सूचना/Information ☆ श्री सुरेश पटवा को अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन सम्मान– अभिनंदन ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? श्री सुरेश पटवा को अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन सम्मान– अभिनंदन ☆ ☆?  

सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री सुरेश पटवा जी को साहित्य में योगदान एवं उनकी पुरस्कृत कृति महकौशल गोंडवाना का भूला बिसरा इतिहास के लिए 17 फरवरी 2022, गुरुवार को दुष्यंत संग्रहालय में अपराह्न 4.30 बजे अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन, भोपाल में  डॉ पोथुकुची साम्बा शिवाराव मेमोरियल एक्सलेन्स अवार्ड 2021 प्रदान किया जाएगा। 

 

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए श्री सुरेश पटवा जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. सावित्री जगदाळे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ. सावित्री जगदाळे

? अभिनंदन! अभिनंदन! अभिनंदन! ?

आपल्या समुहातील लेखिका व कवयित्री सौ.सावित्री जगदाळे  यांचे किशोरवयीन मुलांसाठीचे ‘जंगलवाटा हे पुस्तक नुकतेच प्रकाशित झाले आहे .

आपल्या समुहातर्फे त्यांचे हार्दिक अभिनंदन व पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा. ?

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ.ज्योत्स्ना तानवडे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ.ज्योत्स्ना तानवडे

? अ भि नं द न ?

साकव्य विकास मंच,पुणे यांनी आयोजित केलेल्या लेखन स्पर्धेत वरील लेखाला  उत्तेजनार्थ पारितोषिक प्राप्त झाले आहे.

 

समुहातर्फे सौ. तानवडे यांचे हार्दिक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा.! ? मनःपूर्वक अभिनंदन ? 

 

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ सबसे ज़्यादा अकादमिक प्रमाणपत्र अर्जित कर डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी का नाम वर्ल्डस ग्रेटेस्ट रिकार्ड्स दर्ज ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ सबसे ज़्यादा अकादमिक प्रमाणपत्र अर्जित कर डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी का नाम वर्ल्डस ग्रेटेस्ट रिकार्ड्स दर्ज ☆

? अभिनंदन  ?  

उदयपुर के डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी ने सबसे ज़्यादा अकादमिक प्रमाणपत्र अर्जित कर वर्ल्डस ग्रेटेस्ट रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया
डॉ. छतलानी ने विद्यापीठ को गर्वित किया: प्रो. सारंगदेवोत

लॉकडाउन का सदुपयोग

उदयपुर, किसी बेहतरीन कार्य को करने के लिए यदि ठान लिया जाए तो हर समय व परिस्थिति अनुकूल हो जाती हैं। यह संभव कर दिखाया है उदयपुर, राजस्थान के डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी ने, जिन्होंने लॉकडाउन के समय का सदुपयोग करते हुए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तरीय संगठनों यथा माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, सिस्को, विश्व स्वास्थ्य संगठन आदि द्वारा विविध अकादमिक विषयों व कार्यकर्मों के ऑनलाइन माध्यम से एक हज़ार से अधिक प्रमाणपत्र अर्जित किए। अंतरराष्ट्रीय संगठन वर्ल्डस ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड्स, जो प्रमाणीकरण के साथ दुनिया भर के असाधारण रिकॉर्ड्स को सूचीबद्ध और सत्यापित करता है, द्वारा छतलानी को शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की उच्चतम संख्या के वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड स्थापित करने की मान्यता प्रदान की गई है। यह प्रमाणपत्र वर्ल्डस ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड्स के अधिनिर्णायक द्वारा प्रदान किया गया।

डॉ. चंद्रेश ने कोरोना से लड़ते हुए दो साहित्यिक पुस्तकों का सम्पादन करने के साथ-साथ शैक्षिक क्षेत्र की महत्वपूर्ण रणनीतियां व योजनाएं भी स्वतंत्र रूप से बनाई और देश के लॉकडाउन में ‘कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के समय कर्मचारियों/शिक्षकों की मानसिकता पर प्रभाव’ विषय पर राष्ट्रीय स्तर का शोधकार्य भी सफलता पूर्वक संपन्न किया। उन्हें कोरोना यौद्धा सहित कई अन्य सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं। वे राजस्थान विद्यापीठ में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हैं।

