श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ 

(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ”  में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, अतिरिक्त मुख्यअभियंता सिविल  (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) में कार्यरत हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है।  उनका कार्यालय, जीवन एवं साहित्य में अद्भुत सामंजस्य अनुकरणीय है। आज प्रस्तुत है श्री विवेक जी की एक विचारणीय एवं सार्थक कविता  ‘शब्द तुम्हारे कुछ ले कर के,  घर लौटें तो अच्छा हो‘। इस सार्थक कविता के लिए श्री विवेक रंजन जी  का  हार्दिकआभार। )

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 82 ☆

☆ कविता शब्द तुम्हारे कुछ ले कर के,  घर लौटें तो अच्छा हो ☆

 कवि गोष्ठी से मंथन करते , घर लौटें तो अच्छा हो ।

शब्द तुम्हारे कुछ ले कर के,  घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

कौन किसे कुछ देता यूँ ही,  कौन किसे सुनता है अब,

छंद सुनें और गाते गाते,  घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

शुष्क समय में शून्य हृदय हैं, सब अपनी मस्ती में गुम,

रचनायें सुन हृदय भिगोते, घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

अपनी अपनी पीड़ाओं से सब पीड़ित, पर सब हैं चुप

पर पीड़ा सुन, खुद को खोते, घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

अपनी अपनी कविताओं पर, आत्ममुग्ध हैं सब के सब,

पर के भाव हृदय में ढोते, घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

कविताओं की विषय वस्तु तो , कवि को ही तय करनी है,

शाश्वत भाव सदा सँजोते, घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

रचना  पढ़े बिना, समझे बिन, नाम देख दे रहे बधाई

आलोचक से सहमत होते, घर लौटें  तो अच्छा हो ।।

 

कई डायरियां, ढेरों कागज, भर डाले सब लिख लिखकर,

छपा स्वयं का पढ़ते पढ़ते, घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

पढ़ते लिखते उम्र गुजारी, वर्षों गुजरे जलसों में,

अब जलसों में श्रोता बनके, घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

बड़ा सरल है वोट न देना,  और कोसना शासन को

वोटिंग कर कर्तव्य निभाते, घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

पहली बारिश पर मिट्टी की सौंधी खुशबू से तर हो,

खिले खिले कुछ महके महके, घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

बच्चों के सुख दुख  के खातिर  जीवन जिसने होम किया,

उसका हाथ थाम कर बच्चे , घर लौटें तो अच्छा हो ।।

 

© विवेक रंजन श्रीवास्तव, जबलपुर

ए १, शिला कुंज, नयागांव,जबलपुर ४८२००८

मो ७०००३७५७९८

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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