श्री संतोष नेमा “संतोष”

(आदरणीय श्री संतोष नेमा जी  कवितायें, व्यंग्य, गजल, दोहे, मुक्तक आदि विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं. धार्मिक एवं सामाजिक संस्कार आपको विरासत में मिले हैं. आपके पिताजी स्वर्गीय देवी चरण नेमा जी ने कई भजन और आरतियाँ लिखीं थीं, जिनका प्रकाशन भी हुआ है. आप डाक विभाग से सेवानिवृत्त हैं. आपकी रचनाएँ राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित होती रहती हैं। आप  कई सम्मानों / पुरस्कारों से सम्मानित/अलंकृत हैं.  “साप्ताहिक स्तम्भ – इंद्रधनुष” की अगली कड़ी में प्रस्तुत हैं  एक भावप्रवण  रचना “कोरोना में कुर्सी का खेल…. । आप श्री संतोष नेमा जी  की रचनाएँ प्रत्येक शुक्रवार आत्मसात कर सकते हैं।)

☆ साहित्यिक स्तम्भ – इंद्रधनुष # 105 ☆

☆ कोरोना में कुर्सी का खेल ….

 

कोरोना

नव रूप

बदलकर

चल रहा है.!

आम

आदमी को

बहुत

छल रहा है.!!

ओमीक्रान

का नया

वेरियंट.!

जिसमे कुछ

अलग है

करेंट.!!

फिर भी

उसकी

आड़ में धंधा

फल-फूल

रहा है..!

आम आदमी

सत्ता के

सहारे

झूल रहा है.!!

चुनावी

इश्क़

कोरोना पर

भारी है.!

चुनाव

कराने की

तैयारी है.!!

पर आम

आदमी पर

प्रतिबंधों की

बौछार है..!

उनके लिए

क्या दुख-दर्द

क्या त्यौहार है.!!

जिसकी

चपेट में

कई देश हैं..!

पर यहाँ पर

बदला बदला

परिवेश है..?

पिछली

त्रासदी

भूल रहे हैं.!

चुनाव सर पर

झूल रहे हैं !!

ये जनता है

सब जानती है.!

अच्छा-बुरा

पहचानती है.!!

कोरोना में

कुर्सी का खेल

“संतोष”

सत्ता के लिए

तेल-पानी का

मेल ..?

© संतोष  कुमार नेमा “संतोष”

सर्वाधिकार सुरक्षित

आलोकनगर, जबलपुर (म. प्र.) मो 9300101799
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈
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डॉ भावना शुक्ल

बेहतरीन सार्थक अभिव्यक्ति