श्री आशिष बिवलकर
चित्रकाव्य
– वसुबारस …– ☆ श्री आशिष बिवलकर ☆
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सवत्स धेनूचे | प्रथम पूजन |
करूया वंदन | दिवाळीत ||१||
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गाय सर्वश्रेष्ठ | हिंदू शिकवण |
धर्म आचरण | वदंनाने ||२||
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बहु उपयोगी | असते ही गाय |
फक्त पशु नाय | धर्म सांगे ||३||
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गाईवर श्रद्धा | तेहतीस कोटी |
देव तिच्या पोटी | पृथ्वीवर ||४||
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पशुधन दारी | गाय हंबरते |
वंश वाढवते | शेतीसाठी ||५||
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गोमाता वात्सल्य | वासराशी लळा |
नात्यात जिव्हाळा | नैसर्गिक ||६||
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वसुबारसचे | जाणावे महत्व |
मातेचे ममत्व | लेकरासी ||७||
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© श्री आशिष बिवलकर
बदलापूर
मो 9518942105
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