डॉ. कोयल विश्वास

संक्षिप्त परिचय

नाम : डॉ. कोयल विश्वास

संप्रति: असोशीएट प्रोफेसर एवं हिन्दी विभाग अध्यक्ष, माउंट कार्मेल कॉलेज,स्वायत्त,बेंगलुरू।

प्रकाशित रचनाएं:

  • मौलिक: साहित्यकाश के दो चाँद- बंकिमचंद्र एवं प्रेमचंद( आलोचनात्मक ग्रंथ,2019), मन की खिड़की (कविता संग्रह 2021), गीली मिट्टी की खुशबू (कविता संग्रह 2023), यह तुम्हारा घर नहीं है (कहानी संग्रह 2024)
  • संपादित: कथा कौमुदी, कथा कौस्तुभ, एकाँकी धारा, कथा सरोवर, साहित्य वल्लरी. 
  • अनूदित : The Gazing Damsel Beyond the Canvas (2021), Treading the path of light (2022), Awakening of words (2022), The perfect picture (2023), My Satirical and Humorous stories by Dr. Harish Naval (2023).
  • हिंदी तथा अँग्रेज़ी साझा संकलनों में लगभग 100 कविताएं प्रकाशित तथा पत्र पत्रिकाओं में 30 से भी शोध आलेख प्रकाशित. 

 

☆ ~ ‘परछाई…’ ~ ☆ डॉ. कोयल विश्वास ? ☆

(लिटररी वारियर्स ग्रुप द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त कविता। प्रतियोगिता का विषय था >> “परछाइयां” /Shadows”।)

सागर के लहरों पर तैरती

आसमान की परछाई,

स्फटिक से झीलों में अंकित

पहाड़ों की परछाई,

धरती पर घुमड़ती बादलों की

और बादलों पर

पंख फैलाए बाजों की परछाई|

दूर क्षितिज पर लिपटी है जो

कंचन-रजत आभा सी

सूरज से आँख मिचौली खेलती

इंद्रधनुष की परछाई|

मेरे सपनों में तुम्हारी यादों की

और मेरी यादों में

तुम्हारी उम्मीदों की

अगणित रेशमी परछाई

तितलियों के परों सी नाजुक

फूलों की पंखुड़ियों की परछाई

फूलों पर बसे भौरों की

 

और भौरों के गुंजन में

जीवंत उपवन की परछाई|

बंद आखों में उभर आती है

पुतलियों पर अंकित असंख्य परछाई

ठिठुरती पानी के सतह पर तैरते हो जैसे

हिम शृंग की परछाई|

साथ चलने वाले पथिकों के चेहरे पर

अतृप्ति की परछाई;

क्लांत मन मेरा , संवेदना की आस में

जब पीछे मुडकर् देखा,

दिखा केवल बस एक

मेरी ही परछाई|

~ डॉ. कोयल विश्वास

© डॉ. कोयल विश्वास

असोशीएट प्रोफेसर एवं हिन्दी विभाग अध्यक्ष, माउंट कार्मेल कॉलेज,स्वायत्त,बेंगलुरू।

≈ Editor – Shri Hemant Bawankar/Editor (English) – Captain Pravin Raghuvanshi, NM ≈
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Neelam

Beautiful poem