श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
(सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ जी अर्ध शताधिक अलंकरणों /सम्मानों से अलंकृत/सम्मानित हैं। आपकी लघुकथा “रात का चौकीदार” महाराष्ट्र शासन के शैक्षणिक पाठ्यक्रम कक्षा 9वीं की “हिंदी लोक भारती” पाठ्यपुस्तक में सम्मिलित। आप हमारे प्रबुद्ध पाठकों के साथ समय-समय पर अपनी अप्रतिम रचनाएँ साझा करते रहते हैं। आज प्रस्तुत है आपके “हाथ मिलाये फसलों ने…”।)
☆ तन्मय साहित्य #207 ☆
☆ हाथ मिलाये फसलों ने… ☆ श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ ☆
(फेसबुक के स्मृतिकोष से 2011में लिखा एक गीत)
हाथ मिलाये फसलों ने
खरपतवारों से
मठों, आश्रमों ने
राजा के दरबारों से।
सजा मिली सच्चाई को
तो झूठ हँसा
मुफ़्त गवाही दी,सच की
ईमान फँसा,
बिका हुआ हाकिम
फरेबी उपकारों से। हाथ मिलाए……….
विद्या ने वैभव से मिलकर
जुगत भिड़ाई
और कलम ने लफ्फाजों से
प्रीत बढ़ाई,
भटक रहा इंसान
भ्रमित हो बाजारों से। हाथ मिलाए………
संत, मौलवी अभ्यासी
सब भोगों के
अस्पताल में रोगाणु
सब रोगों के,
अमन शांति के हैं प्रयास
अब हथियारों से।
हाथ मिलाये फसलों ने
खरपतवारों से।
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© सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
जबलपुर/भोपाल, मध्यप्रदेश, अलीगढ उत्तरप्रदेश
मो. 9893266014
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