ग्रंथालीने नुकतेच एक आगळे – वेगळे पुस्तक प्रकाशित केले. ‘गुंफियेला शेला’. याचं वेगळेपण यात आहे, की एकच चित्र बघून चौघींना सुचलेल्या चार लघुकथा यात आहेत. अशा बारा चित्रांच्या ४८ लघुकथांचा हा शेला. या शेल्याची संकल्पना संपदा जोगळेकर कुळकर्णी यांची, तर त्यांना साथ दिलीय, सोनाली लोहार, हर्षदा बोरकर, डॉ. निर्मोही फडके या त्यांच्या तीन सख्यांनी. वरील पुस्तक 3 एप्रील 2022 रोजी डॉ.स्नेहलता देशमुख (मुंबईच्या माजी कुलगुरू ) यांच्या हस्ते प्रकाशित झाले .
संपदा जोगळेकर कुळकर्णी म्हणतात, ‘चित्र हे सर्जनाचं कारण ठरवलं. मग चित्र, चित्रांचे रंग, रेषा, आकार, त्यातून निर्माण होणारे भास, आभास, या मातीत कल्पनेला कोंब फुटला आणि त्याची झाली कथा. डॉ. निर्मोही फडके आपल्या मनोगतात म्हणतात, की शब्दांमधुनी उमलले सारे, चित्राच्या पालीकडले’. तर अशा या चित्रप्रेरीत कथा. प्रत्येक कथा केवढी? फक्त वीस वाक्यांची. सोनाली, लिहितात,
‘शब्द मोजकेच होते, पण गोष्ट मोठी झाली.
तो ‘गुंफियेला शेला’ अन् मनं रिती झाली.’
आपला अनुभव व्यक्त करताना हर्षदा बोरकर लिहितात, ‘केवळ वीस वाक्यात कथा गुंफताना कल्पनेला विवेकाचा लगाम लावत, नेमक्या शब्दांना ओवत, चित्रातील व्यक्त-अव्यक्त साराला कथेचा परिपोष बनवण्याचा प्रयत्न केला. ’ चित्राधारीत, चार लेखिकांच्या, प्रत्येकी वीस वाक्यातील चार कथा, हा साहित्य क्षेत्रातला एक वेगळा प्रयोग आहे. वाचकांपर्यंत हा नवा प्रयोग पोचवण्यासाठी आम्ही एका चित्रावरील चार कथा इथे रोज क्रमश: एक,अशा देत आहोत. त्यापूर्वी आज वाचू या, ‘गुंफियेला शेला’ या पुस्तकाचा परिचय.
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
☆ श्री ओमप्रकाश ‘क्षत्रिय’ महाराजा सूरजमल बालसाहित्य सम्मान से सम्मानित – अभिनंदन ☆
रतनगढ़ (निप्र)। “विज्ञान की कठिन अवधारणा को समझाने के लिए बाल कहानी सबसे उत्तम साधन है। उसी साधन का प्रयोग करके मैंने बाल कहानियां लिखी है।” उक्त विचार जयपुर साहित्य संगीति के 25 जून को संपन्न हुए सर्वोत्कृष्ट रचना सम्मान समारोह के लघु साक्षात्कार में बोलते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ ने व्यक्त किए। कार्यक्रम के संचालन प्रख्यात साहित्यकार अरविंद कुमारसंभव द्वारा महाराजा सूरजमल बाल साहित्य सम्मान- 2023 से सम्मानित करने के तुरंत उपरांत लिए गए लघु साक्षात्कार में आपने व्यक्त किए हैं।
इस सम्मान समारोह में देशभर से करीब 45 से अधिक साहित्यकारों को उनकी प्रविष्टि से प्राप्त चुनिंदा पुस्तकों के आधार पर आमंत्रित किया गया था। राजस्थान सरकार की ओएसडी माननीय फारूक अफरीदीजी सहित सौ से अधिक गणमान्य साहित्यकारों के समक्ष सभी साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। इसी के पश्चात घटते पाठक वर्ग के संकट पर विचार विमर्श किया।
ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को उनकी विज्ञान की सर्वोत्कृष्ट कृति के आधार पर राजस्थान के रणबांकुरे वीर योद्धा की स्मृति में महाराजा सूरजमल बाल साहित्य सम्मान- 2023 हेतु प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में देश भर से निम्न साहित्यकार भी सम्मिलित हुए थे-
इस समारोह में प्रमुख रूप से नीलम राकेश चंद्रा, राकेश चंद्रा, शील कौशिक, मेजर कौशिक, दीनदयाल शर्मा, डॉक्टर लता अग्रवाल, सुशीला शर्मा, कीर्ति श्रीवास्तव, फारुक अफरीदी साहब, प्रबोध गोविल, अखिलेश पालरिया, प्रभा पारीक, अनीता गंगाधर द्वय, राजकुमार निजात, विमला नागला की प्रतिनिधि पुत्रपुत्री, अजय राणा, मधु कुलश्रेष्ठ, नीलम कुलश्रेष्ठ, पूजा अलापुरिया, चेतना उपाध्याय, पूनम मनु, मुकेश सिन्हा, अश्वनी शांडिल्य, रामकिशोर उपाध्याय, रमेश आनंद, हरगोविंद मैथिल, उदय प्रताप, नीलिमा तिग्गा, दशरथ सोलंकी, भावना शर्मा, आर. एल दीपक, रमेश लक्षकार, सीमा राय, हरीश आचार्य, ताराचंद मकसाने, अलका अग्रवाल, प्रो. राजेश कुमार, रामेश्वरी नादान,परी जोशी, सुशील सरित, सहित अनेक देशभर से पधारे हुए साहित्यकार साथी उपस्थित रहे हैं।
💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की और से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को इस विशिष्ट सम्मान के लिए हार्दिक बधाई 💐
– श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
दो दिवसीय ” विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह ” नेपाल में संपन्न – श्री आनन्द गिरि मायालु
नेपालगंज, नेपाल। 2023 जून 13।नेपाल में पहली बार ” ऐतिहासिक विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह 2023 ” का आयोजन भव्यता पूर्वक संपन्न हुआ है। नेपाल की पवित्र भूमि शक्तिपीठ बागेश्वरी धाम, नेपालगंज में दो दिवसीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। नेपाल भारत के बीच साहित्यिक पर्यटन के विकास, देवनागरी लिपी के सरंक्षण, नेपाल में हिंदी भाषा तथा साहित्य के प्रचार प्रसार, साहित्य, शिक्षा तथा विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित करने तथा नेपाल भारत बीच साहित्यिक, सांस्कृतिक सम्बंध को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से 2 दिवसीय विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह का आयोजन 2023 जून 11-12 को किया गया है।
समारोह की अध्यक्षता हिंदी तथा अवधी भाषा के युवा साहित्यकार संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु ने की थी । प्रमुख अतिथि के रुप में नेपाल की सबसे बड़ी सरकारी साहित्यिक संस्था ” नेपाल राजकीय प्रज्ञा प्रतिष्ठान ” के पूर्व सचिव सनत रेग्मी तथा नेपालगंज उप महानगर पालिका के उप-प्रमुख कमरुद्दीन राई , प्राज्ञ महानंद ढकाल, प्राज्ञ शशिराम कार्की, नेपाल टेलिविजन के प्रमुख विजय वर्मा, अवधी सांस्कृतिक प्रतिष्ठान तथा विश्व हिंदी महासभा नेपाल चैप्टर के अध्यक्ष विष्णु लाल कुमाल, उद्योगपति तथा समाजसेवा नंदलाल वैश्य सहित अन्य दर्जनों साहित्यकार, पत्रकार तथा राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों की सहभागिता रही थी।
इसी तरह विशिष्ठ अतिथि के रुप में भारत के जयपुर से पुरुषोत्तम श्रीवास्तव पुरु, नारनौल से डॉ मक्खन लाल तंवर, लखनऊ में डॉ राम बहादुर मिश्र, आजमगढ से दिनेश श्रीवास्तव तथा सपना बनर्जी, सहरसा से शशिकांत शशि कवि जी, दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम, मथुरा से डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री, नाशिक से डॉ राजाराम गमन शेवाले, दिल्ली से डॉ नमिता जैन, श्री गंगानगर से राजपाल, सपना तथा जगदीश कुमार रहे हैं।
दो दिवसीय ” विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह ” को मुख्य चार सत्रों में विभाजन किया गया था। प्रथम सत्र का संचालन राजपाल ने की थी। समारोह के प्रथम सत्र में देश विदेश की महान प्रतिभाओं को विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया है सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं के नाम हैं भारत के जयपुर से पुरुषोत्तम श्रीवास्तव पुरु, नारनौल से डॉ मक्खन लाल तंवर, लखनऊ से डॉ राम बहादुर मिश्र, आजमगढ से दिनेश श्रीवास्तव तथा सपना बनर्जी, सहरसा से शशिकांत शशि कवि जी, दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम, मथुरा से डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री, नाशिक से डॉ राजाराम गमन शेवाले, पश्चिम त्रिपुरा प्रिया रॉय, श्री गंगानगर से राजपाल, सपना तथा जगदीश कुमार, दिल्ली से डॉ नमिता जैन तथा डॉ पंकज साहिल, बहराइच से एम रशीद की उपस्थिति रही थी।
