श्री राजेन्द्र तिवारी
(ई-अभिव्यक्ति में संस्कारधानी जबलपुर से श्री राजेंद्र तिवारी जी का स्वागत। इंडियन एयरफोर्स में अपनी सेवाएं देने के पश्चात मध्य प्रदेश पुलिस में विभिन्न स्थानों पर थाना प्रभारी के पद पर रहते हुए समाज कल्याण तथा देशभक्ति जनसेवा के कार्य को चरितार्थ किया। कादम्बरी साहित्य सम्मान सहित कई विशेष सम्मान एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित, आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा वार्ताएं प्रसारित। हॉकी में स्पेन के विरुद्ध भारत का प्रतिनिधित्व तथा कई सम्मानित टूर्नामेंट में भाग लिया। सांस्कृतिक और साहित्यिक क्षेत्र में भी लगातार सक्रिय रहा। हम आपकी रचनाएँ समय समय पर अपने पाठकों के साथ साझा करते रहेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी एक विचारणीय लघुकथा ‘जी साहब अब ठीक है…’।)
☆ लघुकथा – जी साहब अब ठीक है… ☆
मैं उस समय सागर जिले में, थाना खिमलासा में, थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ था।
खिमलासा, सागर जिले में अपनी एक विशिष्ट प्रसिद्ध रखता है, यहां राज कपूर की फिल्म, तीसरी कसम, की शूटिंग हुई थी, जहां पर, दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई, काहे को दुनिया बनाई, गाने की शूटिंग हुई थी, मैं शासकीय कार्य से बीना गया था, बीना से लौट रहा था, तभी देखा कि सामने जीप में अंदर सवारियां भरी हुई थीं, और एक लड़का पायदान पर पैर रखकर जीप के बाहर लटका हुआ था, कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है, यह सोचकर जीप को रूकवाया, और जीप पर लटके लड़के को उतार कर उसको थप्पड़ मारा, और कहा कि अगर तुम्हारा हाथ छूट जाए तो तुम गिर जाओगे, मर भी सकते हो, क्यों लटकते हो, जीप ड्राइवर को भी डांटा, इतना कहकर मैं वापस अपनी जीप में बैठने लगा।
वह लड़का जो लटका हुआ था, दौड़ के मेरे पास आया, उसने कहा कि साहब एक विनती है आपसे, मैंने कहा बस लटकन मत, तो उसने कहा, अब मैं कभी नहीं लटकूंगा, मगर जीप के अंदर मेरा साला बैठा हुआ है, आप उसे भी एक थप्पड़ मार दो, नहीं तो वह घर जाकर मेरी पत्नी से, जो उसकी बहन है, से कहेगा, कि आज जीजा पिट गए, मेरी बेइज्जती हो जाएगी, मैं मुस्कुराया और जीप के पास आकर उसके साले को बाहर निकाला और उसको एक थप्पड़ मारा, कि तेरा जीजा बाहर लटका हुआ है, और तू आराम से अंदर बैठा है, और उसे डांट कर, फिर मैंने उसके जीजा से कहा, अब ठीक है ना, वह बहुत खुश हुआ, जी साहब अब ठीक है…
आज तक इस वाक्य को याद करके मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है…
© श्री राजेन्द्र तिवारी
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