श्री सूबेदार पाण्डेय “आत्मानंद”
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – आत्मानंद साहित्य# 139 ☆
☆ कविता ☆ गण पति वंदना ☆ श्री सूबेदार पाण्डेय “आत्मानंद” ☆
हे! लंबोदर गिरजा नंदना ।
देवा सिध्द करो सब कामना।
मंगल मूर्ति आप पधारो।
जीवन के सब दुखों को टारो।
हे! गौरी सुत गजवदना
देवा सिद्ध करो मनकामना।।१।।
शुभ मंगल के प्रभु प्रतीक हो,
शिव जी के वंशज गणेश हो।
हे! लंबोदर गौरी नंदना,
हे! सिद्ध विनायक गजवदना।
देवा सिद्ध करो सब कामना ।। २।।
रिद्धी सिद्धी के प्रभु तुम दाता,
बुद्धि ज्ञान के तुम अधिष्ठाता।
ध्यान धरूं सुख शांति पाऊं,
कहां लौं तुम्हरी कीर्ति गांऊ।
देवा सिद्ध करो मनकामना,
मूषक सवार गज बदना।।३।।
© सूबेदार पांडेय “आत्मानंद”
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