समारोह को चार सत्रों में विभाजन किया गया था प्रथम सत्र का संचालन साहित्यकार राजपाल जी ने किया था। इस सत्र में देश विदेश की दर्जनों प्रतिभाओं को विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान से मोमेंटो, मेडल, अंगवस्त्र तथा विश्व प्रतिभा परिचय पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं में बलरामपुर से डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव प्रेम जी, श्री गंगानगर से राजपाल, सपना तथा जगदीश कुमार, दिल्ली से डॉ नमिता जैन, डॉ पंकज साहिल, मुज़फ्फरनगर से प्रदीप जैन तथा सपना अग्रवाल, नाशिक से डॉ राजाराम गमन शेवाले, पश्चिम त्रिपुरा से प्रिया रॉय, आजमगढ सपना बनर्जी, नारनौल से डॉ मक्खन लाल तंवर, सहरसा से शशिकांत शशि कवि जी, पाली से अंजू जांगिड राधे, महेसाणा से डॉ कीर्ति भाई रामजी भाई, बाराबंकी से प्रदीप सारंग, गांधी नगर से डॉ गुलाब चंद पटेल, भिवानी से डॉ राजेंद्र सिंह, झुंझुनू से अजब सिंह, जयपुर से पुरुषोत्तम श्रीवास्तव पुरु, नई दिल्ली से डॉ संजय सिंह, लखनऊ से रमेश चंद्रा पर्यावरणविद, जबलपुर से उर्मिला कुमारी, कटनी से राधा सुनिल कुमार, बहराइच से एम रशीद, दरभंगा से डॉ शशि भूषण, रांची से निता शेखर विषिका, लखनऊ से अबुल कासिम अब्बासी समर अमेठवी, बस्तर से डॉ विश्वनाथ देवांगन मुस्कुराता बस्तर, सुल्तानपुर से सर्वेश कुमार वर्मा सरल तथा अनिल कुमार वर्मा मधुर, गाजियाबाद से प्रीति तिवारी नमन, दतिया से डॉ दीपा कोहली दीप, गोंदिया से एड देवेंद्र घनश्याम चौधरी, शिवपुरी से इंजी अवधेश कुमार सक्सेना, सतारा से डॉ दिलीप कुमार कसबे, गरियाबंद से नूतन लाल साहू, काशीपुर से प्रतोष मिश्रा, लखनऊ से हरिश्चंद सिंह चौहान, दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम, मथुरा से डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री, लखनऊ से रमेश चंद्रा पर्यावरणविद, बहराइच से एम रशीद को भारत से प्रत्यक्ष सम्मानित किया गया है। इसी तरह नेपाल से वरिष्ठ नेपाली साहित्यकार सनत रेग्मी, महानंद ढकाल, शशि राम कार्की, विष्णु लाल कुमाल, विजय वर्मा को सम्मानित किया गया है।
विविध कारणों से समारोह में शामिल न हो पाने वाली प्रतिभाओं को भी ” विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान ” से सम्मानित किया गया है जिनके नाम हैं अमेरिका से प्रो नीलू गुप्ता, अमेरिका में डॉ सोनिया शर्मा, बिजनौर से ज्योति रानी, अलवर से लक्ष्मी देवी शर्मा,भावनगर से प्रवीण राम लाल पवार, रायपुर से शुभ्रा शुक्ला निशा, छतरपुर से डॉ उषा अग्रवाल, रांची उमा पुपुन, भोपाल से डॉ ज्ञानेश्वरी व्यास स्मृति, महम्मद इलियास अप्पासो, धारवाड़ से डॉ पद्मावती राम सिंगारी, लखनऊ से प्रो नीतू शर्मा, दिल्ली से अर्श अमृतसरी, दिल्ली से अलका जैन, बालाघाट से प्रणय श्रीवास्तव अश्क, ऊना से सुभाष पारस, गोरखपुर से नंदलाल त्रिपाठी पीतांबर, कटनी से डॉ पंकज वर्मन, बेंगलूर से लता चौहान, कलबुर्गी डॉ देशमुख अफशां बेगम, चीन से डॉ विवेक मणि त्रिपाठी, तंजानिया से सूर्यकांत तुषार, डॉ शैलजा सक्सेना तथा संयुक्त अरब अमीरात से डॉ चैतन्य कृष्ण मिश्र को सम्मानित किया गया है।
इसी अवसर पर प्रांतीय ब्रांड एम्बेसडर स्पॉन्सरशिप प्रतिभाओं को 5 वर्ष के लिए ब्रांड एम्बेसडर की नियुक्ति प्रदान की गई है नियुक्त किए गए प्रांतीय ब्रांड एम्बेसडरो के नाम हैं राजस्थान से अंजू जांगिड राधे, अजब सिंह, राजपाल, सपना, उत्तर प्रदेश से डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव प्रेम जी, दिनेश श्रीवास्तव, सपना बनर्जी, गुजराज से डॉ कीर्तिभाई रामजी भाई, डॉ गुलाब चंद पटेल, बिहार से शशिकांत शशि कवि जी, हरियाणा से डॉ मक्खन लाल तंवर, दिल्ली डॉ नमिता जैन, बेंगलोर से लता चौहान, कलबुर्गी से डॉ अफशां बेगम। प्रथम सत्र सम्मान समारोह के बाद दूसरे सत्र में काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता भिवानी से वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेंद्र सिंह ने की थी संचालन राजपाल तथा प्रतोष मिश्रा ने किया था। काव्य सम्मेलन में दर्जनों कवियों ने काव्य पाठ कर श्रोताओं का मन हर्षित किया था। उत्कृष्ठ दो रचनाओं के रचनाकारों को नक़द धनराशि देकर पुरुस्कृत किया है। विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह काव्य सम्मेलन प्रथम पुरस्कार नक़द रु. 