श्री श्याम खापर्डे
(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है दीप पर्व पर आपकी एक भावप्रवण कविता “#खुशियों भरा नववर्ष …#”)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 111 ☆
☆ # खुशियों भरा नववर्ष … # ☆
उल्लास है, उमंग है
आंखों में है हर्ष
नये सुनहरे सपने लेकर
आया खुशियों भरा नववर्ष
किरणों की डोली में
ओस की बूंदें झूमे
भ्रमर दीवाने मदमस्त
कली कली को चूमे
खिलते हुए पुष्प
गंध लुटा रहे सहर्ष
नयी सुबह है, नये गीत है
बहती तरंगों पर, नया संगीत है
चारों दिशाएं आलोकित है
छन के आ रही प्रीत ही प्रीत है
प्रेम में डूबी है पुरवाई
हृदय को करती स्पर्श
उतार फेंको पुराना चोला
जीवन जियो हरफनमौला
हर कण में है नव अंकुर
कहीं आग तो कहीं शोला
नई रोशनी, नया प्रहर है
जीवन तो है एक संघर्ष
अब नफरत की कोई जगह नही है
अब भेदभाव की कोई वजह नहीं है
हम सब है भाई भाई
अब विचारों में कोई कलह नहीं है
खुद जियो औरों को जीने दो
यही है सबको परामर्श
नये सुनहरे सपने लेकर
आया है खुशियों भरा नववर्ष
© श्याम खापर्डे
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