श्री एस के कपूर “श्री हंस”
(बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री एस के कपूर “श्री हंस” जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। आप कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। साहित्य एवं सामाजिक सेवाओं में आपका विशेष योगदान हैं। आप प्रत्येक शनिवार श्री एस के कपूर जी की रचना आत्मसात कर सकते हैं। आज प्रस्तुत है आपका बाल साहित्य में एक भावप्रवण मुक्तक ।। बच्चे ही भारत के भविष्य भाग्य विधाता।।)
☆ मुक्तक ।। बच्चे ही भारत के भविष्य भाग्य विधाता।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस”☆
[1]
भविष्य का भारत ही तो आज का बच्चा है।
ढाल लो जैसे भी उसको कि मन का सच्चा है।।
जिस साँचे में डालोगे उसे बन जायेगा वैसा ही।
अभी पका नहीं कि आज भी मिट्टी सा कच्चा है।।
[2]
बहुत सारे विकल्प आपके पास आजमाने को।
उसको सुसंस्कृत संस्कारी जैसा बनाने को।।
चाहो तो आधुनिकता की अंधी दौड़ में झोंक दो।
यही उचित समय है उन्हें शौर्य गाथायें सुनाने को।।
[3]
बच्चा आगे बनेगा हठी बात यह आज तय करेगा।
जो कुछ सिखायेंगे आज वो वैसी ही लय भरेगा।।
बच्चे देश के कर्णधार भारत के भाग्य विधाता।
आज की शिक्षा सहारे ही चुनौतियों से वो लड़ेगा।।
[4]
आज के नौनिहाल ही कल के राष्ट्र निर्माता हैं।
आज डालिये अच्छी आदतें कि भविष्यदाता हैं।।
स्वस्थ, सुडौल, आज से ही उनको बनाये आप ।
बच्चे भारत नव निर्माण के सच्चे भाग्य विधाता हैं।।
© एस के कपूर “श्री हंस”
बरेली
मोब – 9897071046, 8218685464