महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.१२॥ ☆

 

आपृच्चस्व प्रियसखम अमुं तुङ्गम आलिङ्ग्य शैलं

वन्द्यैः पुंसां रघुपतिपदैर अङ्कितं मेखलासु

काले काले भवति भवतो यस्य संयोगम एत्य

स्नेहव्यक्तिश चिरविरहजं मुञ्चतो बाष्पमुष्णम॥१.१२॥

जगतवंद्य श्रीराम पदपद्म अंकित

उधर पूततट शैल उत्तुंग से मिल

जो वर्ष भर बाद पा फिर तुम्हें

विरह दुख से खड़ा स्नेहमय अश्रुआविल

 

© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव

A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय 

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