10,000/- कवियत्री सपना अग्रवाल, मुजफ्फरनगर को तथा दूसरा पुरुस्कार सर्व श्रेष्ठ लोकगीत लेखन तथा गायन के लिए आजमगढ से भारत की लोकप्रिय अवधी हिंदी लोकगायिका सपना बनर्जी को रु 10,000/- नक़द धनराशि देकर सम्मानित किया गया है।
समारोह में आधा दर्जन पुस्तकों का लोकार्पण किया गया है जिसमें साहित्यकार राजपाल तथा सपना की काव्य संग्रह “आरुषि राज” मामून रशीद की पुस्तक “द जंगल वाइस बंद आंखे ” , विष्णु लाल कुमाल की ७५ घमन्जा , डॉ मक्खन लाल तंवर की ” मक्खन शतसई ” , अनिल कुमार वर्मा मधुर की काव्य संग्रह “वेदना” , डॉ शशिकांत “शशि” कवि जी की कृति अमृत कलश कृति का लोकर्पण प्रमुख अतिथि प्रसिद्ध बहुभाषिक साहित्यकार तथा नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के पूर्व सचिव सनत रेग्मी तथा संस्था के अध्यक्ष आनन्द गिरि गोस्वामी द्वारा किया गया था।
समारोह के तृतीय सत्र में साहित्य गोष्ठी में सहभागी प्रतिभाओं ने समारोह के चौथे सत्र संस्कृतिक संध्या सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मक्खन लाल तंवर ने की थी, विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी लोक परम्परा के वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया था। पाली से अंजू जांगिड राधे, गरियाबंद से नूतन लाल साहू तथा बस्तर से डॉ विश्वनाथ देवांगन मुस्कुराता बस्तर ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया था। इसी अवसर पर भारत की प्रसिद्ध लोक गायिका सपना बनर्जी ने सुंदर गीत गाकर दर्शकों का दिल जीता था।
विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह के अंतिम दिन जून 13 को समापन सत्र के अवसर पर बोलते हुए डॉ राम बहादुर मिश्र ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा की ऐसे आयोजन होने चाहिए साहित्य और हिंदी के विकास के लिए इस समारोह के माध्यम से उत्कृष्ट प्रयास किया गया है। इसी तरह श्री गंगानगर की साहित्यकार राजपाल ने कहा इस समारोह ने नेपाल और भारत के साहित्यकारों को जोड़ने का प्रयास किया है जो प्रशंसनीय है। मथुरा के प्रसिद्ध लेखक डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री ने कहां की इस समारोह ने हम सभी को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। आनन्द गिरि मायालु हम सभी के लिए पिता के समान है इनसे सभी को सीखने की जरूरत है। डॉ मक्खन लाल तंवर ने कहा की ऐसे आयोजन नेपाल में हरेक वर्ष होने चाहिए। दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम ने कहा की नेपाल की आयोजन संस्था के साथ एकलव्य विश्व विद्यालय मिलकर कार्य करने की जरूरत है। इसी तरह भारत नेपाल से आयोजन में सहभागी साहित्यकारों ने आयोजन सफल रहा है ऐसे आयोजन प्रति वर्ष नेपाल में होने चाहिए। नेपालगंज उप-महानगर पालिका के उप प्रमुख कमरुद्दीन राई ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा की संस्था ने उल्लेखनीय कार्य किया है। साथ ही आगामी वर्ष नेपाल में साहित्यिक पर्यटन के विकास के लिए आयोजक संस्था के माध्यम से सहयोग करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। समारोह के प्रमुख अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान नेपाल के पूर्व सचिव सनत रेग्मी ने आयोजन के माध्यम से दर्जन भर देश के साहित्यकारों से जुडने का अवसर मिला है। संस्था का प्रयास सफल रहा है। सभी भाषाओं के समागम के लिए इस