पंडित मनीष तिवारी
☆ शब्द और भाव सम्पदा के धनी – श्री राजेश पाठक ‘प्रवीण’ ☆
साहित्य से समाज तक, समाज से घर तक, घर से व्यक्ति तक – को जिनने अपने मधुर स्वभाव से जीता है, जिनकी पावन उपस्थिति साहित्य की सरिता और अनुशासन की गीता है। जो मंच संचालन में पूर्ण पारंगत हैं जिनकी नज़र में हर आगत श्रोता एक अनमोल नगीना है। जो सबको मान देते हैं, अवसर मिलने पर मंच और सम्मान देते हैं। ऐसे मिलनसार, हंसमुख और कर्मठ बड़े भाई राजेश पाठक प्रवीण जी का हमने 29 सितम्बर को 59 वां जन्मदिन मनाया है।
अतिशयोक्ति न होगी यदि मैं यह कहूँ कि राजेश भैया संस्कारधानी की साहित्यिक चेतना से संवाहक है, आयोजन उनका जुनून है, एक आयोजन का आभार प्रदर्शन हो नहीं पाता कि दूसरा उनके जेब में रखा रहता है। विशेषता यह है कि समर्पण सिर्फ कविताओं या कृतियों के प्रकाशन तक ही नहीं है वे हर उस आयोजन में सहभागी हैं जिससे मनुष्य की चेतना तरंगित होती है। चित्रकला, आर्केष्ट्रा, धार्मिक आयोजनों उनकी प्रभावी उपस्थिति से महिमा मण्डित होते हैं। राजेश भैया शब्द और भाव सम्पदा के धनी है उनका तात्कालिक शब्द चयन-शाब्दिक विन्यास उपस्थित श्रोताओं के अन्तस् में पैठ करते हुए मंच का आकर्षण बढ़ाता है।
पाथेय के माध्यम से सैकड़ों कृतियों का प्रकाशन और संपादन कर उनने नया कीर्तिमान गढ़ा है, नवांकुर से लेकर प्रतिष्ठित रचनाधर्मियों के प्रिय राजेश भैया के बहुमुखी व्यक्तित्व पर लिखना बहुत कुछ चाहता हूँ, आगे लिखूंगा भी फिलहाल बड़े भाई का जन्मदिन यश कीर्ति, सुख समृद्धि, उत्थान प्रगति, ऐश्वर्य योग से परिपूर्ण रहे। वे महफ़िल सजाते रहें साथियों को आनन्द की गंगा में हिलोरें लेने प्रेरित करते रहें। सियाराम जी उन्हें स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन प्रदान करें इन्हीं मंगलभाव के साथ आकाश भर शुभकामनाएं। साथ ही पूज्य भाभी श्रीमती रश्मि पाठक जी को नमन उन्हीं की उदारता के चलते साहित्यिक मेले लग पा रहे हैं।
बड़े भाई बधाई ????
© पंडित मनीष तिवारी, जबलपुर ,मध्य प्रदेश
प्रान्तीय महामंत्री, राष्ट्रीय कवि संगम – मध्य प्रदेश
मो न 9424608040 / 9826188236
राजेश जी को जन्मदिन के अवसर पर पर मेरी भी बधाई ?
अनुजवत मनीष भैया
आपके सृजन में मैंने आपके अंतर्मन का सौंदर्य ही अनुभूत किया । आपके मन भावों की निर्मलता ही आपका मधुवन है ।मै आपके मन मधुवन को नमन करता हुँ, कृतज्ञ हुँ ।नमित हुँ।।।।।