श्री अमरेंद्र नारायण

(आज प्रस्तुत है सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं  देश की एकता अखण्डता के लिए समर्पित व्यक्तित्व श्री अमरेंद्र नारायण जी की एक भावप्रवण कविता क्यों जीयें भय से हम जीवन?)

☆ क्यों जीयें भय से हम जीवन?  

 

क्यों जीयें भय से हम जीवन ?

शंकित क्यों रहता अपना मन?

 

जीवन का मिला वरदान हमें,

आशीष प्रभु का है सम्बल

बाधायें भी टल जायेंगी

डरते जीयें हम क्यों हर पल?

 

डरना है नहीं,हमें लड़ना है

हर विपदा से,उसके भय से

शक्ति इतनी प्रभु ने दी है

हम जीतेंगे दृढ़ निश्चय से

 

यह हर पल का डरना कैसा?

जीवन का मधु खोने जैसा

निष्क्रियता,जड़ता,कायरता

के वश में है होने जैसा!

 

भयभीत न हों, शंका छोड़ें

आशीष प्रभु का हम मांगें

होगा सुखमय अपना जीवन

जड़ता,आलस,चिंता त्यागें!

 

©  श्री अमरेन्द्र नारायण 

शुभा आशर्वाद, १०५५ रिज़ रोड, साउथ सिविल लाइन्स,जबलपुर ४८२००१ मध्य प्रदेश

दूरभाष ९४२५८०७२००,ई मेल amarnar @gmail.com

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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