तरह के आयोजन सहायक होते हैं। समापन सत्र में समारोह की अध्यक्षता ग्रहण करने वाले संस्था अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु ने कहा विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह की सफलता आप सभी के साथ सहयोग से ही सम्भव हो पाया। हमारी संस्था आप सभी सहयोग से नेपाल भारत को साहित्य का एक संयुक्त मंच प्रदान करना चाहता है। नेपाल में हिंदी का प्रयोग युगों से होता आया है, हिंदी विश्व की सबसे सरल और मीठी भाषा है। हमारी संस्था नेपाल में नेपाली मूल को लोगों को आनलाइन माध्यम से हिंदी भाषा सिखाने की योजना में है। साथ ही हिंदी की पत्रिका प्रकाशन की योजना है। समारोह सफल रहा है इसकी सफलता का श्रेय आप सभी के साथ सहयोग को जाता है। मुझे आशा है की आने वाले समय में भी आप सभी के साथ सहयोग से आगामी दिन में भी इसी तरह के आयोजन संचालन होते रहेंगे। अंतिम सत्र का संचालन प्रसिद्ध रंगकर्मी तथा साहित्यकार डॉ खेम चंद यदुवंशी शास्त्री ने की थी।
साभार – श्री आनन्द गिरि मायालु
अध्यक्ष – शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल, प्रधान संपादक – साहित्याकाश के चमकते सितारे, व्हाट्सप्प +977 9804583611
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
☆ शिमला में पुस्तक मेला और सम्मान समारोह ☆
हिमाचल की राजधानी शिमला में पुस्तक मेला और सम्मान समारोह एक साथ होने जा रहे हैं। पुस्तक मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू करेंगे। दो वर्ष पूर्व इसी पुस्तक मेले में प्रसिद्ध अभिनेत्री दीप्ति नवल मुख्याकर्षण का केंद्र थीं जब उनकी पुस्तक –ए कंट्री दैट काल्ड चाइल्डहुड पर बातचीत की गयी थी। यह पुस्तक अब खूब चर्चित हो चुकी है। इसी प्रकार यहां रोटरी हाल में सम्मान समारोह का आयोजन भी किया जा रहा है। पांचवां ओकार्ड साहित्य सम्मानडॉ देवेन्द्र गुप्ता को प्रदान किया जायेगा। डाॅ देवेंद्र गुप्ता ‘सेतु’ साहित्यिक पत्रिका के संपादक भी हैं। उन्हें यह सम्मान 25 जून को शिमला रोटरी क्लब टाउन हाल में दिया जाएगा। इस समारोह की मुख्य अतिथि श्रीमती प्रतिभा सिंह, सांसद व कांग्रेस अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश होंगी और अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल करेंगे। इस सम्मान समारोह में प्रमुख वक्ता प्रो.मीनाक्षी एफ पॉल, डॉ.देवकन्या ठाकुर, जगदीश बाली और दिनेश शर्मा होंगे। यह जानकारी ओकार्ड इंडिया दिल्ली के संयोजक श्री सचिन चौधरी ने मीडिया को दी। यह समारोह शिमला में आयोजित हो रहे छठे राष्ट्रीय पुस्तक मेले का यह महत्वपूर्ण आयोजन है क्योंकि ओकार्ड इंडिया प्रति वर्ष पुस्तक मेले के दौरान हिमाचल के किसी लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार को ओकार्ड साहित्य सम्मान प्रदान करती है। अब तक यह सम्मान प्रो.मीनाक्षी एफ पॉल, डॉ.कर्म सिंह, मीनाक्षी चौधरी और आत्मारंजन को दिया जा चुका है। प्रसिद्ध साहित्यकार एस आर हरनोट और हिमालय मंच भी इस कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय योगदान दे रहे हैं।
दास्तान ए अम्बाला : हिसार की रंग आंगन नाट्य संस्था के संचालक मनीष जोशी के निर्देशन में जिंदल ज्ञान केंद्र के ओपन एयर थियेटर में दास्तान ए अम्बाला का मंचन किया गया। प्रसिद्ध कलाकार राखी जोशी के भी इसमें योगदान है। इसका निर्देशन मनीष जोशी ने किया तो इसका लेखन यशराज ने किया। प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे पहले अम्बाला में सेना ने विद्रोह किया था न कि मेरठ में ! इसका पहला मंचन अम्बाला में ही किये गया था और गृहमंत्री अनिल विज इसमें मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे थे। मनीष जोशी का दास्तान ए रोहनात भी इससे पहले चर्चित रहा है। बधाई। निरंतर नाटक मंचन के लिये !
