प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

☆ “सुनो संसार-वालो, राम फिर घर लौट आये हैं…” ☆ प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

(श्री राम लला की अयोध्या मे प्राण प्रतिष्ठा २२ जनवरी २०२४ पर)

सुनो संसार-वालो, राम फिर घर लौट आये हैं

उन्हें सब लोग प्यारे हैं ,अयोध्या गये बुलाये हैं।

उन्हें है चाह ममता ,न्याय, मन की समझदारी से

उन्हें सब लोग अपने है नहीं कोई पराये हैं।।

*

उन्हें कर्ततव्य अपना धर्म से भी अधिक प्यारा है

सदाचारी, निरभिमानी सदा उनका दुलारा है।

उन्हें भाता, जो जीता जिन्दगी, ईमानदारी से –

उन्हें श्री राम का मिलता सदा पावन सहारा है।

*

अलौकिक शक्ति हैं श्री राम  जो रिश्ता निभाते हैं

जहां दिखती जरूरत वहां पै काम आते हैं ।

सदा म‌र्यादाए रखते वे, जगत उनका पुजारी है-

इसी से राम राजा विश्व पुरुषोत्तम कहाते हैं।

*

भजो श्री राम, जय श्री राम, जय जय श्री राम जगत के राम जय श्री राम जय जय श्री राम

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

ए २३३ , ओल्ड मीनाल रेजीडेंसी  भोपाल ४६२०२३

मो. 9425484452

[email protected]

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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