विद्यापीठ के कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस. सारंगदेवोत ने डॉ. छतलानी को बधाई देते हुए कहा कि छतलानी विश्वविद्यालय का गौरव हैं और उनके द्वारा किए जा रहे कार्य न केवल विश्वस्तरीय बल्कि अनुकरणीय भी हैं। वे कम्प्यूटर विज्ञान के प्रख्यात ज्ञाता व शोधकर्ता होने के साथ-साथ एक अच्छे साहित्यकार भी हैं। कोविड के बाद लम्बी बीमारी से संघर्षरत होने के बावजूद भी उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है, जो उनकी प्रतिबद्धता को जाहिर करता है। छतलानी ने स्वतंत्र रूप से 140 से अधिक सॉफ्टवेयर व वेबसाइट का निर्माण भी किया है और वे  विश्वविद्यालय के शोध को उन्नत करने हेतु साहित्यिक चोरी पकड़ने के सॉफ्टवेयर का प्रबंधन भी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त विद्यापीठ के कई प्रमुख कार्यों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इससे पूर्व डॉ. छतलानी को शिक्षा, शोध व साहित्य के क्षेत्र में योगदान के बीस सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, उन्होंने नौ पुस्तकों का लेखन व सात का संपादन किया है, साथ ही उनके 27 शोध पत्र प्रकाशित व 40 अन्य शोध पत्र राष्ट्रीय-अतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में प्रस्तुत हुए हैं।


साभार – डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, जनसम्पर्क अधिकारी


? ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी जी  का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ ☆ मण्डला जिले के गौरव सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ राम कृष्ण पाण्डेय नहीं रहे ☆ ☆

स्व डॉ राम कृष्ण पाण्डेय

  ? मण्डला जिले के गौरव सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ राम कृष्ण पाण्डेय नहीं रहे ?

उन आँखों में झांक के देखो तो सही ,
प्यार झलकता है की नहीं ।
एक कदम बढ़ा के देखो तो सही ,
राह मिलती है की नहीं ।
– श्री जय प्रकाश पाण्डेय 

(यह अत्यंत दुख की बात है कि श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी, संपादक ई-अभिव्यक्ति (हिन्दी) के बड़े भाई साहब आदरणीय डॉ राम कृष्ण पाण्डेय जी का कल हृदयघात से विगत दिवस निधन हो गया।)

अद्वितीय प्रतिभा के धनी डॉ राम कृष्ण पाण्डेय जी का जन्म भीखमपुर (निवास) में जन्म हुआ था। जीवन के प्रारम्भ से ही संघर्षरत रह कर वे न केवल आगे बढ़े अपितु कई लोगों के प्रेरणास्रोत भी रहे। आपने अपने समय में मेट्रिक में मेरिट लिस्ट में आकार मंडला जिले का नाम रोशन किया था।

आपने जबलपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. में स्वर्ण पदक प्राप्त करने के पश्चात ‘महात्मा गांधी जी के निजी सचिव’ एवं पूर्व सांसद डॉ महेश दत्त मिश्र जी के निर्देशन में “भारतीय संसदीय प्रणाली” में पी एच डी की उपाधि प्राप्त किया। तत्पश्चात “इंडियन प्राइम मिनिस्टर थ्योरी एंड प्रेक्टिस” पर डी लिट की उपाधि प्राप्त किया। बाद में प्रधानमंत्री के विशेष राजनैतिक सलाहकार  रहे। कम्युनिकेशन आफ इंडिया के निदेशक रहे। देश भर के आकाशवाणी केन्द्रों के लिए प्रोग्राम पालिसी बनाने वाले विभाग “श्रोता अनुसंधान” में डिप्टी डायरेक्टर से रिटायर हुए। रिटायर होने के बाद एल.एल.बी. एवं एल एल एम में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। साथ ही बतौर गाइड कई छात्रों को पी.एच.डी. करायी।

रिटायर होने के बाद छत्तीसगढ़ कालेज, रायपुर में वरिष्ठ प्रोफेसर के रूप में काम करते हुए लोगों को निशुल्क कानूनी सलाह देते रहे। रिटायर होने के बाद भी अध्ययन करते हुए “सूचना के अधिकार” पर ऐतिहासिक पी.एच.डी की, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने पिता की तरह अपने परिवार की जिम्मेदारी का निर्वहन किया जो अनुकरणीय है।

? ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से परम आदरणीय डॉ राम कृष्ण पाण्डेय जी को सादर नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति! शांति! ?