डाॅ सुनीता सुधा सम्मानित : हिसार के ओम स्टार्लिंग ग्लोबल विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग की प्रो डाॅ सुनीता सुधा को विश्व हिंदी साहित्य संस्थान इलाहाबाद उ. प्रदेश की तरफ से वर्ष 2023 का बुद्धिसेन स्मृति सम्मान प्रदान किया गया है। डा. सुनीता सुधा’ को ग़ज़ल की क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है। यह सम्मान भिलाई में आयोजित दो दिवसीय साहित्यिक राष्ट्रीय अधिवेशन कार्यक्रम में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया गया। डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’ वाराणसी की रहने वाली हैं और आजकल हिसार के ओम स्टर्लिंग विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में कार्यरत हैं।
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
लेखिकासुश्रीवीणा रारावीकर यांचा“गुजगोष्टी शतशब्दांच्या”हालघुकथा संग्रह नुकताच प्रकाशित झाला आहे. त्याला अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडळाच्या अध्यक्षा उषा तांबे यांची प्रस्तावना लाभली आहे.
💐 सुश्री वीणा रारावीकर यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन व पुढील साहित्यिक वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा 💐
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
☆ नयी पुस्तकों के विमोचन समारोह ☆
हर लेखक की इच्छा होती है कि उसको पुस्तक प्रकाशित हो और भव्य विमोचन समारोह भी हो पाये ! इस मामले में मुझे हरियाणा की सेवानिवृत आईएएस अधिकारी धीरा खंडेलवाल की पुस्तकों के भव्य विमोचन याद हैं। हरियाणा निवास में उनकी पुस्तकों के भव्य विमोचन हुए। इसी प्रकार एक अन्य आईएएस अधिकारी सुमिता मिश्रा के यूटी गेस्ट हाउस में शानदार आयोजन हुआ जिसमें अशोक वाजपेयी आये थे। योजना रावत के कथा संग्रह पर राजी सेठ व निर्मला जैन आई थीं। दिल्ली में प्रसिद्ध रचनाकार रेणु हुसैन के कथा संग्रह गुण्टी के विमोचन पर नासिरा शर्मा, पुष्पा मैत्रेयी, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, सुमन केशरी आदि आये थे। इसी तरह इनके काव्य संग्रह का भव्य विमोचन साहित्य अकादमी के रवींद्र सभागार में हुआ। पुस्तकों के विमोचन के ये कुछ भव्य आयोजन स्मृति में तैर रहे हैं !
जब शायर हिम्मत करेगा तब अच्छा लिखेगा : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता आसिफ आज़मी की पुस्तक ‘उर्दू शायरी का मुआसिर मंज़रनामा’ का लोकार्पण आईजीएनसीए के अध्यक्ष रामबहादुर राय और मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने किया। इस अवसर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रो. खालिद महमूद व प्रो. अख्तरुल वासे, दूरदर्शन की प्रसिद्ध न्यूज रीडर सलमा सुल्तान, लेखिका रमा पांडेय, माटी संस्था के संयोजक व लेखक आसिफ आज़मी तथा आईडीईए संस्था के धर्मेंद्र प्रकाश भी मौजूद थे। इस पुस्तक में पिछले चार दशकों की उर्दू शायरी की समालोचना प्रस्तुत की गई है। पुस्तक में चार दशकों की शायरी के चार दौर की चर्चा की गई है। साथ ही, शायरों और संस्थानों की सूची भी दी गई है।
मुख्य अतिथि मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने कहा कि साहिर लुधियानवी ने ‘किसी पत्थर की मूरत से मुहब्बत का इरादा है, परस्तिश की तमन्ना है इबादत का इरादा है’ जैसा गीत आज लिखा होता, तो फिल्म प्रतिबंधित हो जाती, गाना प्रतिबंधित हो जाता। उन्होंने कहा कि जब शायर हिम्मत करेगा, तभी बड़ा बनेगा। शायर सामने आएगा, तभी शेर सामने आएगा। उन्होंने कई अशआरों के जरिये उर्दू शायरी की खूबसूरती पर शानदार तरीके से बात की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आईजीएनसीए के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने कहा कि ये किताब हिन्दी में भी आएगी, तो हिन्दी और उर्दू के बीच संवाद बढ़ेगा।
