श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
वरिष्ठ साहित्यकार एवं अग्रज श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ जी स्वास्थ्य की जटिल समस्याओं से उबर रहे हैं। इस बीच आपकी अमूल्य रचनाएँ सकारात्मक शीतलता का आभास देती हैं। इस कड़ी में प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण रचना समय धागे…)
☆ तन्मय साहित्य # 80 ☆ समय धागे ☆
उम्मीदों के सुनहरे
शुभ पंख होते हैं
दुर्दिनों में राहतों के
बीज बोते हैं
टूटते मन शिथिल तन में
शक्ति का संचार कर
‘समय धागे’
बिखरते ‘मनके’ संजोते हैं।।
© सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
जबलपुर/भोपाल, मध्यप्रदेश0
मो. 9893266014
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