श्री जय प्रकाश पाण्डेय
(श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी की पहचान भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी के अतिरिक्त एक वरिष्ठ साहित्यकार की है। वे साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनके व्यंग्य रचनाओं पर स्व. हरीशंकर परसाईं जी के साहित्य का असर देखने को मिलता है। परसाईं जी का सानिध्य उनके जीवन के अविस्मरणीय अनमोल क्षणों में से हैं, जिन्हें उन्होने अपने हृदय एवं साहित्य में सँजो रखा है। आज प्रस्तुत है आपकी एक अविस्मरणीय संस्मरण – “समय समय की बात”।)
☆ संस्मरण ☆ “समय समय की बात” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆
जमाना कितना बदल गया। हम लोगों ने परसाई जी के जीते जी 1991 में परसाई जन्मदिन के बहाने परसाई के व्यक्तित्व और कृतित्व पर तीन दिवसीय बड़ा आयोजन किया था, जिसमें गया से मुख्य अतिथि डॉ सुरेन्द्र चौधरी (ख्यातिलब्ध आलोचक) आये थे और अध्यक्षता महात्मा गांधी के निजी सचिव पूर्व सांसद डॉ महेश दत्त मिश्र जी ने की थी
इस अवसर पर ‘परसाई स्मारिका पुस्तिका’ हमारे सम्पादन में निकाली गई थी, उस समय कई सौ प्रतियां नि:शुल्क बांटी गईं थीं। आज के समय में प्रकाशक संग्रह छापने के पहले लेखक से सौ प्रतियां खरीदने की शर्त रख देते हैं।
© जय प्रकाश पाण्डेय
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