श्री एस के कपूर “श्री हंस”

☆ “श्री हंस” साहित्य # 85 ☆

☆ मुक्तक ☆ ॥ वीर सपूत महान क्रांतिकारी शहीदे आजम भगत सिंह☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆ 

(भारत माता के वीर सपूत महान क्रांतिकारी शहीदे आजम भगत सिंह जी के जयंती दिवस (28 सितंबर) पर श्रद्धा सुमन व ह्रदय उदगारअर्पित।)

[1]

भगत सिंह की गाथा तो है, आज भी प्रेरणा की कारण।

आज़ादी के लिए हँसते हँसते, किया था मृत्यु को धारण।।

पराधीनता सपनेहुँ सुख नाही, चढ़ गए वह सूली पर।

गुलामी में नहीं किया, कभी भी वंदना चारण।।

[2]

जालियाँ वाला बाग का समय, और समय उसके बाद।

भारत की स्वाधीनता को बेताब, थे भगत सिंह और आजाद।।

प्राण किये न्यौछावर और हो गए वह शहीद।

आज सब भारतवासी कर रहे, नम आँखों से याद।।

[3]

नमन है इन शहीदों को, जो देश पर कुरबान हो गए।

वतन के लिये देकर जान वह बेजुबान हो गए।।

उनके प्राणों की आहुति से ही स्वाधीन है देश हमारा।

उठ कर जमीन से ऊपर वह आसमान हो गए।।

भारत माता की जय ।।जय हिंद।। वन्देमातरम।।

© एस के कपूर “श्री हंस”

बरेली

ईमेल – Skkapoor5067@ gmail.com

मोब  – 9897071046, 8218685464

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈
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