गजलांजलि का विमोचन : हिसार के शायर प्रो तिलक सेठी के गजल संग्रह गजलांजलि के विमोचन की खूबसूरत महफिल जमी। डाॅ वंदना बिश्नोई व डाॅ सत्या सावंत रहीं मुख्यातिथि। प्रो तिलक सेठी, नीरज मनचंदा, रश्मि, पूनम मनचंदा, कमलेश भारतीय, डिम्पल सैनी, सविता रतिवाल, सौरभ ठकराल, नीलम सुंडा, अर्चना ठकराल, कल्पना रहेजा, दीपिका, ऋतु नैन सबके सबने कुछ न कुछ सुनाया और प्रो तिलक सेठी ने अपनी चुनिंदा गजलें सुनाईं। प्रेरणा अंशु के लघुकथा विशेषांक का विमोचन भी। अमरनाथ प्रसाद, सुरेंद्र दलाल और प्रवीण सोनी भी रहे मौजूद।
नृत्यम् की पेशकश -साॅरी डैड : नशे की लत आज सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि हरियाणा में भी बढ़ती जा रही है। पंजाब की नशाखोरी पर तो उड़ता पंजाब फिल्म भी बनाई गयी थी। युवाओं में बढ़ती नशे की लत मां बाप के लिये बहुत चिंता का विषय है। पुलिस और समाज इसके विरूद्ध अभियान चलाये हुए है और इस अभियान में अब सुर मिलाया है हिसार के रंगकर्मी संजय सेठी की संस्था नृत्यम् ने ! इसके माध्यम से एक प्रकार से बच्चों का समर कैंप लगाकर पिछले दस दिन के अंदर एक संगीतमयी नाटक तैयार किया है -साॅरी डैड ! इन बच्चों ने नशे के विरूद्ध सचेत करते हुए, बहुत खूबसूरत अभिनय कर नशे के विरूद्ध संदेश देने में सफलता पाई है।
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
आपल्या समूहाचे साक्षेपी संपादक, चतुरस्त्र लेखक आणि कवी श्री सुहास रघुनाथ पंडित यांचा … “ प्रेम रंगे, ऋतूसंगे “ … हा दुसरा काव्यसंग्रह आज प्रकाशित होतो आहे.
श्री. पंडित यांचे आपल्या सर्वांतर्फे अगदी मनःपूर्वक अभिनंदन, आणि उत्तरोत्तर त्यांच्या हातून अशीच दर्जेदार साहित्य-निर्मिती होत राहू दे अशा असंख्य हार्दिक शुभेच्छा !!
हा प्रकाशन समारंभ सांगलीमध्ये संपन्न होत आहे, त्यामुळे सांगलीतील काव्य-रसिकांसाठी या कार्यक्रमाची माहिती देणारी पत्रिका —
या नव्या संग्रहातली एक नवी कोरी सुंदर कविता आपल्या सर्वांसाठी सादर —
शब्दरंग…
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कुंचल्याचे रंग ओले उतरले शब्दांतून
रंग शब्दांतून फुलले कल्पनांचे पंख लेऊन
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मोरपंखाची निळाई पसरली ओळींतून
पाखरांची पाऊले ही खुणविती पंक्तीतून
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पुष्पगुच्छांच्या परि ही जोडलेली अक्षरे
झेप घेती शब्द जैशी आसमंती पाखरे
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शब्दवेलीतून फुटते कल्पनेला पालवी
स्पर्श होता भावनांचा अर्थ भेटे लाघवी
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गर्भितार्थाच्या गुहेतून अर्थवाही काजवे
गंधशब्दांतून येती जणू फुलांचे ताटवे
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प्रकृतीच्या हर कृतीतून गीत जन्मा ये नवे
अंतरंगातून उडती शब्द पक्ष्यांचे थवे
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रंगले हे शब्द आणि शब्दांतूनी रंगायन
शब्द आणि रंग यांचे अजब हे रसायन
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कुंचला की लेखणी ? मी धरू हातात आता
शब्द फुलले,रंग खुलले,मी अनोखे गीत गाता.
