श्री एस के कपूर “श्री हंस”
(बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री एस के कपूर “श्री हंस” जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। आप कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। साहित्य एवं सामाजिक सेवाओं में आपका विशेष योगदान हैं। आप प्रत्येक शनिवार श्री एस के कपूर जी की रचना आत्मसात कर सकते हैं। आज प्रस्तुत है आपका एक भावप्रवण मुक्तक ।। सच्चा रिश्ता एक अनमोल अमानत होता है।।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ “श्री हंस” साहित्य # 55 ☆
☆ मुक्तक ☆ ।। सच्चा रिश्ता एक अनमोल अमानत होता है।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
[1]
सच्चे रिश्तों के लिए एहसास जरूरी है।
हर रिश्ते को मानना खास जरूरी है।।
दिल से दिल का तार मिला कर चलो।
रिश्तों में और कुछ नहीं विश्वास जरूरी है।।
[2]
दोस्ती का अपना एक अंदाज होता है।
हर सवाल का देना जवाब होता है।।
दोस्ती खून का नहीं है यकीन का रिश्ता।।
ये एक रिश्ता हर एक से लाजवाब होता है।।
[3]
कभी अपने के आंख में आंसू न आने देना।
कभी किसी दोस्त को यूं मत गवानें देना।।
प्रेम की नाजुक डोरी बहुत होती मजबूत।
कभी इस पर कोई दाग मत लगाने देना।।
[4]
सच्चा रिश्ता प्रभु की दी हुई नियामत होता है।
आपकी खुशियों की वह जमानत होता है।।
दोस्ती कभी टिकती नहीं बिना निभाने के।
रखना संभाल कि अनमोल अमानत होता है।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
बरेली
मोब – 9897071046, 8218685464