श्री जय प्रकाश पाण्डेय
(श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी की पहचान भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी के अतिरिक्त एक वरिष्ठ साहित्यकार की है। वे साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनके व्यंग्य रचनाओं पर स्व. हरीशंकर परसाईं जी के साहित्य का असर देखने को मिलता है। परसाईं जी का सानिध्य उनके जीवन के अविस्मरणीय अनमोल क्षणों में से हैं, जिन्हें उन्होने अपने हृदय एवं साहित्य में सँजो रखा है।आज प्रस्तुत है आपका एक मजेदार व्यंग्य – “झाड़ू पुराण”।)
☆ व्यंग्य # 151 ☆ “झाड़ू पुराण” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆
(इस स्तम्भ के माध्यम से हम आपसे उनके सर्वोत्कृष्ट व्यंग्य साझा करने का प्रयास करते रहते हैं । व्यंग्य में वर्णित सारी घटनाएं और सभी पात्र काल्पनिक हैं ।यदि किसी व्यक्ति या घटना से इसकी समानता होती है, तो उसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा। हमारा विनम्र अनुरोध है कि प्रत्येक व्यंग्य को हिंदी साहित्य की व्यंग्य विधा की गंभीरता को समझते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण से आत्मसात करें।)
इन दिनों झाड़ू वालों के दिन खराब चल रहे हैं। रह रहकर एजेंसियां और मीडिया झाड़ू वालों पर मेहरबान हैं। हर थोड़ी देर बाद कभी शिक्षा कभी स्वास्थ्य तो कभी शराब को लेकर दंगल पे दंगल देखने मिल रहे हैं। लोग बताते हैं कि स्वच्छता अभियान की सफलता में झाड़ू वालों ने और झाड़ू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जब झाड़ू की बात चलती है तो पता नहीं क्यों लोग पंजाब और दिल्ली को याद करने लगते हैं।
गंगू प्रतिदिन सुबह उठकर झाड़ू की पूजा करता है, गंगू ने बताया कि पौराणिक शास्त्रों में कहा गया है कि जिस घर में झाड़ू का अपमान होता है वहां धन हानि होती है, शेयर बाजार धड़ाम से गिर जाता है, रूपया के गिरने की आदत बन जाती है, मंहगाई आसमान छूने लगती है, क्योंकि झाड़ू में धन की देवी महालक्ष्मी का वास माना गया है।
विद्वानों के अनुसार झाड़ू पर पैर लगने से महालक्ष्मी का अनादर होता है। झाड़ू घर का कचरा बाहर करती है और कचरे को दरिद्रता का प्रतीक माना जाता है। जिस घर में पूरी साफ-सफाई रहती है वहां धन, संपत्ति और सुख-शांति रहती है, पर इधर कुछ दिनों से कुछ लोग हाथ धोकर, झाड़ू और झाड़ू वालों के पीछे पड़े हैं। परेशान होकर एक झाड़ूराम एक ज्योतिषी की शरण में गए और अपनी समस्या बताई। ज्योतिषी ने हाथ देखकर बताया कि आपकी असली समस्या 2024 है, कुछ लोग आपकी झाड़ू से डर गये हैं और आपके पीछे पड़ गए हैं, इसलिए कुछ उपाय हैं जिनसे थोड़ी राहत मिल सकती है। पहली बात तो यह है कि आप झाड़ू के प्रदर्शन में संयम बरतें, जब घर में झाड़ू का इस्तेमाल न हो, तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखना चाहिए। शाम के समय सूर्यास्त के बाद झाड़ू नहीं लगाना चाहिए इससे आप लोगों में परेशानी आती है।
झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए, इससे आपसी कलह होती है, और आप के लोग सब जानकारी लीक कर देते हैं। आपके अच्छे दिन कभी भी खत्म न हो, इसके लिए हमें चाहिए कि हम गलती से भी कभी झाड़ू को पैर नहीं लगाएं या लात ना लगने दें, अगर ऐसा होता है तो घर से कुर्सी चोरी हो जाती है। ज्यादा पुरानी झाड़ू और झाड़ू वालों को घर में न रखें। किसी एकांत जगह में छुपा दें या कि तत्काल सेवा में लगा दें।
झाड़ू की कभी भी घर से बाहर, या विदेश में प्रशंसा कराने से अशुभ होता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से झाडू वालों के अनिष्ट योग बन जाते हैं, झाड़ू को हमेशा छिपाकर रखना चाहिए। ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां से झाड़ू हमें, घर या बाहर के किसी भी सदस्यों को दिखाई नहीं दे।
— वो तो ठीक है पर पंडित जी रात रात भर सपने में बार बार झाड़ू दिखाई दे रही है इसका क्या मतलब है?
ज्योतिषी- सपने मे झाड़ू देखने का मतलब है नुकसान और नुकसान, अपयश, आरोप प्रत्यारोप, कुर्सी चोरी होने का योग…..
© जय प्रकाश पाण्डेय
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