कैप्टन प्रवीण रघुवंशी, एन एम्

(हम कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी द्वारा ई-अभिव्यक्ति के साथ उनकी साहित्यिक और कला कृतियों को साझा करने के लिए उनके बेहद आभारी हैं। आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व छात्र कैप्टन प्रवीण जी ने विभिन्न मोर्चों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर देश की सेवा की है। वर्तमान में सी-डैक के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एचपीसी ग्रुप में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं साथ ही विभिन्न राष्ट्र स्तरीय परियोजनाओं में शामिल हैं।)

सुप्रसिद्ध कवि लार्ड बायरन की कविता  She Walks in Beauty / चलती फिरती सौंदर्य प्रतिमा  का कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी  द्वारा अनुवाद एक संयोग है।

इस सन्दर्भ में हम आपसे एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करना चाहेंगे। डॉ विजय कुमार मल्होत्रा जी (पूर्व निदेशक (राजभाषा), रेल मंत्रालय,भारत सरकार) को इसी वर्ष जून माह में  यूनाइटेड किंगडम  के प्रसिद्ध शहर  नॉटिंघम  जाने का अवसर मिला। प्रवास के दौरान उन्हें हिन्दी कवयित्री और काव्यरंग की अध्यक्षा श्रीमति जय वर्मा जी ने अंग्रेज़ी के प्रसिद्ध कवि लॉर्ड बायरन की विरासत से भी परिचित कराया. रॉबिनहुड और लॉर्ड बायरन के नाम से प्रसिद्ध इस शहर में महात्मा गाँधी भी कुछ समय तक रुके थे. जहाँ बायरन ने  Don Juan जैसी कविताएँ लिखीं, वहीं  She Walks in Beauty जैसी प्रेम और प्रकृति की मिली-जुली कल्पनाओं पर आधारित कविताएँ भी लिखीं.

डॉ विजय कुमार मल्होत्रा जी के ही शब्दों में “कालजयी रचनाओँ को हिंदी-अंग्रेज़ी में अनूदित करने का बीड़ा उठाने वाले मेरे मित्र कैप्टन प्रवीण रघुवंशी ने “चलती-फिरती सौंदर्य प्रतिमा” शीर्षक से इसका हिंदी में अनुवाद भी कर दिया. मैंने पावर-पॉइंट (PPT) के माध्यम से दी गई अपनी प्रस्तुति में इस कविता को मूल अंग्रेज़ी के साथ-साथ हिंदी में भी प्रतिभागियों को सुनाया. सभी ने इसके हिंदी अनुवाद की भूरि-भूरि प्रशंसा की.”

यह अनुवाद इंग्लैंड में हिन्दी प्रोफेसरों को बहुत पसंद आया था। उन्होने कई देशों में इसका अपने भाषणों में उपयोग भी किया है जिसका सबसे सहृदय प्रतिसाद प्राप्त हुआ।

आइए…हम लोग भी इस कविता का मूल अंग्रेज़ी के साथ-साथ हिंदी में भी रसास्वादन करें और अपनी प्रतिक्रियाओं से इसके हिंदी अनुवादक कैप्टन प्रवीण रघुवंशी  को परिचित कराएँ.   

 

Original English Poem By Lord Byron

☆ She Walks in Beauty

She walks in beauty, like the night

Of cloudless climes and starry skies;

And all that’s best of dark and bright

Meet in her aspect and her eyes;

Thus mellowed to that tender light

Which heaven to gaudy day denies.

 

One shade the more, one ray the less,

Had half impaired the nameless grace

Which waves in every raven tress,

Or softly lightens o’er her face;

Where thoughts serenely sweet express,

How pure, how dear their dwelling-place.

 

And on that cheek, and o’er that brow,

So soft, so calm, yet eloquent,

The smiles that win, the tints that glow,

But tell of days in goodness spent,

A mind at peace with all below,

A heart whose love is innocent!

 – Lord Byron

 

लार्ड बायरन की मूल कविता का कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी द्वारा हिंदी अनुवाद  

☆ चलती-फिरती सौंदर्य प्रतिमा ☆

रात्रि की भाँति, वो  सौन्दर्य-प्रतिमा,

 बादलों से विहीन, तारों भरी

रात्रि में

   अंधकार और प्रकाश की

अप्रतिम छटा लिये

चहलकदमी करती रही…

 

आकर्षक डील-डौल, सोहनी आँखे

भीनी-भीनी चाँदनी में पिघलती हुई

जो दिन के उजाले में कदापि

ईश्वर प्रदत्त भी संभव नहीं,

ऐसी लावण्यपूर्ण अनामिका!

 

एक अतिशय रंगीन छटा,

एक और वांछित किरण,

लहराती स्याह वेणियां

अर्ध-प्रच्छादित मुखाकृति

को और भी निखारती हुई…

जहाँ विचार मात्र ही

निरन्तर मधु-सुधा टपकाते…

कितना पवित्र, कितना प्यारा

उसका संश्रय…!

 

दैवीय कपोलों, के मध्यास्थित,

उन वक्र भृकुटियों  में

वो इतनी निर्मल, इतनी शांत,

फिर भी नितांत चंचल

विजयी मुस्कान लिए!

 

वो दैदीप्यमान आभा,

सौम्यता में व्यतीत क्षणों को

अभिव्यक्त करते हुए

एक शांतचित्त मन

एक निष्कपट प्रेम परितृप्त

वो कोमल हृदय धारिणी…!

 

–  कैप्टन प्रवीण रघुवंशी, पुणे

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