डॉ विजय तिवारी ‘किसलय’

(डॉ विजय तिवारी ‘ किसलय’ जी संस्कारधानी जबलपुर में साहित्य की बहुआयामी विधाओं में सृजनरत हैं । आपकी छंदबद्ध कवितायें, गजलें, नवगीत, छंदमुक्त कवितायें, क्षणिकाएँ, दोहे, कहानियाँ, लघुकथाएँ, समीक्षायें, आलेख, संस्कृति, कला, पर्यटन, इतिहास विषयक सृजन सामग्री यत्र-तत्र प्रकाशित/प्रसारित होती रहती है। आप साहित्य की लगभग सभी विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं। आपकी सर्वप्रिय विधा काव्य लेखन है। आप कई विशिष्ट पुरस्कारों /अलंकरणों से पुरस्कृत /अलंकृत हैं।  आप सर्वोत्कृट साहित्यकार ही नहीं अपितु निःस्वार्थ समाजसेवी भी हैं।आप प्रति शुक्रवार साहित्यिक स्तम्भ – किसलय की कलम से आत्मसात कर सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपका  एक अत्यंत विचारणीय आलेख  “गाँवों के विकास से बदलेगी तस्वीर ”.)

☆ किसलय की कलम से # 42 ☆

☆ गाँवों के विकास से बदलेगी तस्वीर ☆

 कुछ वर्षों पूर्व स्वाधीनता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री जी ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से हर विकासखंड में एक आदर्श ग्राम विकसित करने का आह्वान किया था।

यदि इस योजना पर गंभीरतापूर्वक अमल हुआ होता तो निश्चित ही देश का कायाकल्प हो जाता। आज भी गाँवों से गरीबी एवं बेरोजगारी के कारण बड़े पैमाने पर शहरों की ओर पलायन जारी है। कहीं न कहीं सरकारी तंत्र की उदासीनता ग्रामीण प्रगति के आड़े आती है। ग्राम विकास की पहले भी कई योजनाएँ चलाई गईं, लेकिन उनके क्रियान्वयन में खामियों और भ्रष्टाचार के चलते अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सके हैं। हमारे देश में विकास का आधार गाँव ही हैं। आज भी हमारी अधिसंख्य आबादी गाँवों में ही निवास करती है। जब तक गाँवों में शिक्षा, विकास एवं सम्मानजनक जीवनशैली के प्रति जागरूकता नहीं आती। जब तक तीव्रगामी शहरों की तरह ग्रामीण प्रगति भी प्रतिस्पर्धात्मक रूप नहीं लेती। जब तक हमारी सरकारें ग्रामीण विकास की योजनाओं के लिए समुचित बजट आवंटन और योजनाओं के क्रियान्वयन की पारदर्शी व्यवस्था लागू नहीं करतीं, तब तक  ‘सुविकसित गाँव’ का सपना यथार्थतः साकार होना मुश्किल ही लगता है। हमें देखना होगा कि सरकारें आशा के अनुरूप आदर्श ग्राम योजना हेतु बजट आवंटित करती रहेंगी अथवा ये भी हवा हवाई घोषणाएँ ही सिद्ध होंगी। सरकारें विकास के क्या पैमाने बनाती हैं और योजनाओं को कैसे अमल में लाती हैं। सिर्फ नेक सोच जताने या घोषणा करने से काम नहीं चलेगा। आप, हम, सभी को यह भी स्मरण रखना होगा कि सुपरिणामों के बाद ही सही मायनों में इंसान वाहवाही का हकदार होता है।

© डॉ विजय तिवारी ‘किसलय’

पता : ‘विसुलोक‘ 2429, मधुवन कालोनी, उखरी रोड, विवेकानंद वार्ड, जबलपुर – 482002 मध्यप्रदेश, भारत
संपर्क : 9425325353
ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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subedar pandey kavi atmanand

सार्थक सृजन संदेश अभिनंदन अभिवादन बधाई आदरणीय श्री