सुश्री प्रणिता खंडकर
☆ कविता – “सलाम–डॉ. ए. पी. जे. कलाम…” ☆ सुश्री प्रणिता खंडकर ☆
(१५/१०/१९३१ – २७/०७/२०२३)
बच्चे जिनके दिल की धडकन,
विज्ञान थी साँस,
देश-हित ही धर्म था जिनका,
अध्यापन की आस!
ब्राम्होस जैसे अस्त्र का,
सफल किया निर्माण,
भारत की ताकत का दिया,
दुनिया को एहसास !
अणु-शक्ति से देश-विकास का,
सपना देखा महान,
नदियों को जोडने का,
कितना अनोखा प्रयास!
प्रण लेना हर भारतवासी,
करेंगे, ये सपना साकार,
भारत के ‘ मिसाईल मॅन ‘ को,
वही होगा, सच्चा प्रणाम!
© सुश्री प्रणिता खंडकर
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