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सुहास रघुनाथ पंडित
सांगली (महाराष्ट्र)
मो – 9421225491
संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
नर्मदा क्लब, भोपाल में साहित्य यांत्रिकी की काव्य गोष्ठी सम्पन्न
जून की गर्मी में अभियंताओं द्वारा रचित भावपूर्ण रचनाओं की बारिश ने आज दिनांक 10 जून 23 को आयोजित साहित्य यांत्रिकी की काव्यगोष्ठी में वो समां बांधा कि वक़्त भी थम सा गया।
नोएडा से पधारे मूर्धन्य कवि श्री यति जी की अध्यक्षता में श्री अजय श्रीवास्तव “अजेय “ जी के सौजन्य से नर्मदा क्लब, भोपाल में यह गोष्ठी सम्पन्न हुई।
गोष्ठी की शुरुआत श्री प्रमोद तिवारी ने अपनी ग़ज़ल –वो सुकून के दिन थे वो लम्हे गुजर गए — कविता मजदूर दिवस जिसमें एक महिला मजदूर का चित्रण किया का पाठ किया ।
इसी कड़ी में श्री मुकेश मिश्रा जी ने अपनी रचना – आप को हम जब से समझने लगे है। परखने से कोई अपना नही रहते हैं। एवम जीवन दर्शन का बोध कराते दोहों का पाठ किया ।।
साहित्य जगत के स्थापित हस्ताक्षर काव्य संग्रह मंथन के रचयिता श्री अशेष श्रीवास्तव जी ने अपनी सहजता से हर रचना को श्रोताओं के मन उतार दिया।
आपकी रचना –
खींच रखी हैं ख़ुद दीवारें ,फिर कहते तन्हा हो क्यों।
अपनी राह में खुद अड़े लोगों को दोष देते हो क्यों।
सर्वप्रिय रचनाओं में से एक शशक्त रचना रही।
वरिष्ठ कवि श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव जी ने अपनी रचना ” झोपड़ी “ के माध्यम से कहते हुए कि – “तुम इकाई हो इमारतों की तुम्हे नही मिटने देंगे, सरकारी अफसर “ जहां एक ओर मजदूरों की व्यथा और उस पर सरकारी कुव्यवस्था पर तीखा तंज किया ,
वहीं अन्य रचना “मुलायम धूप पर शबनमी अहसास हैं रिश्ते।” सुनाकर मन के किसी कोने में छिपे पुराने प्यार को फिर से याद करा दिया।
जिनके चेहरे की स्थाई मुस्कान स्वतः ही उनकी सहजता और सरलता का बोध कराती है वो कोई और नही वरन भोपाल शहर के नाम का झंडा देश के कई अन्य शहरों में स्थापित करने वाले अजेय श्रीवास्तव जी ही थे जिन्होंने जब अपनी कविताओं की पोटली खोली और अपनी रचना अम्माँ की कहानियां से बचपन की याद दिलाई तो जब बिटिया पर आधारित रचना मेरी बिटिया पढ़ी तो हर मां बाप के दिल मे भावनाओं का सागर उमड़ पड़ा।
इसी क्रम में भोपाल शहर के वरिष्ठम रचनाकारों के प्रतिनिधि आदरणीय श्री प्रियदर्शी खैरा जी ने अपनी ग़ज़ल प्यार समर्पण से होता है बाकी सब समझौता है । वहीं मानवीय विकास को दिखाती रचना का सशक्त पाठ किया।
अपनी रचना – दिवाली की रौनक थे तुम होली के उल्लास थे पापा। सुनाकर हर श्रोता की आंखों में अपने पिताजी की छबि उभार दी। अन्य रचना से – उस पीढ़ी से इस पीढ़ी तक का स्थाई काव्य चित्र उकेरा ।
अंत मे कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश यति जी ने अपनी रचनाओं से वरिष्ठता को प्रतिपादित किया ।
अपनी रचना अम्माँ में आप जहां कहते हैं –भले लगती भींगे नयन की कोर है अम्माँ , पर अपनी मुश्किलों के आगे पुरजोर है अम्माँ ।
वहीं अपनी रचना बाबूजी में यह कह कर कि – कुर्ता धोती गमछा टोपी सब दिख पाना मुश्किल था । पर बच्चों की फीस समय पर भरते आए बाबूजी के माध्यम से मध्यमवर्गीय परिवार में पिता कितनी जिम्मेदारियों को ओढ़ कर भी मुस्कुराते हुए परिवार को सीप में मोती की तरह सम्हालता है का सुंदर चित्रण किया।
अंत मे श्री अशेष श्रीवास्तव जी ने आभार प्रकट किया।
साभार – श्री प्रमोद तिवारी, भोपाल मध्यप्रदेश
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
साकव्य विकास मंच तर्फे आयोजित काव्य स्पर्धेमध्ये आपल्या समुहातील ज्येष्ठ साहित्यिका सौ.ज्योत्स्ना तानवडे यांनी सर्वोत्कृष्ट काव्य पुरस्कार प्राप्त केला आहे.
आजच्या अंकात वाचूया पुरस्कृत कविता — “बंध जिव्हाळ्याचे“
💐 सौ. ज्योत्स्ना तानवडे यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा 💐
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