☆ “श्री राम नाम चालीसा”- श्री सदानंद आंबेकर  ☆

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श्री सदानंद आंबेकर

जन्म – 03 सितम्बर 1961 को पुण्य सलिला नर्मदा के पास जबलपुर में

शिक्षा – डॉ हरिसिंह गौर वि वि सागर से 1981 में वाणिज्य से स्नातकोत्तर

परिचय – 1982 में भारतीय स्टेट बैंक में सेवारम्भ, 2011 से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेकर अखिल विश्व गायत्री परिवार में स्वयंसेवक के रूप में 2022 तक सतत कार्य।

सम्प्रति – माँ गंगा एवं हिमालय से असीम प्रेम के कारण 2011 से गंगा की गोद एवं हिमालय की छाया में शांतिकुंज आश्रम हरिद्वार में निवास। अपनी इसी रूचि के कारण लगभग पूरी गंगा की यात्रा का अवसर मिला। यहाँ आने का उद्देश्य आध्यात्मिक उपलब्धि, समाजसेवा या सिद्धि पाना नहीं वरन कुछ ‘ मन का और हट कर ‘ करना रहा। जनवरी 2022 में शांतिकुंज में अपना संकल्पित कार्यकाल पूर्ण कर गृह नगर भोपाल वापसी एवं वर्तमान में वहीं निवास।

लेखन – स्वान्तः सुखाय। मैंने स्वयं को कभी लेखक या कवि नहीं माना, बैंक में हो या समाज में, आस पास की घटनाओं , चरित्रों को पढ़ा और स्वयंस्फूर्त कलम चल गयी , बस यही है मेरी रचना। मराठी मेरी माँ है तो हिंदी लाड़ली मौसी सो दोनों में अभिव्यक्तियाँ हुई। कोई साहित्यिक उपलब्धि नहीं।

विशेष – इस संस्था के निर्मल गंगा जन अभियान में भूमिका। गंगा स्वच्छता हेतु जन जागरण हेतु गंगा तट पर 2013 से निरंतर प्रवास। इसके अतिरिक्त वृक्षारोपण, बाल संस्कार शाला आदि पर भी सहयोगी भूमिका।

रुचियाँ – यात्रा , छायाकारी , लेखन और वाचन, विशेषतः कहानी।

सकारात्मक संदेश – ईश्वर का दिया यह जीवन व्यतीत करने के लिये नहीं वरन् जीने हेतु है अतः इसे सार्थकता से जिया जाये।

संपर्क – म नं सी 149, सी सेक्टर, शाहपुरा भोपाल मप्र 462039, मो – 8755 756 163 E-mail : [email protected]

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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Rishika

Adbhut vivran ram nam ka