श्री प्रदीप शर्मा

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रदीप शर्मा जी द्वारा हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए साप्ताहिक स्तम्भ “अभी अभी” के लिए आभार।आप प्रतिदिन इस स्तम्भ के अंतर्गत श्री प्रदीप शर्मा जी के चर्चित आलेख पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपका आलेख – “एक और एक ग्यारह।)

?अभी अभी # 360 ⇒ एक और एक ग्यारह? श्री प्रदीप शर्मा  ?

One & one eleven

जहां अक्षर है, वहां स्वर है, व्यंजन है, शब्द है, व्याकरण है, और जहां अंक है, वहां गिनती है, पहाड़ा है, पूरा अंक गणित है। गिनती को अंग्रेजी में नंबर और पहाड़े को टेबल कहते हैं। हमारी पहली दूसरी की पढ़ाई टाट पट्टी पर बैठकर, पट्टी पेम से लिखकर होती थी, और सामूहिक स्वर में पट्टी पहाड़े को याद किया जाता था। इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई टेबल कुर्सी और ब्लैक बोर्ड पर होती है अतः उनके लिए, गिनती नंबर और पहाड़े, टेबल कहलाते हैं। हमारा अंकगणित उनका एरिथमेटिक्स (arithmetics) है।

वैसे तो अंकों का सार एक से दस संख्या में ही निहित है, लेकिन हम एक से बीस तक की हिंदी और अंग्रेजी की गिनती तक ही अपने आपको सीमित करेंगे। सम विषम संख्या के पचड़े में भी हम नहीं पड़ना चाहते।।

हमारा हिंदी का एक अंक अंग्रेजी का वन (one) है। इसे आपको one ही लिखना पड़ेगा, आप ven अथवा won नहीं लिख सकते। हां उच्चारण में चाहें तो वन को ओन कर सकते हैं। हमारा दूसरा अंक दो, अंग्रेजी का टू (two) है, जो हमारे दो के अपभ्रंश दुई अथवा दू के बहुत करीब है (गौर कीजिए, दो दूनी चार)।

यही हाल तीन का है, हमारा तीन का अंक उनका थ्री(three) है। उच्चारण में थ्री वैसे भी, तीन का करीबी ही लगता है।

हमारा चार का अंक उनका फोर (four) है, यहां सिर्फ आखरी के सिर्फ `र ` में ही समानता है। हमारा पांच का अंक अंग्रेजी का फाइव (five) है, जिसमें हमें कोई खास करीबी नजर नहीं आती। छः को सिक्स (six), सात सेवन(seven) का भी यही हाल है लेकिन इनका ऐट (eight) हमें हमारे आठ का करीबी लगता है।

वैसे eight को क्या आप अठ नहीं कह सकते। हमारा नौ इनका नाइन (nine) हो जाता है और हमारे दस पर इनकी टेन(ten) बज जाती है।।

आगे ग्यारह से उन्नीस तक का यह अंकों का खेल भी बड़ा रोचक है। हमारा ग्यारह इनका इलेवन(eleven)हो जाता है। जहां एक वन(one) था, वहीं इलेवन में वन की मात्रा eleven हो गई। ग्यारह से आगे के हमारे सभी अंकों में रह रहकर, रह और ह का प्रयोग हुआ है, गौर कीजिए, ग्यारह, बारह, तेरह, चौदह, पंद्रह, सोलह, सत्रह और अठारह। बस उन्नीस और बीस अलग नजर आते हैं। स्मरण रहे, इसमें सोलह बरस भी शामिल है।

और उधर अंग्रेजी के अंकों में इलेवन(eleven) और ट्वेल्व (twelve) के पश्चात् ही टीनेज शुरू हो जाती है, यानी थर्टीन, फोर्टीन, फिफ्टीन, स्वीट सिक्स्टीन, सेवेंटीन, एटीन और नाइनटीन। बस टीनेज खत्म और हमारा बीस उनका ट्वेंटी।।

यह तो बात हुई सिर्फ गिनती की, हमारे पहाड़ों और उनकी टेबल में जमीन आसमान का अंतर है। जो मज़ा दो एकम दो, आठी उठी चौंसठ और नम्मा नम्मा इक्यासी में है, वह टू वंजा टू और फाइव टेंजा फिफ्टी में नहीं। अपनी भाषा में रस है, विदेशी जुबान में गला सूखता है।

फिर भी मजबूरी का नाम महात्मा गांधी। आज के बच्चे छाछठ, छियोत्तर और छियासी में फर्क नहीं समझते। कहते हैं, पापा हिंदी में बोलो।।

♥ ♥ ♥ ♥ ♥

© श्री प्रदीप शर्मा

संपर्क – १०१, साहिल रिजेंसी, रोबोट स्क्वायर, MR 9, इंदौर

मो 8319180002

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments