कविराज विजय यशवंत सातपुते
कवितेचा उत्सव # 130 – विजय साहित्य
☆ संत तुकडोजी ☆ कविराज विजय यशवंत सातपुते ☆
इंगळे कुलात | संत तुकडोजी |
माणिक बंडोजी | महाराज ||. १
माऊली मंजुळा | वडील बंडोजी |
गुरू आडकोजी | यावलीत || २
ग्राम विकासाचा| घेऊनीया ध्यास |
विवेकाची कास | पदोपदी || ३
स्वयंपूर्ण खेडे | सुशिक्षित ग्राम |
ग्रामोद्योग धाम | आरंभीलें || ४
सार्थ समन्वय | ऐहिक तत्त्वांचा |
पारलौकीकाचा | उपदेश || ५
खंजिरी भजन | राष्ट्रसंत मान |
संस्कारांचे वाण | तुकडोजी || ६
व्यसना धीनता | काढलीं मोडून |
घेतली जोडून | तरुणाई || ७
शाखोपशाखांचे | गुरू कुंज धाम |
सुशिक्षित ग्राम | सेवाव्रत || ८
नको रे दास्यात | नको अज्ञानात |
नारी प्रपंचात | पायाभूत || ९
कुटुंब व्यवस्था | समाज व्यवस्था |
राष्ट्रीय व्यवस्था | शब्दांकित || १०
नको अंधश्रद्धा | सर्व धर्म एक |
विचार हा नेक | रूजविला || ११
कालबाह्य प्रथा | केलासे प्रहार |
विवेकी विचार | अभंगात || १२
एकात्मता ध्यास | केले प्रबोधन |
दिलें तन मन | अनुभवी || १३
लेखन विपुल | कार्य केले थोर |
राष्ट्र भक्ती दोर | तुकडोजी || १४
कार्य अध्यात्मिक | आणि सामाजिक |
साहित्य वैश्विक | ग्रामगीता || १५
कविराज लीन | टेकविला माथा |
तुकडोजी गाथा | वर्णियेली || १६
© कविराज विजय यशवंत सातपुते
मोबाईल 8530234892/ 9371319798.
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