 

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. पुष्पा नंदकुमार प्रभुदेसाई – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ.पुष्पा नंदकुमार प्रभुदेसाई 

? अभिनंदन! अभिनंदन! अभिनंदन! ?

 

ई–अभिव्यक्तीच्या लेखिका, सौ. पुष्पा प्रभुदेसाई यांच्या जीवनतरंग या ललित- वैचारिक संग्रहाचे प्रकाशन 23 जानेवारी रोजी होत आहे.

ई–अभिव्यक्तीतर्फे सौ. पुष्पा प्रभुदेसाई यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा. ?

 

आजच्या अंकात वाचा सौ. पुष्पा प्रभुदेसाई यांच्या जीवनतरंग या पुस्तकावरील सौ. उज्ज्वला केळकर यांनी केलेले आस्वाद लेखन  

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. पुष्पा नंदकुमार प्रभुदेसाई – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सौ.पुष्पा नंदकुमार प्रभुदेसाई ?

? अ भि नं द न ?

आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री सौ.पुष्पा नंदकुमार प्रभू देसाई यांनी, स्वानंद चॅरिटेबल ट्रस्ट,पुणे,यांनी आयोजित केलेल्या वक्तृत्व स्पर्धेत ज्येष्ठ नागरिक गटात उत्तेजनार्थ पुरस्कार प्राप्त केला आहे. त्याबद्दल त्यांचे समुहातर्फे हार्दिक अभिनंदन ?त्यांचे भाषण लेख स्वरूपात आज देत आहोत.

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ विश्व हिन्दी दिवस पर कवि सम्मेलन – “ग्लोबल हिन्दी ज्योति”, कैलिफोर्निया, अमेरिका का आयोजन ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ विश्व हिन्दी दिवस पर कवि सम्मेलन – “ग्लोबल हिन्दी ज्योति”, कैलिफोर्निया, अमेरिका का आयोजन ☆

विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर, 15 जनवरी शनिवार को “ग्लोबल हिन्दी ज्योति”, कैलिफोर्निया, अमेरिका द्वारा आयोजित काव्य-गोष्ठी की एक सफल शाम आपसे सांझा कर रही हूँ। कार्यक्रम के अतिथि श्री हरीश नवल जी ने हिन्दी के बारे में, हिंदी के इतिहास के बारे में जो कहा, वह जानकारी अमूल्य थी। किसी भी कार्यक्रम की सफलता के लिए जब प्रबुद्ध लोग जुड़ते हैं तो प्रयास सफल हो जाता है। सभी रचनाकारों की रचनाएँ, गज़लें और कविताएँ, सीधी सच्ची और मन को छू लेने वाली थी। सरल भाषा और रोचक प्रस्तुतीकरण के चलते अंत तक सभी श्रोतागणों ने हमारा उत्साह बनाएँ रखा। कार्यक्रम में शामिल कविगण या तो प्रवासी थे, या वे इस समय अमेरिका प्रवास पर थे। उनके नाम.. अतिथि आदरणीय हरीश नवल जी (दिल्ली भारत), दीपिका द्विवेदी जी (डूंगरपुर भारत) ऋतुप्रिया खरे जी (भोपाल भारत) संजय माथुर जी, राजीव भरोल जी, राकेश खंडेलवाल जी, श्रुति तिवारी जी, कामकक्षा माथुर जी, रेखा भाटिया जी, रेखा मैत्रा जी, विपिन समर जी, अनुराग मिश्रा जी, नमृता योहाना जी, पोपी चारनालिया जी एवं अनिता कपूर जी (अमेरिका)।

यह कार्यक्रम उपस्थित सहभागियों, हमारे अतिथि श्री हरीश नवल जी और श्री संजय माथुर जी के बिना असंभव होता। डॉ अनिता कपूर ने कार्यक्रम का संचालन किया।  

डॉ अनिता कपूर  

संस्थापिका “ग्लोबल हिन्दी ज्योति”, कैलिफोर्निया, अमेरिका

लेखिका/कवि/पत्रकार/ज्योतिषी(टैरो,वास्तु और हस्तरेखाविद्)

 

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ.ज्योत्स्ना तानवडे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? अ भि नं द न ?

