डॉ भावना शुक्ल
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 109 – साहित्य निकुंज ☆
☆ भावना के दोहे – नशा मुक्ति अभियान ☆
नशा रोज जो कर रहा, मिटता है घर द्वार।
रिश्ते सभी छूट रहे, रोज मचे तकरार।।
चरस गांजा भांग सभी, नहीं किसी का मोल।
लत नशे की दूर करो, जीवन है अनमोल।।
जगह जगह पर हो रहा, नशे का बहिष्कार।
समझ सको तो समझ लो, है देश की पुकार।।
देश देश में चल रहा, नशा मुक्ति अभियान।
देना होगा सभी को, बस थोड़ा सा ज्ञान।।
नशे की लत बहुत बुरी, करो नशे का नाश।
अपने ऊपर खुद तुम्हें, रखना होगा आश ।।
प्रचार देश में हो रहा, नशा मुक्ति सरकार।
दूर हो रहा है अभी, सभी का अंधकार।।
© डॉ.भावना शुक्ल
सहसंपादक…प्राची
प्रतीक लॉरेल , C 904, नोएडा सेक्टर – 120, नोएडा (यू.पी )- 201307
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
Wah kya baat… Ek dam satik