श्री श्याम खापर्डे
(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है आपकी नवरात्रि पर्व पर विशेष कविता “# माता रानी #”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 49 ☆
☆ # नवरात्रि पर्व विशेष – माता रानी # ☆
अंधकार ही अंधकार है
दुःख दर्द तो अपार है
त्राहि त्राहि है जनमानस
व्याकुल सारा संसार है
पोंछने आंखों का पानी
आजा आजा माता रानी
भूख बेकारी गले पड़ गई
गरीबी जन्म से अड़ गई
अधनंगी काया लेकर घूमे
शर्म, हया
कफन के साथ गड़ गई
छाया दे दे, तू हे दानी
आजा आजा माता रानी
न्याय तो अधमरा हो गया
सत्य तो डरा डरा सो गया
दुष्ट कर रहे हैं तांडव
कानून लाचार जार जार हो गया
तू चूर करदे इनकी अभिमानी
आजा आजा माता रानी
माता, पूजा पर तेरे पहरे है
मन पर घाव गहरे हैं
सच्चे है जो तेरे साधक
दूर कोने में ठहरे हैं
दर्शन देकर,
दूर कर इनकी ग्लानि
आजा आजा माता रानी
© श्याम खापर्डे
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