श्रीमती अनुराधा फाटक

? कवितेचा उत्सव ?

☆ चंद्रघंटा… ☆ श्रीमती अनुराधा फाटक ☆ 

मस्तकी चंद्राकार घंटाधारिणी

पूजा तुझी होतसे तृतिय दिनी

सिंह वाहिनी नव अस्त्रेधारिणी

एक वरदहस्त दशभुजांगिनी !

रुप पार्वतीचे स्वरूप शक्तीचे

शांतवृत्ती शिवरुप परिवर्तनी

दूर करिसी संकटे भक्तांची

आशीश देसी महिषासुरमर्दिनी!

कल्याणकारी आशीर्वच देई

अलौकिक जगन्माते रुपदर्शनी!

 

© श्रीमती अनुराधा फाटक

≈संपादक–श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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