डाॅ. मीना श्रीवास्तव

☆ आलेख ☆ ‘अंदाज़-ए-बयां करें आप और बेहाल हों हम’ ☆ डाॅ. मीना श्रीवास्तव

मौसम विभाग के सभी विशेषज्ञों को एवं उनके पूर्वानुमानों को अति उत्साह से सुनने वाले आप सबको मेरे शत-शत नमन!

मौसम का हाल-ए-दिल आजमाने वाले मौसम विभाग से हमने पूछा, “हाल कैसा है मौसम का?” तो आज उन्होंने कुछ अलग तरह से ही बात की, “क्या ख़याल है आपका?” कारण? सुनिए (मेरा मतलब है पढ़िए!) हमारे समय में ऐसा नहीं था! एक पपीहा ही था, जो रटता रहता था कि अब आवेगी बारिश। यदि आप अधिक काव्यात्मक मूड में हैं तो पेश है आकाश की ओर देख कहीं हल्की सी गरज और लरज सुनकर अद्भुत रीति से नाचता हुआ मोर! उस वक्त उसका मनमोहक नृत्य फोटू में कैप्चर करने को लालायित दर्शक गण उसे चाहे कितनी भी बार ‘वन्स मोअर’ दें, वह किसी मूडी कलाकार की तरह फोटो देने के लिए साफ़ मना कर देता था। मित्रों, इन पुरानी धारणाओं को तोड़ते हुए विश्व के मौसम विज्ञानियों ने ऐसी तकनीक विकसित की है कि, हर मिनट की गणना पर आधारित हवा की नमीं, उनकी दिशा, दशा और गति आदि का सूक्ष्म मूल्यांकन करके प्रति घंटा बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया जाता है। और तो और, एक नहीं बल्कि कई निजी एजेंसियां इसमें कूद पड़ी हैं और उनकी वेधशालाएं सक्रिय मोड में आ गईं हैं। कुछ ने सोचा कि अगर इन सबका औसत निकाला जाए तो सटीक अनुमान मिल जाएगा, लेकिन उनका अंदाज एकदम गलत साबित हुआ।

कृषि कार्य, दुकानें, फेरीवालों का कारोबार तो ऐसे अनुमानों से भ्रमित, चकित और अवाक् रहा| नुकसान के आंकड़े भांपते हुए लोगों की आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा और नौबत यहाँ तक आ गई कि, दिन में तारे नजर आने लगे| अब कल की ही कहानी सुनिए मुंबई की! सरकार, नगर निगम आदि प्रतिष्ठित संस्थाओं ने वेधशाला की नवीनतम रिपोर्ट पर आधारित वायु गति से आदेश दे दिये| वे उससे अधिक गतिमान होकर स्कूल-कॉलेजों में पहुंच गए| दोपहर में बच्चों के पार्सल घर लाते-लाते अभिभावक और बसवालों को थकान आ गई| इन नन्हे मुन्ने चूजों को घोंसले में रखते रखते, बारिश की धारा कम हो गई।        

इस बीच पुणे (पुणे में स्थित) की वेधशाला ने सटीक अवलोकन के साथ हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की थी। लेकिन ये मुई बारिश बड़ी ही चालाक निकली| पुणे में रहकर पुणे की संस्था का घोर अपमान करने का ऐसा दुस्साहस! ऐसी बरस पड़ी कि, ३२ सालों का रिकॉर्ड तोड़कर ही मानी! बांध जल से लबालब थे, पानी एकता का सन्देश कन्धों पर लिए हर घर में घुस गया| बेचारी जनता ने कौन सा अपराध किया? बस बारिश का पूर्वानुमान सुना और उसपर विश्वास जताया | आज की तारीख में हर कोई बाउंड्री पर उत्तीर्ण होना चाहता है| तभी तो ये बारिश एक शरारती छात्र की भांति व्यवहार कर रही है| पता नहीं क्यों वेधशाला के अध्यापकों का कहना बिलकुल मानती नहीं है!

कल को (बीते हुए) जाने दो, क्योंकि (किसीने कहा है), उसके बारे में सोचना समय की बर्बादी है! कल (बीते हुए) हर जगह बारिश का जोरदार डिस्को डांस देखकर सभी प्रमुख सरकारी संस्थानों ने कड़ी मेहनत की और सबक सीखा। हमारे ठाणे और पुणे (मुंबई नहीं) और अन्य इलाकों में कल शाम अति तत्परता दिखाते हुए एहतियात के तौर पर आज के लिए स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश दे दिए गए। लेकिन इस ढीठ बारिश की शरारतों का जवाब नहीं| आज बड़े सवेरे से गायब ही हो गई है, न जाने कहाँ छिपी बैठी है। शायद वह भी आराम करना चाहती हो| लेकिन हमारी फिर से शिकायत है, इसमें संदेह की गुंजाइश है कि, क्या उसने सम्मानित संस्थाओं के आदेशों की अवहेलना करने की शपथ ली थी, क्योंकि यह सब कांड सुबह के शुरुआती घंटों में हुआ| बच्चों की आज की विभिन्न परीक्षाएं स्थगित होने से वे नाराज हैं सो अलग! इस बारिश के कारण उनके वीक एन्ड के प्लान पानी में बह गए!

मुझे तो लगता है कि यह बारिश ‘टीन एज सिंड्रोम’ से संक्रमित है! वे कैसे अपने बड़ों के कहने पर बिल्कुल उलटा करते हैं। अब एक प्रयोग करने की मेरी अंतरिम सलाह। वेधशालाओं को उनका आकलन कर ठीक उसके विपरीत रिपोर्ट सरकार और जनता को सौंपनी चाहिए। लेकिन एक संदेह है, वर्षारानी को इस साजिश की खबर हुई और वह अपनी ‘नीली छतरी’ को उल्टा कर गई तो? उसकी बजाय मौसम विभाग की तमाम वेधशालाओं के अनुमान को दिल में संजोये हुए, वर्षा के आगमन और निकास का स्वागत करें| अबोध बच्चों से सीखने के लिए बहुत कुछ है। चाहे बारिश हो या न हो, ‘नो स्कूल’ का आनंद लेने वाले इन निरीह आत्माओंके के खेलों में कोई खलल नहीं होती।

प्रिय पाठकगण, अब हास परिहास का सत्र ख़त्म करें|                 

आलेख के अंत में, कई तूफानों की गहन और सटीक भविष्यवाणी करके लाखों लोगों की जान बचाने के लिए सभी मौसम विज्ञानियों को बहुत-बहुत धन्यवाद! साथ ही, भारी बारिश में नालियों, सड़कों और सीवरों की अनवरत सफाई करने वाले नगर निगम के कर्मचारियों और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हजारों नागरिकों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले एनडीआरएफ के बहादुर जवानों को भी विशेष धन्यवाद!

दिनांक २६ जुलाई २०२४ (समय प्रातः ११ बजे)

© डॉक्टर मीना श्रीवास्तव

ठाणे

मोबाईल क्रमांक ९९२०१६७२११, ई-मेल – [email protected]

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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