श्री एस के कपूर “श्री हंस”
☆ “श्री हंस” साहित्य # 92 ☆
☆ मुक्तक ☆ ।। संघर्ष में तपकर ही व्यक्ति महान होता है।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
[1]
जब हौंसला हमारा चट्टान सा होता है।
तो फिर रास्ता भी आसान सा होता है।।
जो विपरीत परिस्थितियों में धैर्य खोते नहीं।
उनके लिए संकट बस मेहमान सा होता है।।
[2]
मन में विश्वास तो कोई हरा नहीं सकता।
बिना आस के तो कोई जिता नहीं सकता।।
यदि मन से न हारे तो फिर हार होती नहीं ।
यदि ठान लो तो कोई गिरा नहीं सकता।।
[3]
उम्मीद से अंधेरे में भी उजाला हो जाता है।
खराब हालात प्रभु खुद रखवाला हो जाता है।।
कुदरत खुद सवाल का जवाब जाती है बन।
जोश जनून सेआदमी दिलवाला हो जाता है।।
[4]
जो कि हर स्तिथि में धैर्यवान होता है।
वह जाकर फिर एक सफल इंसान होता है।।
अपनेअनमोल जीवन का मूल्य जो जानता।
वही फिर सोने सा तप कर महान होता है।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
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