श्री एस के कपूर “श्री हंस”
(बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री एस के कपूर “श्री हंस” जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। आप कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। साहित्य एवं सामाजिक सेवाओं में आपका विशेष योगदान हैं। आप प्रत्येक शनिवार श्री एस के कपूर जी की रचना आत्मसात कर सकते हैं। आज प्रस्तुत है आपका एक भावप्रवण मुक्तक ।।नई पीढ़ी को सौंपनी है, शुद्ध स्वच्छ पर्यावरण की विरासत।।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ “श्री हंस” साहित्य # 64 ☆
☆ मुक्तक ☆ ।।नई पीढ़ी को सौंपनी है, शुद्ध स्वच्छ पर्यावरण की विरासत।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
(पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल पर विशेष रचना)
[1]
वृक्षों से ही हमारे जीवन में आती हरियाली है।
प्रकृति पोषित और हर ओर होती खुशहाली है।।
पर्यावरण सरंक्षण धुरी है जीवन के रक्षा की।
जानो तभी मनेगी नई पीढ़ी की होली दीवाली है।।
[2]
रक्षा पर्यावरण की तेरी मेरी सबकी जिम्मेदारी है।
हम अभी से हों समझदार इसी में होशियारी है।।
नहीं तो इस बर्बादी की होगी हमारी ही जवाबदारी।
यही आज समय का तकाजा और खबरदारी है।।
[3]
जो हम सिखायेंगे नई पीढ़ी वही करेगीआगे जाकर।
पर्यावरण के प्रति जागरूक होगी यह शिक्षा लाकर।।
आज कर्तव्य कि नई पीढ़ी को सौंपना स्वच्छ पर्यावरण।
अन्यथा आने वाली पीढ़ी दुःख भरेगी ये विरासत पाकर।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
बरेली
मोब – 9897071046, 8218685464