्ताक्षर श्री नरेश सक्सेना पहचाने हुये नाम है। व्यंग्य में भोपाल के श्रीविवेक रंजन श्रीवास्तव का नाम राष्ट्रीय स्तर पर लिया जाता है।
विगत दिवस साहित्य यांत्रिकी की मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। सृजन साधना में निरंतरता का महत्व सर्व विदित होता है।
वरिष्ठ कवि प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव जी की अध्यक्षता में गोष्ठी संपन्न हुई।
इंज प्रमोद तिवारी ने सामयिक रचना पढ़ी…
चाहता था जीना
पर वो जी नहीं पाया।
कभी बारिश कभी सूखा।
कभी हरियाली भी आई।
मगर डर हर ऋतु साथ लाई।
गायक एवम् कवि इंज अशेष श्रीवास्तव ने अपनी बात इन शब्दों में रखी…
एक बारिश क्या हुई
सड़कों की कलइ खुल गयी। ।
बुरा वक्त क्या आया
रिश्तों की कलइ खुल गयी।।
इंजी विवेक रंजन श्रीवास्तव ने गजल पढ़ी
रोशनी पे अंधेरे की बात भारी है
शह पे प्यादे से मात भारी है
उसूलों के बल पे कैसे हों चुनाव
सारे सही गलत पे जात भारी है
रवींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय वैशाली के कुलाधिपति श्री व्ही के वर्मा ने अपनी रचना इंद्रधनुष पढ़ी।
नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर श्री अजेय श्रीवास्तव ने लोक जीवन से छठ के गीत परआधारित रचना सुनाई…
काँच ही बांस की बहँगिया
बहँगी लचकत जाए—
गा रही है अम्मा
धीरे धीरे, पोपले मुँह से
नदी का झक सफ़ेद आँचल
फैल गया है
अम्मा के बालों में।
अरघ के डूबते सूरज ने
लील लिया है
अम्मा के माथे की बड़ी चमकती बिंदी को
गा रही हैं अम्मा—
केलवा के पात पे उगे का सूरजवा
इंज मुकेश मिश्रा ने अपनी रचना इन शब्दों में रखी…
दुनिया एक बाजार में तब्दील हो गई,
आदमी ग्राहक बनकर रह गया,
डर, नफा या जरूरत दिखाकर,
इंसान इंसान को ठग रहा।
अध्यक्षीय व्यक्तव्य में प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव विदग्ध ने अभियंता रचनाकारों पर केंद्रित इस साहित्यिक आयोजन की भूरि भूरि सराहना की। उन्होंने काव्य पाठ करते हुए कहा…
दुनियां यही धनी निर्धन की लेकिन बंटी बंटी
आपस के व्यवहारों में पर कभी न बात पटी
गोष्ठी के उपरांत सभी ने श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव की ओपन लाइब्रेरी का निरीक्षण किया, अशेष श्रीवास्तव ने अपनी पुस्तकें डब्बा पुस्तकालय में रखीं।
श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ने गोष्ठी का मनहर संचालन एवं कृतज्ञता ज्ञापन किया।