? सौ.ज्योत्स्ना तानवडे ?

आपल्या समुहातील लेखिका व कवयित्री सौ. ज्योत्स्ना तानवडे यांना  त्यांच्या ‘जीवनामृत’ या काव्य रचनेसाठी उत्कृष्ट रचना पुरस्कार प्राप्त झाला आहे. ही स्पर्धा साकव्य या संस्थेकडून आयोजित करण्यात आली होती.

समुहातर्फे सौ. तानवडे यांचे हार्दिक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा.! ? मनःपूर्वक अभिनंदन ? 

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ वागीश्वरी पुरस्कार 2022 के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित ☆

सूचनाएँ/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? वागीश्वरी पुरस्कार 2022 के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित ?

वर्ष 1985 में स्थापित यह पुरस्कार मध्यप्रदेश के साहित्यकारों को पिछले तीन कैलेंडर वर्षों में प्रकाशित पुस्तकों पर प्रदान किया जाएगा। इस तरह वर्ष 2019, 2020 और 2021 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर की अवधि में प्रकाशित पुस्तकें वागीश्वरी पुरस्कार 2022 के लिए प्रस्तुत की जा सकती हैं।

पुरस्कार के लिए पुस्तक प्रस्तुत करने की पात्रता स्वयं लेखक अथवा प्रकाशक को है। इसके अतिरिक्त निर्णायक मंडल के सदस्य, सम्मेलन के वार्षिक अथवा आजीवन सदस्य,सम्मेलन की इकाईयां अथवा अन्य कोई इच्छुक व्यक्ति भी अपनी ओर से किसी लेखक की पुस्तक पुरस्कार के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं।

वागीश्वरी पुरस्कार के लिए किसी भी हालत में प्रत्येक श्रेणी में एक से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे। दो प्रतिभागियों के अंक समान होने पर ऐसी स्थिति में पुनः किसी नए निर्णायक मंडल के सामने दोनों प्रविष्टियां रखी जाएंगी और किसी एक कृति पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

पुस्तकें 31 मार्च 2022 तक अनिवार्य रूप से प्राप्त होनी चाहिए। पुरस्कार के लिए पुस्तक की 7 (सात) प्रतियां प्रस्तुत की जाएं। चयनित कृतियों के रचनाकारों को प्रशस्ति पत्र के साथ रु. 5100/- रु. की राशि भेंट की जाती है।

☆ ☆ ☆ ☆

वागीश्वरी पुरस्कारों की नियमावली इस प्रकार है:

1.पुरस्कार हेतु विधाओं के क्षेत्र : 1.कविता 2.गीत-गज़ल, 3.कहानी, 4.उपन्यास, 5.व्यंग्य, 6.कथेतर गद्य विधाएं (जैसे- नाटक,आलोचना,निबंध,संस्मरण आदि)

2.प्रत्येक पुरस्कार पिछले तीन कैलेंडर वर्षों में प्रकाशित कृति के पहले संस्करण के लिए देय होगा। वर्ष 2018 और 2019 में प्रकाशित जो पुस्तकें पहले भेजी जा चुकी हैं और जिन पर तत्कालीन निर्णायक मंडल अपना निर्णय दे चुके हैं, उन्हें भी वर्ष 2021 के वागीश्वरी पुरस्कार हेतु विचारार्थ रखा जायेगा। प्रतिभागी को ऐसी पुस्तकों की 5 (पांच) प्रतियां दोबारा भेजना होंगी।

3.यह आवश्यक होगा, कि लेखक म.प्र. का मूल निवासी हो या उसका जन्म म.प्र. में हुआ हो या वह गत 10 वर्षों से म.प्र. में निवासरत हो। इस आशय का दस्तावेज यथा जन्म प्रमाणपत्र / दसवीं कक्षा की अंकसूची / आधार कार्ड की सत्यापित छायाप्रति संलग्न करना होगा।

4.पुरस्कार के लिए अनुशंसित लेखक की आयु उस वर्ष-जिसमें पुस्तक प्रकाशित हुई हो, के अंतिम दिन यानि 31 दिसंबर को 50 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।

