डॉक्टर मिली भाटिया
(सुप्रसिद्ध चित्रकार एवं लेखिका डॉ मिली भाटिया जी को बसंत पंचमी पर्व पर उनके चित्रकला विषय में शोध “भारतीय लघुचित्रों में देवियों का अंकन” पर डॉक्टरेट से सम्मानित किये जाने पर एवं आज 18 फरवरी को आपके 35वे जन्मदिवस पर ई- अभिव्यक्ति परिवार की और से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। सत्रह वर्ष की आयु में माँ के निधन के पश्चातआँखों में आजीवन रहने वाले केरटोकोनस नेत्ररोग के होते हुए भी यह उपलब्धि प्रेरणास्पद है।
आज प्रस्तुत है आपकी कविता मैं “मिली”।
☆ कविता ☆ मैं “मिली” ☆ डॉक्टर मिली भाटिया ☆
हवाओं से बातें करती हूँ
सपनो की दुनिया में
रंगो को भरती हूँ
मैं “मिली”
खोई खोई सी रहती हूँ
ज़िन्दगी से उलझती हूँ
दिल की सुनती हूँ
मैं “मिली”
आसमान से बातें करती हूँ
फूलों की मुस्कुराहट को
काग़ज़ पर उकेरती हूँ
मैं “मिली”
चिड़िया सी चहकती हूँ
चंचल-शोख़ सी थी कुछ
खामोशी से अब बातें रखती हूँ
मैं “मिली”
तारों से सुलझती हूँ
बादलों सी बरसती हूँ
काग़ज़ को कलम से सजाती हूँ
मैं “मिली”
अब भी बस
खोई खोई सी रहती हूँ………..!!
मैं “मिली”
© डॉक्टर मिली भाटिया
रावतभाटा-राजस्थान
मोबाइल न०-9414940513