प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे

☆ वेलेन्टाइन डे विशेष – लघुकथा – तेरी-मेरी कहानी ☆ प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे ☆

(बीते कल के वेलेंटाइन डे की अप्रतिम लघुकथा)  

“हैप्पी वेलेन्टाइन डे, माय डियर,एंड आय लव यू।” कहते हुए सुनील ने एक रेडरोज अपनी पत्नी रत्ना के हाथ में दे दिया। 

“आय लव यू टू, माय लाइफ।” कहते हुए रत्ना ने अपनी खुशी व्यक्त की। 

 इस पर दोनों ठीक चार दशक पहले की कॉलेज की यादों में खो गए। 

“सुनील जी! क्या आपके पास यूरोपियन हिस्ट्री की बुक है?”

“हां! जी है।”

“मुझे कुछ दिन को देंगे, क्या?”

“जी ज़रूर।”

और सुनील ने यूरोपियन हिस्ट्री की किताब एम ए प्रीवियस की उसकी क्लास में आई नवप्रवेशित सुंदर,आकर्षक और शालीन लड़की रत्ना को दे दी।

फिर रत्ना ने नोट्स बनाने में सुनील की मदद की। सहपाठी तो वे थे ही,आपस में दोनों का मेलजोल बढ़ता गया। 

कक्षा में दोनों ही सबसे होशियार थे, इसलिए दोनों के बीच स्पर्धा भी थी, पर पूरी तरह स्वस्थ। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के दिल में समाते गए। रिजल्ट आया तो दोनों के ही नाम यूनीवर्सिटी की मेरिट लिस्ट में थे। 

और आज दोनों एक-दूसरे के जीवन की मेरिट लिस्ट में भी हैं।

अचानक उनकी तंद्रा टूटी, वे वर्तमान में वापस लौट आये, और एक-दूसरे की ओर देखकर मुस्कराने लगे। सुनील ने कहा, “तुम्हारी-मेरी कहानी भी ख़ूब है, डियर।”

“हां! है तो माय हार्ट।” रत्ना ने शरारती अंदाज़ में कहा।

© प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे

प्राचार्य, शासकीय महिला स्नातक महाविद्यालय, मंडला, मप्र -481661

(मो.9425484382)

ईमेल – [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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