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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)
🌸 मॉडर्न कॉलेज, पुणे (हिंदी विभाग) द्वारा विश्व हिंदी दिवस और हिंदी फिल्म फेस्टिवल आयोजित 🌸
हिंदी विभाग की ओर से विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हिंदी फिल्म फेस्टिवल 10 और 11 जनवरी 2024 को मॉडर्न महाविद्यालय (स्वायत्त), छत्रपति शिवाजीनगर, पुणे 05 स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर सभागृह में संपन्न हुआ l दो दिन के हिंदी फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन प्रो. सुमित पॉल (भाषावेत्ता, लंदन) के करकमलों से संपन्न हुआ l विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर प्रो. सुमित पॉल का “हिंदी फिल्मों का हिंदी भाषा के वैश्विक प्रचार-प्रसार में योगदान” विषय पर प्रासंगिक व्याख्यान हुआ l हिंदी फिल्म और गीतों के अनेक उदाहरण देते हुए हिंदी भाषा कैसे सबकी जुबान पर चढ़ गई और वह व्याप्त हो गई, इसका सरस वर्णन प्रो. सुमित पॉल ने किया l विभिन्न देशों में हिंदी फिल्में देखी जाती हैं l कुछ लोग भाषा से अनभिज्ञ होने पर भी बार-बार गीत सुनकर उसे सीखते हैं l बी.बी.सी. के लिए दिलीपकुमार का साक्षात्कार लेते समय प्रो. सुमित पॉल ने यह जाना कि भाषा सीखने के लिए भाषा एक सरल और प्रभावी माध्यम है l दिलीपकुमार को हिंदी फिल्में मिलना शुरू होने के बाद वे हिंदी भाषा सीखे तब तक वे उर्दू भाषा ही बोलते थे l परंतु हिंदी फिल्म देखकर उन्होंने भाषा अवगत की l इस प्रकार के कई उदाहरण प्रो. पॉल ने बताए l इसके अतिरिक्त मुहम्मद रफ़ी के गीतों में भाषा का प्रयोग, फिल्मों में संवाद लेखन आदि प्रो. पॉल ने प्रकाश डाला l दूसरी तरफ हिंदी फिल्मों ने भाषा के व्याकरण और भाषा की संरचना को कैसे गलत रूप में प्रभावित किया यह भी व्याख्यान में बताया l
10 जनवरी को इस व्याख्यान के अतिरिक्त हिंदी विभाग, मॉडर्न महाविद्यालय द्वारा हिंदी फिल्म फेस्टिवल में ‘ आई ऍम कलाम’ और 11 जनवरी को ‘ हिचकी ’ फिल्में दिखाई गई l शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान देनेवाली दो फिल्में देखकर छात्रों को प्रसन्नता हुई , उन्होंने दोनों फिल्मों पर समीक्षाएं भी लिखीं l
दोनों दिनों के कार्यक्रम के लिए मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव उपस्थित थे l उन्होंने प्रासंगिक व्याख्यान और हिंदी फिल्म फेस्टिवल के आयोजन की प्रशंसा की और छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में हिंदी के उपयोग की जानकारी देना आवश्यक माना l उन्होंने विद्यार्थी जीवन में अध्ययन और अन्य गतिविधियों करना उपयुक्त प्रतिपादित किया l प्रोग्रेसिव एज्युकेशन सोसायटी के सचिव और उपप्राचार्य प्रा. शामकांत देशमुख ने हिंदी के साहिर लुधियानवी, गुलजार, जावेद अख्तर के गीतों की भाषा का स्मरण कराया साथ ही विभिन्न अभिनेताओं के संवाद कहने की पद्धति की विशेषताओं पर प्रकाश डाला l कुछ वर्षों पहले फिल्मों के संवादों के कैसेट्स निर्माण होते थे l संवादों का प्रभाव दर्शकों पर गहरा होता था l वाणिज्य शाखा के उपप्राचार्य डॉ. विजय गायकवाड ने वाणिज्य के क्षेत्र में हिंदी भाषा के प्रयोग का महत्त्व प्रतिपादित किया l साथ ही फिल्मों में हिंदी के छात्रों के लिए विभिन्न अवसरों की जानकारी दी l
हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ. प्रेरणा उबाळे ने विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय हिंदी फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया था l उन्होंने अपनी भूमिका में बताया कि 2016 से हिंदी विभाग द्वारा हिंदी फिल्म क्लब के अंतर्गत प्रति वर्ष 02 फिल्म दिखाई जाती हैं जो हिंदी साहित्य से निर्मित हुई हैं l फिल्म निर्माण पर आधारित कुछ कार्यशालाओं का आयोजन भी हिंदी फिल्म क्लब निरंतर करता है l कार्यक्रम का मंच संचालन हिंदी विभाग की प्राध्यापिका सारिका मुंदड़ा ने किया तथा आभार ज्ञापन प्रा. सूरज बिरादर और प्रा. मुमताज पठान ने किया l विभिन्न शाखाओं के छात्रों ने दोनों दिन बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्शाई l
साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे
सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे ०५
संपर्क – 7028525378 / [email protected]
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