सौ.मंजुषा सुधीर आफळे
कवितेचा उत्सव
☆ गणपती बाप्पा मोरया ☆ सौ.मंजुषा सुधीर आफळे ☆
(सुवर्ण सुधाकरी अभंग रचना)
भादव मासात | चतुर्थी दिनात ||
बाप्पा भुलोकात | आनंदात ||१||
प्रसन्न अवनी | चैतन्य गगनी ||
भालचंद्र जनी | तन मनी || २||
आरंभी नमन | रंगले भजन ||
मानस पूजन | गजानना ||३||
भरजरी शेला | पितांबर नीला ||
शेंदूर लाविला | हेरंबला ||४||
हिरे मुकुटात | हार तो गळ्यात||
नुपूर पायात | एकदंता ||५||
हातात परशू | धरिले अंकुश ||
निर्गुण तो ईश | गणाधीश.||६||
चंदनाची उटी | नागबंध कटी ||
गदा धरी मुष्टी | तो विकट ||७||
कला अधिकारी | दिनांचा कैवारी||
संकटे निवारी | विघ्नेश्वर ||८||
तूच बुधिदाता | विश्वाचा नियंता ||
वेद शास्त्र महंता | शिवसुता ||९||
आतुर दर्शना | मुषकवाहना ||
तू चित्तरंजना | त्रिनयना ||१०||
भक्तांचा तो मेळा | सुखद सोहळा ||
धुंद परिमळ | सदाकाळा ||११||
मी गें अल्पमती | करावया स्तुती ||
तूच देई स्फूर्ती | गणपती ||१२||
तूच माझी माता | तूच माझा पिता ||
क्षमा करी आता | कृपावंता || १३||
© सौ.मंजुषा सुधीर आफळे
विश्रामबाग, सांगली.
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