डॉ निशा अग्रवाल

☆ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – “योग से मिले नया जीवन…” ☆ डॉ निशा अग्रवाल

ऋषि मुनियों और संतों की पावन भूमि कहा जाने वाला हमारा देश आज योग गुरु देश बन गया है। भारतीय योग गुरुओं ने विदेशी जमीन पर योग की उपयोगिता और महत्व के बारे में जागरूक किया है।

वर्ष 2015 से विश्व भर में 21जून को विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है। योग दिवस मनाने की तारीख 21 जून ही निश्चित की गई है। इसका कारण भारतीय परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होना है। सूर्य दक्षिणायन का समय ही आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए असरदार माना गया है। इसलिए प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं।

कोरोना काल के बाद से योग का महत्व अधिक बढ़ गया है। संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से लोग योग अभ्यास करने लगे हैं। योग दिवस 2023 की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’ है। धरती ही परिवार है। धरती जब ही स्वस्थ और शुद्ध रहेगी, जब मानव स्वस्थ रहेंगे। योग भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के सबसे बड़े प्रतीकों में से एक रहा है। यह एक प्राचीन अभ्यास है, जिसकी सृष्टि भारत में हुई है। योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विषयों को शामिल करता है। यह शरीर और मन के बीच सद्भाव को बढ़ावा देता है और व्यक्तियों को अच्छी तरह से एक संम्पूर्ण आधुनिक जीवन प्राप्त करने में मदद करता है।

जब भी दुनिया ने मानवता कल्याण के लिए समग्र स्वास्थ्य और जीवन के लिए आवाज उठाया है तो भारत के प्राचीन ज्ञान की हमेशा चर्चा की और सराहना की है. दुनिया भर में इस अभ्यास की एक बढ़ती स्वीकृति, इसकी व्यापक लोकप्रियता इसका एक साक्ष्य है, जिससे दुनिया में आध्यात्मिक गुरु के रूप में भारत का कद बढ़ रहा है. अब, दैनिक जीवन शैली के एक हिस्से के रूप में योग का तेज पश्चिमी दुनिया में भी देखा जा रहा है. इसकी लोकप्रियता कोविड महामारी के दौरान काफी बढ़ गई , जब शारीरिक और मानसिक फिटनेस को लेकर विश्व स्तर पर ज्यादा जोर दिया गया था, लाखों लोगों को इसी उद्देश्य के लिए योग में घुसना पड़ा।

योग दुःखों को कम करने में मानवता प्रदान करता है और लोगों को एक साथ आनन्द की भावना को बढ़ावा देने और एक साथ दुनिया के बीच लचीलापन बनाने के अलावा लोगों को एक साथ लाता है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने विश्व स्तर पर विशाल लोकप्रियता प्राप्त की है, और लाखों लोग इस दिन योग-संबंधित घटनाओं में भाग लेते हैं. यह समग्र स्वास्थ्य और कल्याण की खोज में विभिन्न पृष्ठभूमि, संस्कृतियों और धर्मों से लोगों को एकजुट करने का अवसर बन गया है. योग दिवस के निरंतर समारोह को इस अभ्यास के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और यह सुनिश्चित करने के लिए किसी व्यक्ति की आंतरिक चेतना और बाहरी दुनिया के बीच निरंतर संबंध की भावना को गहरा करता है।

☆ योग से मिले नया जीवन ☆

नित उठ करो योग साधना।

   स्वस्थ रहने की यही प्रार्थना।।

 

सारे रोग योग से भागे।

    ह्रदय रोग भी पास ना आवै।।

 

योग से हो जीवन उजियारा।

    मिटे व्याधियों का अंधियारा।।

 

दर्द दवा और दुआ योग है।

    सुखी जीवन का यही संयोग है।।

 

योग उपचार और औषधि है।

    योग बढ़ाए जीवन अवधि है।।

 

योग साधना में जो जुट जाए।

     तनाव मुक्त जीवन हो जाए।।

 

रोग भगाए योग, करो साधना सारे।

     ताजा रहे मनोयोग मिट जाए सारे।।

 

योग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाए।

   जीवाणु, विषाणु से लड़ना सिखाए।।

 

शक्तिवर्धक औषधि योग है।

     बुद्धि प्रबर्धक, चेतन्य योग है।।

 

काया प्रबल बनाता योग है।

       रूप सौंदर्य भी देता योग है।।

©  डॉ निशा अग्रवाल

(ब्यूरो चीफ ऑफ जयपुर ‘सच की दस्तक’ मासिक पत्रिका)

एजुकेशनिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, लेखिका, गायिका, कवियत्री

जयपुर ,राजस्थान

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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