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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)
आचार्य भगवत दुबे जी – गायत्री शिखर सम्मान से सम्मानित – अभिनंदन
डॉ. गायत्री तिवारी स्मृति समारोह – समाजतंत्र की कहानियॉ
जबलपुर । प्रतिष्ठित साहित्यकार 50 से अधिक कृतियों के रचयिता, महाकवि आचार्य भगवत दुबे की साहित्यिक साधना का स्तवन करते हुए उन्हें डॉ. ‘गायत्री शिखर सम्मान’ से अलंकृत किया गया। अवसर था ‘पाथेय साहित्य कला अकादमी’ के तत्वावधान में आयोजित कथाकार डॉ. गायत्री तिवारी स्मृति विचार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का।
समारोह के मुख्य अतिथि डॉ.कृष्णकांत चतुर्वेदी थे।अध्यक्षीय मंगलकामनाये डॉ. राजकुमार ‘सुमित्र’ ने व्यक्त की। विशिष्ट अतिथि साधना उपाध्याय, अशोक मनोध्या, प्रतुल श्रीवास्तव थे।
वक्ताओं ने कहा कि समाजतंत्र से सम्बद्ध ऐसा साहित्य जो समाज के प्रत्येक वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है, वही सार्थक साहित्य होता है। डॉ.गायत्री तिवारी ने अपनी कहानियां एवं कविताओं में इस पक्ष का विशेष ध्यान रखा। प्रारंभ में संयोजक राजेश पाठक ‘प्रवीण’ ने आयोजन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला।
इन संस्थाओं का हुआ सम्मान
समारोह में आचार्य भगवत दुबे का स्तवन करते हुए नगर में राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील संस्था गुंजनकला सदन, वर्तिका, मंथनश्री, त्रिवेणी परिषद, अनेकांत, जागरण साहित्य समिति, हिन्दी लेखिका संघ, सृजन पथ, आभा साहित्य संघ, गूँज अंतस, सशक्त हस्ताक्षर, बुन्देली संस्कृति परिषद अंतस एवं अपनी डांस फेमिली को सम्मानित किया गया। यह सम्मान अतिथियों के साथ डॉ.भावना शुक्ल (नोयडा), प्रेमनारायण जी (नोयडा), श्रीमती निर्मला तिवारी, यशोवर्धन पाठक, डॉ.मोहिनी तिवारी, आराध्या प्रियम, विजय जायसवाल, संतोष नेमा सहित अन्य ने प्रदान किया। संचालन राजेश पाठक प्रवीण एवं आभार डॉ. हर्ष तिवारी ने व्यक्त किया।समारोह में अरुण श्रीवास्तव, संतोष नेमा, राजेंद्र मिश्रा, आशुतोष तिवारी, मिथिलेश नायक, चंद्र प्रकाश वैश्य, सुभाष शलभ रत्न ओझा, सिद्धेश्वरी सराफ़, प्रभा विश्वकर्मा शील की सहभागिता की सहभागिता रही।
साभार – श्री संतोष नेमा “संतोष”
ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व सम्मान के लिए आचार्य भागवत दुबे जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