5.निर्णायक मंडल का मनोनयन प्रबंधकारिणी समिति द्वारा किया जाएगा।

6.पुरस्कार के लिए विभिन्न विधाओं के लिए गठित निर्णायक मंडल अंक के आधार पर चयन कर अनुशंसाएं देगा।

7.प्रत्येक पुरस्कार के लिए निर्णायक मंडल द्वारा अपनी संस्तुतियां प्रबंधकारिणी समिति को देगी जो कि सामान्यत: स्वीकार्य होंगी।

8.(अ) निर्णायक मंडल में (प्रत्येक विधा हेतु) 3 नाम प्रबंधकारिणी समिति द्वारा तय किए जाएंगे। निर्णायकों के नाम पुरस्कार वितरण के समय ही उजागर किए जाएंगे।

8(ब) वागीश्वरी पुरस्कार हेतु किसी एक विधा में प्रविष्टि के तौर पर एक ही पुस्तक आने पर उसे निर्णायकों को न भेजकर आगामी वर्ष की प्रविष्टि में शामिल कर लिया जाएगा। ऐसा समान परिस्थितियां होने पर आगामी दो कैलेंडर वर्ष तक किया जाएगा।

9.पूर्व में किसी भी विधा में वागीश्वरी पुरस्कार प्राप्त कर चुके लेखक के नाम पर दोबारा पुरस्कार के लिए विचार नहीं होगा।

10.वागीश्वरी पुरस्कार के लिए म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन की प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य पात्र नहीं होंगे।

11.पुरस्कार के लिए प्रविष्टियां लेखकों, संस्थाओं, समाचार पत्र-पत्रिकाओं, सोशल मीडिया के माध्यम से आमंत्रित की जाएंगी।

12. विनिर्दिष्ट वर्ष के लिए यदि निर्णायक मंडल को लगता है, कि किसी विधा में पुरस्कार के लिए कोई कृति योग्य नहीं है, तो उस वर्ष उस विधा विशेष में पुरस्कार नहीं दिया जाएगा ।

13.किसी भी प्रकार की सिफारिश और प्रतिभागी लेखक द्वारा निर्णायकों से संपर्क किया जाना कदाचार माना जाएगा। ऐसी कोई जानकारी मिलने पर सम्बंधित कृति/प्रविष्टि पुरस्कार के अयोग्य मान ली जाएगी। सम्मेलन अथवा उसके किसी भी पुरस्कार को लेकर की गई अमर्यादित टिप्पणी अथवा किसी पदाधिकारी पर व्यक्तिगत, अनर्गल आरोप लगाने वाले लेखक अथवा उसे प्रसारित करने वाले किसी भी लेखक की कोई भी प्रविष्टि पुरस्कार के लिए स्वतः ही अयोग्य मानी जायेगी।

14.वागीश्वरी पुरस्कार विजेता रचनाकारों द्वारा भविष्य में प्रकाशित होने वाली उनकी पुस्तकें यदि सम्मेलन पुस्तकालय में प्रदाय की जाएंगी तो उसका स्वागत किया जाएगा। इससे अध्ययन/ शोध करने वालों का भी सहयोग होगा।

15 .विजेताओं से यह भी अपेक्षा है कि वे इस उपलब्धि का उल्लेख अपनी आगामी पुस्तकों में, और अन्यत्र प्रकाशित होने वाली रचनाओं के साथ परिचय में अवश्य करें, जिससे सम्मेलन की गौरवशाली परंपरा से उनका जुड़ाव परिलक्षित हो सके।

16.वागीश्वरी पुरस्कार के संबंध में म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन की प्रबंधकारिणी समिति का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा। इस संबंध में सम्मेलन से किसी भी प्रकार का संवाद,वाद-विवाद या पत्राचार नहीं किया जा सकेगा।

17.प्रत्येक प्रतिभागी लेखक को अपनी प्रविष्टि के साथ सादे कागज़ पर यह हस्ताक्षरित वचन देना होगा कि उसने वागीश्वरी पुरस्कार 2021 की नियामवली का भलिभांति अध्ययन कर लिया है और वह इसके प्रत्येक बिंदु से सहमत है।

प्रविष्टियां भेजने का पता:

साहित्य मंत्री
म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन
मायाराम सुरजन स्मृति भवन
पी एण्ड टी चौराहा
शास्त्री नगर, भोपाल- 462003

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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