श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

(सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी का  हिन्दी बाल -साहित्य  एवं  हिन्दी साहित्य  की अन्य विधाओं में विशिष्ट योगदान हैं। साप्ताहिक स्तम्भ “श्री ओमप्रकाश जी का साहित्य”  के अंतर्गत उनकी मानवीय दृष्टिकोण से परिपूर्ण लघुकथाएं आप प्रत्येक गुरुवार को पढ़ सकते हैं।  आज प्रस्तुत है  “हाइबन- प्राकृतिक इंडिया। )

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – श्री ओमप्रकाश जी का साहित्य # 80 ☆

☆ हाइबन- प्राकृतिक इंडिया ☆

आकाश से पृथ्वी का नजारा अनोखा व अलग दिखाई देता है। ऐसा ही जब आप हवाई जहाज से यात्रा करते हैं तो गांव, शहर, पहाड़ व प्रकृति के अनोखे नजारे दृश्यमान होते हैं। मगर आप जैसलमेर के ऊपर से 10 साल बाद हवाई यात्रा करेंगे तो यहां के घोटारु के रेगिस्तान में आपको इंडिया का प्राकृतिक नजारा दिखाई देगा।

भारत पाक बॉर्डर पर बीएसएफ के जवान ऐसे ही एक पार्क का निर्माण कर रहे हैं। इसमें डेढ़ किलो मीटर लंबे व आधा किलो मीटर चौड़ाई में अर्जुन, शीशम, पीपल के वृक्ष लगाए जा रहे हैं। 6500 वृक्षों से निर्मित पार्क को हवाई जहाज से देखने पर जमीन पर ‘इंडिया’ लिखा हुआ दिखाई देगा।

रेगिस्तान में एनजीओ संकल्पतरू के प्रयास से यह पार्क बनाया जा रहा है। जिसे 3 साल तक पोषित करने के बाद यह सोलर ऊर्जा की लाइट से सज्जित पार्क बीएसएफ को सौंप दिया जाएगा।

यह भारतमाला हाईवे पर निर्मित पहला टूरिज्म स्पॉट होगा जिसका आनंद बीएसएफ के जवान भी उठा पाएंगे।

रेगिस्तानी लूं~

इंडिया की सुरक्षा

में डटी सेना।

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© ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

27-01-21

पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़-४५८२२६ (नीमच) म प्र

ईमेल  – [email protected]

मोबाइल – 9424079675

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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