महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.३७॥ ☆

भर्तुः कण्ठच्चविर इति गणैः सादरं वीक्ष्यमाणः

पुण्यं यायास त्रिभुवनगुरोर धाम चण्डीश्वरस्य

धूतोद्यानं कुवलयरजोगन्धिभिर गन्धवत्यास

तोयक्रीडानिरतयुवतिस्नानतिक्तैर मरुद्भिः॥१.३७॥

स्वामी सदृश कंठ , छबिवान तुम

गण समावृत महाकाल के धाम जाना

नदी स्नान क्रीड़ा निरत युवतिजन की

कमल धूलि मिस्रित पवन गंध पाना

 

© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’   

A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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