श्री विजय कुमार
(आज प्रस्तुत है सुप्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित पत्रिका शुभ तारिका के सह-संपादक श्री विजय कुमार जी की एक विचारणीय लघुकथा “खुद को देख लो“।)
☆ लघुकथा – खुद को देख लो ☆
आज कई सालों के बाद मैं उस खेल के मैदान में था, जहां बचपन से लेकर जवानी तक, दोस्तों के संग खेला करता था। मैंने इधर उधर नजर दौड़ाई, कि कहीं कोई परिचित मिल सके। इसी खोज में मेरी नजर अपने ही एक दोस्त पर पड़ी, जो कुछ लोगों के बीच खड़ा बातचीत में व्यस्त था।
मैंने उसके कंधे को थपथपाया, “राहुल, मैं दीपक।” उसने एकदम चौंक पर मुझे देखा और ख़ुशी से चिल्लाया, “अरे दीपक, कैसे हो यार? आज इतने सालों बाद अचानक?”
“हां, बस याद खींच लाई तुम सब दोस्तों की। पुराने दिन ताजा करने आया हूं”, मैंने हर्षातिरेक से कहा, “और तुम सुनाओ, कैसे हो? घर परिवार में क्या चल रहा है?…” और हमारी बातें शुरू हो गईं। वह सबको छोड़ कर मेरे साथ मैदान में घूमने लगा। बातों का सिलसिला जारी था।
बैडमिंटन कोर्ट के पास पहुंचकर अचानक मुझे ख्याल आया, “यार, यहां दो मोटे-मोटे भाई आया करते थे खेलने सुबह-सुबह, याद है?”
“हां बिल्कुल, वही जो इतने भारी थे कि उनसे हिला भी नहीं जाता था, और हम सभी मिलकर उनका खूब मजाक उड़ाते थे।” राहुल ने कहा।
“पर कमाल के थे वो यार, उन पर कभी कोई असर नहीं होता था। मैं और राकेश तो कई बार सीधा-सीधा मुंह पर ही बोल देते थे। पर वाकई, लाजवाब था भई उनका संयम और हौंसला। न तो उन्होंने आना छोड़ा, और न हमारा ताना सुन कर कभी कुछ कहा”, मैंने मजाक भरे लहजे में कहा, “वैसे हैं कहां वह दोनों आजकल? कुछ अता-पता भी है उनका या नहीं? मिल जाते तो देखता, कितने ग्राम वजन कम हुआ है उनका।”
“हां, हैं ना”, राहुल भी हंस पड़ा, “वह देखो, वह जो दो सफेद टी-शर्ट में खड़े हैं।”
“वे पतले-पतले से”, मैंने कहा, “क्यों मजाक कर रहे हो यार, हाथी जैसे वह दोनों घोड़े जैसे कैसे हो गए? यह दोनों तो बड़े चुस्त और फुर्तीले लग रहे हैं।” मेरे लिए यह अविश्वसनीय था।
“वही हैं। दोनों ने मिलकर एक फिटनेस सेंटर खोला हुआ है, जो शहर में सबसे बढ़िया है”, राहुल बता रहा था, “अपनी मेहनत, लगन, सहनशीलता और आत्मविश्वास से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। वह आज यहाँ के युवाओं के आदर्श हैं।”
मैं सुन रहा था, और मेरा बाहर निकलता जा रहा पेट मेरा मजाक उड़ा रहा था, जैसे कह रहा हो, ‘लो, अब खुद को देख लो…।‘
© श्री विजय कुमार
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Khoob
बहुत बहुत बधाई
बहुत अच्छी लगी