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(मानवता के हित में श्री राकेश कुमार पालीवाल जी के फेसबुक से पेज साभार)
☆ जनता कर्फ्यू : एक वैज्ञानिक और नायाब कदम : हम चलेंगे दो कदम ☆
(ई- अभिव्यक्ति सम्पूर्ण विश्व में विश्वयुद्ध से भी भयावह इस दौर में ईश्वर से मानवीय संवेदनाओं एवं मानवता की रक्षा की कामना करता है। बस पहल आपको करनी है। )
प्रधान मंत्री जी ने टी वी पर आने से पहले अपनी टीम से काफी विचार विमर्श किया होगा। उसी के बाद उन्होंने रविवार की छुट्टी के दिन जनता कर्फ्यू का नायाब तरीका चुना है।
इसे आप वैज्ञानिक दृष्टि से देखिए। रविवार की छुट्टी के दिन 14 घंटे का बन्द वायरस के फैलने की चेन की काफी हद तक कमर तोड़ सकता है और हम इटली और स्पेन बनने से बच सकते हैं जिन्होंने रविवार की छुट्टी में सार्वजनिक स्थलों पर मटर गस्ती करके इसे पूरे देश में फैला दिया था।
इसका दूसरा लाभ यह मिलेगा कि हम एक देश के रूप में किसी भी आपदा का सामना करने के लिए तैयार दिखेंगे और जरूरत पड़ी तो ऐसे कर्फ्यू कुछ और दिन ज्यादा देर के लिए लागू कर कोरोना को पूरी तरह अलविदा कह देंगे।
जनता कर्फ्यू से कोई नुकसान नहीं है। फिर भी यदि सिर्फ आलोचना के लिए आलोचना करना ही यदि हमारा धर्म है तो हमारी नकारात्मकता को कोई कम नहीं कर सकता।
हमने तो एक कदम आगे बढ़कर शनिवार की छुट्टी को भी जनता कर्फ्यू में शामिल कर दो दिन घर में रहने का मन बना लिया है। अपने आफिस के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से भी यही अपील की है कि जब तक बहुत जरूरी नहीं हो घर से बाहर नहीं निकलें।
जैसे बूंद बूंद से समुद्र बनता है वैसे ही एक एक व्यक्ति के घर में रुकने से सड़क, बाज़ार और शहर की भीड़ कम होगी। आज यही हमारे और देश के हित में है।
आमीन।
(मानवता के हित में श्री राकेश कुमार पालीवाल जी के फेसबुक से पेज साभार)
(आप सब से करबद्ध प्रार्थना है इस वैज्ञानिक और नायाब कदम पर सबके साथ चलिए और प्रण लीजिये – हम चलेंगे दो कदम)