☆ सूचनाएँ/Information ☆
(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)
श्री सुरेश पटवा
श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’
☆ श्री सुरेश पटवा को कमलेश्वर सम्मान एवं श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को कन्हैयालाल नंदन सम्मान से सम्मानित किया जाएगा – अभिनंदन ☆
भोपाल: दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय द्वारा प्रतिष्ठित साहित्यकारों को सम्मानित करने की परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष सुश्री ममता कालिया जी को दुष्यंत राष्ट्रीय अलंकरण, श्री सुरेश पटवा जी को प्रतिष्ठित कमलेश्वर सम्मान एवं श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को बाल साहित्य के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए कन्हैयालाल नंदन सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
दुष्यंत राष्ट्रीय अलंकरण ममता कालिया और सुरेश पटवा को कमलेश्वर सम्मान सहित कुल 14 विभूतियों को विभिन्न साहित्यिक श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा। यह समारोह दिसंबर माह में दुष्यंत संग्रहालय में आयोजित किया जाएगा।
ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ बाल साहित्य जगत का जाना-माना नाम हैं और उनकी रचनाओं ने बच्चों के मन में बाल साहित्य के पठन-पाठन के बीज बोए हैं। कन्हैयालाल नंदन सम्मान उन्हें मिलना बाल साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान को प्रमाणित करता है। स्मरणीय रहे कि कन्हैयालाल नंदन सम्मान बाल साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले साहित्यकार को दिया जाता है। जिसका निर्णय विद्वत जनों की गठित एक कमेटी द्वारा किया जाता है।
अन्य सम्मानित व्यक्ति:
दुष्यंत राष्ट्रीय अलंकरण: सुश्री ममता कालिया
कमलेश्वर सम्मान: श्री सुरेश पटवा
सुदीर्घ साधना सम्मान: श्री राधा वल्लभ त्रिपाठी
आंचलिक भाषा सम्मान: श्री परदेशी राम वर्मा
विठ्ठल भाई पटेल सम्मान: श्री डा वीणा सिन्हा
बालकवि बैरागी सम्मान: श्री दिनेश प्रभात
राजेश्वरी त्यागी सम्मान: श्री उषा खरे
आरएस तिवारी सम्मान: श्री उल्लास तेलंग
राजेंद्र जोशी सम्मान: श्री महेश परिमल
अखिलेश जैन सम्मान: श्री साकेत सहाय
बाबूराव गुजरे सम्मान: श्री गौरीशंकर गौरीश
एन लाल जैन सम्मान: श्री मोहन नागर
ब्रजभूषण शर्मा सम्मान: श्री विनोद जैन
यह सम्मान समारोह साहित्य जगत के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा।
ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री सुरेश पटवा जी एवं श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई
≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